जबलपुर। तोप निर्माणी जबलपुर में बनी धनुष तोप को भारतीय सेना ने शुक्रवार को इंस्पेक्शन नोट दे दिया है. सेना के अधिकारी धनुष का इंस्पेक्शन नोट लेकर जबलपुर गन कैरिज फैक्ट्री पहुंचे और फैक्ट्री के जीएम को यह नोट सौंपा. धनुष के निर्माताओं का कहना है कि ये जमीन से जमीन पर वार करने वाली दुनिया की सबसे अच्छी तोप है.
भारतीय सेना के पास जमीन से जमीन पर मार करने के लिये सबसे अच्छी तोप बोफोर्स थी. बोफोर्स ने अपनी ताकत कारगिल के युद्ध में साबित की. इसके बाद से ही यह सवाल भी उठ रहा था कि अब भारत को इससे ज्यादा मारक क्षमता वाली अत्याधुनिक तोप की जरूरत है. इसलिये बोफोर्स अपग्रेड करने के लिये एक प्रोग्राम बनाया गया और इसी के तहत धनुष नाम की तोप बनाई गई है.
दुनिया की सबसे ताकतवर तोप
यह गन जमीन से जमीन पर 38 किलोमीटर तक वार कर सकती है. दुनिया में जमीन से जमीन पर इतनी दूर तक गोला फेंकने वाली यह इकलौती गन है, इस गन में जीपीएस सिस्टम, अत्याधुनिक कंप्यूटर प्रणाली लगाई गई है ताकि निशाना सही लग सके. इसके साथ ही ये 30 सेकंड में 3 गोले दाग सकती है और केवल 5 लोग इस गन को चलाने के लिए पर्याप्त हैं. इसे आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है.
सेना को चाहिये 400 धनुष
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ये तोप 80 फीसदी तक भारतीय है. इसकी तकनीक और ज्यादातर सामान भारत के अलग-अलग रक्षा संस्थानों में बनाया जाता है. जबलपुर इसका बड़ा केंद्र है. अपने स्तर पर तोप निर्माणी ने इसकी टेस्टिंग के बाद एक तोप सेना को सौंपी थी. सेना ने लगातार कई दिनों तक इसका परीक्षण किया, इससे गोले दागे. सेना के मापदंडों पर यह हथियार पूरी तरह से खरा उतरा. शुक्रवार को सेना की ओर से एक इंस्पेक्शन नोट फैक्ट्री को सौंप दिया गया है. इसके बाद तोप निर्माणी सेना की जरूरत के हिसाब से इन हथियारों को बनाना शुरु कर देगी. भारत को लगभग 400 ऐसी तोप चाहिये, जिनमें से 114 का ऑर्डर तोप निर्माणी को दिया गया है. इनमें से 6 अभी तैयार हैं जो बहुत जल्दी सेना को सौंप दी जाएंगी और 15 निर्माण की प्रक्रिया में हैं.
सस्ती मगर सबसे खतरनाक
एक धनुष तोप की कीमत करीब 15 करोड़ है. यदि यह विदेशों से खरीदी जाती तो इसकी कीमत करीब 35 हो सकती थी. भारत की तकनीक को देखने के बाद खुद बोफोर्स ने भारत से 2 बैरल खरीदे हैं, जो टेस्टिंग के लिये स्वीडन भेजे गये हैं. यह खतरनाक हथियार किसी भी देश की रक्षा प्रणाली के लिये बहुत जरूरी है. फिलहाल तो इन तोपों की भारत को ही भारी मात्रा में जरूरत है, लेकिन सरकार अगर इसके निर्माण पर ध्यान दे तो ये न केवल रोजगार उत्पन्न करने बल्कि विदेशी मुद्रा लाने में भी कारगर होगी.