ईटीवी भारत डेस्क: आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. योगिनी एकादशी का विशेष महत्व हैं. एकादशी को लेकर रांची के ज्योतिषाचार्य स्वामी दिव्यानंद महाराज बताते हैं कि हर माह दो एकादशी होती है और साल में कुल चौबीस एकादशी का व्रत रखा जाता है. योगिनी एकादशी व्रत से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं. इस व्रत को हिंदू धर्म से जुड़े लोगों को अवश्य करना चाहिए, इससे भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस बार योगिनी एकादशी का व्रत 24 जून शुक्रवार को किया जाएगा.
योगिनी एकादशी का महत्व (Yogini Ekadashi Significance) : भगवान कृष्ण ने स्वयं योगिनी एकादशी व्रत के महत्व को बताते हुए युधिष्ठिर से कहा था कि इस व्रत को करने से 88000 ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य प्राप्त होता है. धार्मिक मान्यता है कि योगिनी एकादशी का व्रत श्रद्धापूर्वक करने से व्यक्ति का कुष्ठ रोग (Leprosy) ठीक हो जाता है तथा जाने-अनजाने में किए गए पाप भी नष्ट हो जाते हैं. विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् . लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम् . वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥ श्री हरि विष्णु का ये मंत्र पाप से मुक्ति दिलाने वाला है. इसी तरह पाप मुक्त होने का अवसर प्रदान करती है योगिनी एकादशी.
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योगिनी एकादशी व्रत कथा (Yogini Ekadashi Vrat Katha): प्राचीन समय में अलकापुरी नगर में राजा कुबेर के यहां हेम नाम का एक माली रहता था. उसका काम प्रत्येक दिन भगवान शिव के पूजन के लिए मानसरोवर से पुष्प लाना था. एक दिन उसे अपनी पत्नी के साथ स्वछन्द विहार करने के कारण फूल लाने में बहुत देर हो गई. वह दरबार में देरी से पहुंचा.इस बात से क्रोधित होकर कुबेर ने उसे कोढ़ी होने का श्राप दे दिया. श्राप के प्रभाव से माली हेम इधर-उधर भटकता रहा. एक दिन हेम माली मार्कण्डेय ऋषि के आश्रम में जा पहुंचा. मार्कण्डेय ऋषि ने अपने योग बल से उसके दुखी होने का कारण जान लिया. तब उन्होंने उसे योगिनी एकादशी का व्रत करने को कहा. व्रत के प्रभाव से हेम माली का कुष्ठ समाप्त हो गया और उसे मोक्ष की प्राप्ति हुई.
योगिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त (Yogini ekadashi June 2022 vrat muhurta and paran timing)
एकादशी तिथि प्रारम्भ: 23 जून, 2022 को रात्रि 9 बजकर 39 मिनट.
एकादशी तिथि समाप्त: 24 जून, 2022 को रात्रि 11 बजकर 17 मिनट.
व्रत का पारण मुहूर्त: 25 जून, 2022 को प्रात: 05 बजकर 57 मिनट से प्रात: 8 बजकर 29 मिनट.
सावधानी और व्रत पारण का नियम: माना जाता है जो लोग एकादशी के दिन व्रत नहीं कर रहे हैं उन्हें इस दिन चावल नहीं खाने चाहिए. योगिनी एकादशी के दिन देर तक ना सोएं. घर में लहसुन, प्याज और तामसिक भोजन बिल्कुल भी ना बनाएं. एकादशी की पूजा पाठ करते समय साफ-सुथरे कपड़े पहनकर ही पूजा करें. इस व्रत का पारण द्वादशी तिथि लगने के बाद किया जाता है और व्रत का पारण द्वादशी तिथि खत्म होने से पहले ही किया जाना चाहिए. यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले खत्म हो गई है तो एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के बाद होगा.