जबलपुर। जमीनों का फर्जीवाड़ा और अवैध तरीके से संपत्ति जुटाने के आरोप में घिरे बिशप पीसी सिंह ने हाईकोर्ट से जमानत की गुहार लगाई है. हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में पीसी सिंह की ओर से कहा गया है कि उसके खिलाफ कोई केस नहीं बनता है, लिहाजा उसे जेल में नहीं रखना चाहिए. उसने कहा कि ईओडब्ल्यू को उससे जो पूछताछ करनी थी वो हो चुकी है. हाईकोर्ट में दायर की गई जमानत याचिका पर ईओडब्लू ने विरोध दर्ज कराया है.
धर्मांतरण मामले की जांच होना बाकी: ईओडब्ल्यू ने हाईकोर्ट से कहा है कि गया कि बिशप पीसी सिंह ने करोड़ों रुपए की संपत्ति को जुटाई है. जिसका अभी तक वैध सोर्स पता नहीं चला है. ईओडब्ल्यू की तरफ से कहा गया है कि अवैध तरीके से जुटाई गई बिशप की संपत्ति के पीछे कई फर्जीवाड़े हैं. ईओडबल्यू की तरफ से जमानत अर्जी पर विरोध दर्ज कराते हुए कहा गया है कि बिशप के खिलाफ अब तक जो सबूत मिले हैं उससे साफ जाहिर होता है की बिशप पीसी सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए चर्च की जमीन को फर्जी तरीके से बेचा है. संस्था के स्कूलों के जरिए मिल रही छात्रों की फीस के पैसों को भी कई धार्मिक संस्थाओं में लगा दिया है. साथ ही मध्यप्रदेश के कई जिलों में फर्जीवाड़ा कर जमीन की खरीदी बिक्री की गई है. पीसी सिंह पर धर्मांतरण कराने के भी आरोप लगे हुए हैं जिनकी जांच होना अभी बाकी है.
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सबूतों से छेड़छाड़ का अंदेशा: बिशप के घर में छापामार कार्रवाई के दौरान एक करोड़ 65 लाख रुपए नगद और विदेशी करेंसी भी बरामद हुई थी. बिशप के नाम पर 174 से ज्यादा बैंक खातों का भी खुलासा हुआ था. इसी आधार पर EOW ने बिपश को जमानत का लाभ दिए जाने पर आपत्ति दर्ज कराई है. इस बात का भी अंदेशा जताया गया है कि बिशप बाहर आते ही सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है. हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों के तर्को को सुनने के बाद ईओडब्ल्यू से केस डायरी तलब करने के निर्देश दिए हैं. अब इस मामले पर अगली सुनवाई 30 सितंबर को होगी.