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कृषि लोन नहीं चुकाया तो बढ़ेंगी किसानों की मुश्किलें, 140 करोड़ रुपए की होगी वसूली

कृषि लोन नहीं चुकाने वाले 17 हजार से ज्यादा किसानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ने किसानों को नोटिस (bank serves notice to jabalpur farmers) देकर कुर्की की चेतावनी दी है. यह पहला मौका है जब बकाया वसूली के लिए बैंक के द्वारा इस तरह का कदम उठाया जा रहा है. जबलपुर के किसानों पर करीब 140 करोड़ रुपए से ज्यादा का ऋण राशि बकाया है (bank loan recovery from defaulter farmers). बैंक ने 57 समितियों को भी डिफाल्टर घोषित किया है.

Farmers of Jabalpur will have to pay agricultural loan
जबलपुर के किसानों को चुकाना होगा कृषि लोन
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Published : Dec 29, 2021, 1:12 PM IST

Updated : Dec 29, 2021, 8:56 PM IST

जबलपुर। बैंकों से लोन लेकर खेती किसानी करने वाले किसानों को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है. कृषि लोन को लेकर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ने बड़ा कदम उठाया गया है. कृषि लोन को नहीं चुकाने वाले 17 हजार से ज्यादा किसानों को वसूली का नोटिस भेजा गया है. नोटिस में उन किसानों के खिलाफ कुर्की की चेतावनी दी गई है, जिन्होंने अभी तक लोन की एक भी किस्त नहीं चुकाई है. वहीं नोटिस मिलने के बाद किसानों में हड़कंप है.

140 करोड़ रुपए की होगी वसूली

यह पहला मौका है जब बकाया वसूली के लिए बैंक ने इस तरह का कदम उठाया है. इन किसानों पर करीब 140 करोड़ रुपए से ज्यादा की उधार राशि बकाया है. बैंक ने 57 समितियों को भी डिफाल्टर घोषित कर दिया है. वहीं राज्य सरकार की ऋण माफी योजना के भरोसे बैठे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिला सहकारी बैंक की वसूली नोटिस के बाद किसान लगातार बैंक के चक्कर काट रहे हैं.

ब्याज मुक्त ऋण देता है सहकारी केंद्रीय बैंक
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक कृषि संबंधी कार्यों के लिए किसानों को निश्चित अवधि का ब्याज मुक्त ऋण देता है (Jabalpur district co operative central bank farmer loan). यह काम वह सहकारी समितियों के जरिए होता है. खेती के लिए किसानों द्वारा लिए गए लोन को चुकाने की अधिकतम समय सीमा 1 साल की होती है. वहीं एक साल खत्म होते ही किसानों द्वारा लिए गए लोन पर ब्याज लगना शुरू हो जाता है. वैसे तो फसल को बेचने के बाद किसान लोन को चुका देते हैं. लेकिन अभी तक जिले में ऐसे 17 हजार किसान सामने आए हैं, जिन्होंने समय पर लोन का पैसा जमा नहीं किया है. बैंक अब इन्हें डिफाल्टर घोषित कर उनसे बकाया राशि की वसूली करने में जुट गया है. (bank serves notice to Jabalpur farmers)

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अनुसार दिसंबर माह में जिले में कुल 17 हजार 231 किसान हैं, जो डिफाल्टर की श्रेणी में आ गए हैं. इन पर करीब 13 लाख रुपए की ऋण राशि बकाया है. यह ऋण खाद और बीज की खरीदी के अलावा दूसरे कृषि संबंधी कार्यों के लिए लिया गया था. इसमें अधिकतम 2 लाख रुपए की राशि ऋण के रूप में दी गई थी. वहीं अगर एक साल में लिया गया ऋण चुका दिया जाता, तो इस पर कोई ब्याज नहीं लगता. अब ऐसे किसानों के खिलाफ तहसीलदारों के माध्यम से अवार्ड दायर करवाए जा रहे हैं, ताकि उनकी संपत्ति की जानकारी लेकर कुर्की की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके. बैंक के अनुसार इन किसानों को पहले भी कई नोटिस भेजे गए हैं.


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ऋण माफी योजना से लगा किसानों को झटका

किसानों ने जो बैंक से राशि ली थी, उसको नहीं चुकाने के पीछे एक बड़ा कारण बताया जा रहा है प्रदेश सरकार की ऋण माफी योजना. किसानों को उम्मीद थी कि उनका ऋण माफ हो जाएगा, लेकिन प्रदेश सरकार के बदलते ही योजना भी बदल गई. ऐसे में अब किसानों को लोन चुकाना होगा नहीं तो बैंक परिणाम भुगतने की चेतावनी दे रहे हैं.

जबलपुर। बैंकों से लोन लेकर खेती किसानी करने वाले किसानों को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है. कृषि लोन को लेकर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ने बड़ा कदम उठाया गया है. कृषि लोन को नहीं चुकाने वाले 17 हजार से ज्यादा किसानों को वसूली का नोटिस भेजा गया है. नोटिस में उन किसानों के खिलाफ कुर्की की चेतावनी दी गई है, जिन्होंने अभी तक लोन की एक भी किस्त नहीं चुकाई है. वहीं नोटिस मिलने के बाद किसानों में हड़कंप है.

140 करोड़ रुपए की होगी वसूली

यह पहला मौका है जब बकाया वसूली के लिए बैंक ने इस तरह का कदम उठाया है. इन किसानों पर करीब 140 करोड़ रुपए से ज्यादा की उधार राशि बकाया है. बैंक ने 57 समितियों को भी डिफाल्टर घोषित कर दिया है. वहीं राज्य सरकार की ऋण माफी योजना के भरोसे बैठे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिला सहकारी बैंक की वसूली नोटिस के बाद किसान लगातार बैंक के चक्कर काट रहे हैं.

ब्याज मुक्त ऋण देता है सहकारी केंद्रीय बैंक
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक कृषि संबंधी कार्यों के लिए किसानों को निश्चित अवधि का ब्याज मुक्त ऋण देता है (Jabalpur district co operative central bank farmer loan). यह काम वह सहकारी समितियों के जरिए होता है. खेती के लिए किसानों द्वारा लिए गए लोन को चुकाने की अधिकतम समय सीमा 1 साल की होती है. वहीं एक साल खत्म होते ही किसानों द्वारा लिए गए लोन पर ब्याज लगना शुरू हो जाता है. वैसे तो फसल को बेचने के बाद किसान लोन को चुका देते हैं. लेकिन अभी तक जिले में ऐसे 17 हजार किसान सामने आए हैं, जिन्होंने समय पर लोन का पैसा जमा नहीं किया है. बैंक अब इन्हें डिफाल्टर घोषित कर उनसे बकाया राशि की वसूली करने में जुट गया है. (bank serves notice to Jabalpur farmers)

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अनुसार दिसंबर माह में जिले में कुल 17 हजार 231 किसान हैं, जो डिफाल्टर की श्रेणी में आ गए हैं. इन पर करीब 13 लाख रुपए की ऋण राशि बकाया है. यह ऋण खाद और बीज की खरीदी के अलावा दूसरे कृषि संबंधी कार्यों के लिए लिया गया था. इसमें अधिकतम 2 लाख रुपए की राशि ऋण के रूप में दी गई थी. वहीं अगर एक साल में लिया गया ऋण चुका दिया जाता, तो इस पर कोई ब्याज नहीं लगता. अब ऐसे किसानों के खिलाफ तहसीलदारों के माध्यम से अवार्ड दायर करवाए जा रहे हैं, ताकि उनकी संपत्ति की जानकारी लेकर कुर्की की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके. बैंक के अनुसार इन किसानों को पहले भी कई नोटिस भेजे गए हैं.


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ऋण माफी योजना से लगा किसानों को झटका

किसानों ने जो बैंक से राशि ली थी, उसको नहीं चुकाने के पीछे एक बड़ा कारण बताया जा रहा है प्रदेश सरकार की ऋण माफी योजना. किसानों को उम्मीद थी कि उनका ऋण माफ हो जाएगा, लेकिन प्रदेश सरकार के बदलते ही योजना भी बदल गई. ऐसे में अब किसानों को लोन चुकाना होगा नहीं तो बैंक परिणाम भुगतने की चेतावनी दे रहे हैं.

Last Updated : Dec 29, 2021, 8:56 PM IST
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