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HC की रोक के बावजूद स्वीकार कर ली खात्मा रिपोर्ट, कोर्ट ने नोटिस जारी कर JMFC भोपाल से मांगा जवाब - जबलपुर उच्च न्यायालय

हाईकोर्ट की रोक के बावजूद भी जेएफएमसी भोपाल रोहित श्रीवास्तव ने पुलिस द्वारा पेश की गई खात्मा रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया. जिसके बाद हाईकोर्ट ने जेएमएफसी को कारण बताओं नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

जबलपुर हाई कोर्ट
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Published : Oct 29, 2021, 8:06 PM IST

जबलपुर। हाईकोर्ट की रोक के बावजूद भी जेएमएफसी भोपाल रोहित श्रीवास्तव ने पुलिस द्वारा पेश की गई खात्मा रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया. हाईकोर्ट जस्टिस विशल घगट की एकलपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए जेएमएफसी को कारण बताओं नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

याचिकाकर्ता मोहम्मद आमिर की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि साल 2000 में कुख्यात बदमाश मुख्तार मलिक, सरदार जसवीर सिंह, नानक सिंह, बलवंत सिंह, सन्तोख सिंह, त्रिलोचंन सिंह, लक्ष्मीनारायण वर्मा, अशिफ मामू, असलम खान उर्फ चोटी ने नामांतरण पत्र में फर्जीवाड़ा करते हुए 104 एकड़ जमीन शासकीय अभिलेख में अपने नाम पर दर्ज करवाई थी. जिसकी शिकायत करने पर दिसंबर 2019 में भोपाल के कोहेफिजा थाने में आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया था.

अगस्त 2020 में आरोपियों के खिलाफ इनाम घोषित किया गया. इसी दौरान आरोपी सरदार जसवीर सिंह को थाना गोहारगंज द्वारा गिरफ्तार कर थाना कोहेफिजा के सुपुर्द किया गया, लेकिन उच्च अधिकारियों से पहचान होने की वजह से आरोपी को गैर-कानूनी तरीके से पुलिस ने बिना कार्रवाई किए रिहा कर दिया.

याचिका में ये आरोप लगाए
याचिका में आरोप लगाया गया था कि भोपाल पुलिस आरोपियों का समर्थन कर रही है. इस दौरान आरोपी मुख्तार मलिक ने उपचार के लिए हाईकोर्ट से अस्थाई जमानत का लाभ प्राप्त कर लिया था. हाईकोर्ट ने आरोपी मुख्तार मलिक को निर्देशित किया था कि 26 जुलाई 2021 तक आत्मसमर्पण कर दें. निर्धारित तिथि निकल जाने के बावजूद भी आरोपी मुख्तार मलिक ने आत्मसमर्पण नहीं किया. पुलिस प्रकरण में खात्मा रिपोर्ट पेश करने की तैयारी कर रही है.

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याचिका पर कोर्ट में सुनवाई

याचिका में सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने पूर्व में प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जिला न्यायालय को खात्मा रिपोर्ट स्वीकार नहीं करने के निर्देश दिए. एकलपीठ ने कुख्यात बदमाश की स्थाई जमानत रदद किए जाने के निर्देश भी जारी किए हैं. याचिका की सुनवाई के दौरान एकलपीठ को बताया गया कि हाईकोर्ट की रोक के बाजवूद भी 10 आरोपियों में से 9 के पक्ष में पेश की गई खात्मा रिपोर्ट जेएमएफसी भोपाल कोर्ट ने स्वीकार कर ली है. जिसे गंभीरता से लेते हुए एकलपीठ ने जेएमएफसी को कारण बताओं नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

जबलपुर। हाईकोर्ट की रोक के बावजूद भी जेएमएफसी भोपाल रोहित श्रीवास्तव ने पुलिस द्वारा पेश की गई खात्मा रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया. हाईकोर्ट जस्टिस विशल घगट की एकलपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए जेएमएफसी को कारण बताओं नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

याचिकाकर्ता मोहम्मद आमिर की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि साल 2000 में कुख्यात बदमाश मुख्तार मलिक, सरदार जसवीर सिंह, नानक सिंह, बलवंत सिंह, सन्तोख सिंह, त्रिलोचंन सिंह, लक्ष्मीनारायण वर्मा, अशिफ मामू, असलम खान उर्फ चोटी ने नामांतरण पत्र में फर्जीवाड़ा करते हुए 104 एकड़ जमीन शासकीय अभिलेख में अपने नाम पर दर्ज करवाई थी. जिसकी शिकायत करने पर दिसंबर 2019 में भोपाल के कोहेफिजा थाने में आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया था.

अगस्त 2020 में आरोपियों के खिलाफ इनाम घोषित किया गया. इसी दौरान आरोपी सरदार जसवीर सिंह को थाना गोहारगंज द्वारा गिरफ्तार कर थाना कोहेफिजा के सुपुर्द किया गया, लेकिन उच्च अधिकारियों से पहचान होने की वजह से आरोपी को गैर-कानूनी तरीके से पुलिस ने बिना कार्रवाई किए रिहा कर दिया.

याचिका में ये आरोप लगाए
याचिका में आरोप लगाया गया था कि भोपाल पुलिस आरोपियों का समर्थन कर रही है. इस दौरान आरोपी मुख्तार मलिक ने उपचार के लिए हाईकोर्ट से अस्थाई जमानत का लाभ प्राप्त कर लिया था. हाईकोर्ट ने आरोपी मुख्तार मलिक को निर्देशित किया था कि 26 जुलाई 2021 तक आत्मसमर्पण कर दें. निर्धारित तिथि निकल जाने के बावजूद भी आरोपी मुख्तार मलिक ने आत्मसमर्पण नहीं किया. पुलिस प्रकरण में खात्मा रिपोर्ट पेश करने की तैयारी कर रही है.

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याचिका पर कोर्ट में सुनवाई

याचिका में सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने पूर्व में प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जिला न्यायालय को खात्मा रिपोर्ट स्वीकार नहीं करने के निर्देश दिए. एकलपीठ ने कुख्यात बदमाश की स्थाई जमानत रदद किए जाने के निर्देश भी जारी किए हैं. याचिका की सुनवाई के दौरान एकलपीठ को बताया गया कि हाईकोर्ट की रोक के बाजवूद भी 10 आरोपियों में से 9 के पक्ष में पेश की गई खात्मा रिपोर्ट जेएमएफसी भोपाल कोर्ट ने स्वीकार कर ली है. जिसे गंभीरता से लेते हुए एकलपीठ ने जेएमएफसी को कारण बताओं नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

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