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10 साल पुराने डीजल ऑटो होंगे बंद: CNG में होंगे तब्दील - जबलपुर

प्रदेश में 10 साल पुराने डीजल ऑटो रिक्शा बंद होंगे. हाईकोर्ट में पेश एक जवाब में सरकार ने ये जानकारी दी. इन वाहनों को सीएनजी में तब्दील किया जाएगा.

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10 साल पुराने डीजल ऑटो होंगे बंद
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Published : Apr 5, 2021, 9:54 PM IST

जबलपुर। प्रदेश में 10 साल पुराने ऑटो-डीजल रिक्शा को पर्मिट जारी नहीं किया जाएगा. ऐसे ऑटो रिक्शा को CNG में convert किया जाएगा. सरकार ने हाईकोर्ट में पेश किए जवाब में बताया, कि ऑटो रिक्शा वाहनों के लिए नियम तय कर नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है.

10 साल पुराने ऑटो-डीजल रिक्शा को पर्मिट नहीं

हाईकोर्ट में पेश जवाब में सरकार ने बताया कि प्रदेश भर में संचालित ऑटो रिक्शा वाहनों के लिए विनियामक प्रावधान निर्धारित कर उनका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. दस साल पुराने ऑटो-डीजल रिक्शा वाहनों को पर्मिट जारी नहीं किया जाएगा. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मर रफीक और जस्टिस संजय द्विवेदी ने ग्वालियर में हुए ऑटो हादसे और सीधी में हुए बस हादसे पर चिंता व्यक्त की. युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की है.

हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद सड़क पर खड़े हो रहे वाहन

चार सप्ताह बाद होगी अगली सुनवाई

पिछली सुनवाई के दौरान परिवाहन सचिव की तरफ से पेश किए गये जवाब में बताया था, कि इंदौर में 10 हजार और भोपाल में 15 हजार ऑटो बिना परमिट संचालित हो रहे हैं. इंदौर और भोपाल में जबलपुर की अपेक्षा ट्रैफिक व्यवस्था अच्छी है. युगलपीठ ने सरकार को ऑटो संचालन के संबंध में नीति प्रस्तुत करने और पूर्व में पारित आदेश की परिपालन रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किए हैं. सरकार की तरफ से बताया गया कि ऑटो संचालन के विनियामक प्रावधान के तहत अधिकतम गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है.

जबलपुर। प्रदेश में 10 साल पुराने ऑटो-डीजल रिक्शा को पर्मिट जारी नहीं किया जाएगा. ऐसे ऑटो रिक्शा को CNG में convert किया जाएगा. सरकार ने हाईकोर्ट में पेश किए जवाब में बताया, कि ऑटो रिक्शा वाहनों के लिए नियम तय कर नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है.

10 साल पुराने ऑटो-डीजल रिक्शा को पर्मिट नहीं

हाईकोर्ट में पेश जवाब में सरकार ने बताया कि प्रदेश भर में संचालित ऑटो रिक्शा वाहनों के लिए विनियामक प्रावधान निर्धारित कर उनका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. दस साल पुराने ऑटो-डीजल रिक्शा वाहनों को पर्मिट जारी नहीं किया जाएगा. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मर रफीक और जस्टिस संजय द्विवेदी ने ग्वालियर में हुए ऑटो हादसे और सीधी में हुए बस हादसे पर चिंता व्यक्त की. युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की है.

हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद सड़क पर खड़े हो रहे वाहन

चार सप्ताह बाद होगी अगली सुनवाई

पिछली सुनवाई के दौरान परिवाहन सचिव की तरफ से पेश किए गये जवाब में बताया था, कि इंदौर में 10 हजार और भोपाल में 15 हजार ऑटो बिना परमिट संचालित हो रहे हैं. इंदौर और भोपाल में जबलपुर की अपेक्षा ट्रैफिक व्यवस्था अच्छी है. युगलपीठ ने सरकार को ऑटो संचालन के संबंध में नीति प्रस्तुत करने और पूर्व में पारित आदेश की परिपालन रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किए हैं. सरकार की तरफ से बताया गया कि ऑटो संचालन के विनियामक प्रावधान के तहत अधिकतम गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है.

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