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अवैध कॉलोनियों को वैध करने के आदेश को रद्द करने की मांग, HC में लगी याचिका

जबलपुर में अवैध कॉलोनियों के नियमितिकरण के लिए कानून में किये गये संशोधन को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी है, याचिका में कहा गया है कि जारी अध्यादेश अवैधानिक है और विधि मान्यता के खिलाफ है. याचिका पर अगामी सप्ताह में सुनवाई की संभावना है.

Jabalpur High Court
जबलपुर हाईकोर्ट
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Published : Jul 31, 2021, 7:56 PM IST

जबलपुर। अवैध कॉलोनी को वैध करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया गया था, जिसे लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई गई है, याचिका में कहा गया है, कि जारी अध्यादेश अवैधानिक है और विधि मान्यता के खिलाफ हैं, इस याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई हो सकती है.

नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ पी जी नाजपांडे तथा रजत भार्गव की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया है कि अवैध कॉलोनियों के नियमितिकरण के लिए पिछले 20 जुलाई को कानून में संशोधन किया गया है, ऐसे में अवैध कॉलोनियों को बनाने में बढावा मिलेगा और ऐसी कॉलोनिया शहर के मास्टर प्लॉन और सस्टेनेबल विकास के खिलाफ है, संशोधन में कॉलोनीवासियों को मिलने वाली मूलभूत सेवाओं को लेकर भी याचिका में जिक्र किया गया है.

रोड, पार्क, नदी और तालाब के किराने बनाई गयी अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी, सिर्फ पैसा वसूलकर उनकी कम्पाउण्डींग की जायेगी, कॉलोनियों का अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, साथ ही जबलपुर में स्थित तालाब के किनारे बनी अवैध कॉलोनियों की फोटो भी प्रस्तुत करने होंगे. याचिका में संशोधन को रद्द किये जाने की मांगी की गयी है, याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय पैरवी कर रहे हैं.

जबलपुर। अवैध कॉलोनी को वैध करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया गया था, जिसे लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई गई है, याचिका में कहा गया है, कि जारी अध्यादेश अवैधानिक है और विधि मान्यता के खिलाफ हैं, इस याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई हो सकती है.

नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ पी जी नाजपांडे तथा रजत भार्गव की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया है कि अवैध कॉलोनियों के नियमितिकरण के लिए पिछले 20 जुलाई को कानून में संशोधन किया गया है, ऐसे में अवैध कॉलोनियों को बनाने में बढावा मिलेगा और ऐसी कॉलोनिया शहर के मास्टर प्लॉन और सस्टेनेबल विकास के खिलाफ है, संशोधन में कॉलोनीवासियों को मिलने वाली मूलभूत सेवाओं को लेकर भी याचिका में जिक्र किया गया है.

रोड, पार्क, नदी और तालाब के किराने बनाई गयी अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी, सिर्फ पैसा वसूलकर उनकी कम्पाउण्डींग की जायेगी, कॉलोनियों का अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, साथ ही जबलपुर में स्थित तालाब के किनारे बनी अवैध कॉलोनियों की फोटो भी प्रस्तुत करने होंगे. याचिका में संशोधन को रद्द किये जाने की मांगी की गयी है, याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय पैरवी कर रहे हैं.

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