जबलपुर। बीजेपी प्रवक्ता जमा खान ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को पत्र लिखकर मांग की है कि अयोध्या के धनीपुर में मुस्लिम समुदाय को मस्जिद बनाने के लिए जो जगह दी गई है. उस जमीन पर बनने वाली इमारत का नामकरण बाबर के नाम पर न किया जाए, बल्कि उसके स्थान पर मुस्लिम धर्म के अन्य बड़े लोगों के नामों पर विचार किया जाए.
मुस्लिम समाज का आइडियल नहीं है बाबर
जमा खान ने पत्र लिखकर सुन्नी वक्फ बोर्ड से आग्रह किया है कि जमीन पर जो जो भी निर्माण कार्य हो रहा है, उसमें कोई आपत्ति नहीं है, पर बाबर का नाम न रखा जाए क्योंकि ये बात साफ है कि बाबर न तो हिंदुस्तान का था और न ही मुसलमानों का आइडियल था, जबकि बाबर के बाद का समय हमारे हिंदुस्तानी मुसलमानों का रहा है, ये हिंदुस्तान का रिवाज है कि जब भी हम नए एवं अच्छे कार्य की शुरुआत करते हैं तो बरकत वाले नाम का चयन किया जाता है. जिससे उस नाम की बरकत आने वाली नस्लों को मिलती रहे.
जमा खान ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड इंडिया को सुझाव दिया है कि हिंदुस्तान में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती हजरत निजामुद्दीन औलिया, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, मौलाना अबुल कलाम आजाद, मोहम्मद अली जौहर, अशफाक उल्ला खान जैसे नामों पर विचार करें क्योंकि इन नामों से कौमी एकता की मरकज का नाम रखा जाता है. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि ये वे नाम हैं, जिनमें सभी धर्मों के लोगों को शिफा मिलती है, शिक्षा मिलती है और बहुत कुछ सीखने को मिलता है.
जमा खान ने कहा कि हमारा मकसद है हिंदुस्तान एक शक्तिशाली एवं समृद्ध राष्ट्र बनाने का, जमीन के हिस्से में बनाई जा रही लाइब्रेरी को लेकर भी जमा खान ने वक्फ बोर्ड को सुझाव दिया है कि उस लाइब्रेरी में अगर सभी धर्मों की किताबों को शामिल किया जाए तो इससे सभी धर्मों के लोगों को अच्छी तालीम मिलेगी, साथ ही हमारे बच्चों का भविष्य भी बनेगा. इस पुस्तकालय के जरिए देश की कौमी इतिहास को मजबूत भी कर सकेंगे.