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धूप में Ola-Uber से सफर करने वाले यात्री हो रहे हैं परेशान? कैब ड्राइवरों का कहना कंपनी यात्रियों को नहीं देती कई सुविधाएं - मध्यप्रदेश न्यूज

कैब सुविधा प्रदान करने वाली कंपनियां यात्रियों को कई सुविधाएं प्रदान नहीं करती है, इसकी वजह से इस भीषण गर्मी में कैब से यात्रा करने वालों को कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस मामले को लेकर ओला-उबर के ड्राइवरों से ईटीवी भारत ने बात की.

Indore passengers worried while travelling in cab
कैब में सफर के दौरान परेशान हो रहे इंदौर के यात्री
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Published : Apr 4, 2022, 10:14 PM IST

इंदौर। मार्च से लेकर जून तक की गर्मी अपनी पूरी तेजी में रहती है. गर्मी के मौसम में तापमान लगातार बढ़ रहा है. इसका सबसे ज्यादा इफेक्ट उन लोगों को होता है जिन्हें झुलसा देने वाली गर्मी में ट्रैवल करना है. ऐसे में लोग ओला-ऊबर जैसी कैब कंपनियों की कैब हायर करते हैं, लेकिन यहां भी उनकी परेशानियां कम नहीं होती. तेज गर्मी मे बावजूद कैब में एसी नहीं चलता. अगर आपको एसी चलवाना है तो इसके लिए परमीशन लेनी पड़ती है.

कैब में सफर के दौरान परेशान हो रहे इंदौर के यात्री

कैब से ट्रैवल करने से भी कम नहीं होती परेशानी: इंदौर के लोगों को काम के सिलसिले में कई शहरों में आना जाना लगा रहता है, और ज्यादातर लोग प्राइवेट व्हीकल का उपयोग करते हैं. जिनके पास अपनी गाड़ी नहीं होती है वे इस भीषण गर्मी में ओला और उबर कैब का ही इस्तेमाल करते हैं. ओला और उबर जैसी कंपनियों की सुविधाओं की बात करें तो इंदौर में रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट से बड़ी मात्रा में ओला और उबर कस्टमर को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने का काम करती है, लेकिन गर्मी के दिनों में ओला और उबर में यात्रा करने वाले यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

ओला-उबर कंपनी नहीं देती यात्रियों को कई सुविधाएं: जो भी यात्री इंदौर में ओला और उबर के माध्यम से यात्रा करते हैं उन्हें भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि यह कंपनियां एसी का पैसा तो चार्ज कर रही हैं, लेकिन इसकी सुविधा यात्रियों को नहीं दे रही हैं. जब गाड़ियां बुक की जाती है तो उसमें इस तरह के किसी खर्चे का जिक्र नहीं होता है, क्योंकि गर्मी में एक स्थान से दूसरे स्थान जाने के दौरान एसी की आवश्यकता महसूस होती है तो ड्राइवर से एसी की मांग की जाती है. इसके बाद ड्राइवर के द्वारा दो टूक जवाब दे दिया जाता है कि एसी का उपयोग नहीं किया जा सकता है, जिसके कारण यात्रियों को गर्मी का सामना करना पड़ता है.

यात्रियों से नहीं करते हिडन खर्चों का जिक्र: ईटीवी भारत की टीम ने भीषण गर्मी के दौर में यात्रियों को होने वाली असुविधा को लेकर ओला और उबर के कुछ ड्राइवरों से बात की. ड्राइवरों का कहना है कि ओला और उबर इस तरह के हिडन खर्चों का जिक्र यात्रियों से नहीं करती है, जिसके कारण सफर कर रहे यात्रियों को परेशानी होती है. यह परेशानी कंपनी की वजह से होती है. वहीं जिस तरह से ओला और उबर कुछ किलोमीटर के लिए चार्ज करती है उसमें भी अलग से एसी और नॉन एसी का जिक्र नहीं किया जाता है, जिसके कारण कई बार यात्रा करने वाले यात्री को लगता है कि इसमें ही एसी इंक्लूड होगा, लेकिन आमतौर पर ऐसा नहीं रहता है.

कैब चालकों पर कोरोना की मार, सरकार पर लगाए भेदभाव के आरोप

कैब ड्राइवरों को नहीं मिलता कोई इंसेंटिव: ओला- उबर के ड्राइवरों ने बताया कि अगर कोई यात्री एसी चलाने को लेकर ज्यादा ही विवाद करता है तो ऐसी स्थिति में ड्राइवर उसे यह सुविधा उपलब्ध करवा देते हैं, लेकिन इसके बाद ड्राइवर को इस पूरी यात्रा में किसी तरह का कोई इंसेंटिव नहीं मिलता है. वहीं ड्राइवरों का यह भी कहना है कि यदि आमतौर पर वह किसी यात्री को इंदौर से पीथमपुर ले गए तो कंपनी के द्वारा इसमें तकरीबन 500 रुपये चार्ज किया जाता है, लेकिन अगर उधर से गाड़ी खाली आती है तो उसमें किसी तरह का कोई इंसेंटिव ड्राइवर को नहीं मिलता है. इसकी वजह से उसे आने और जाने में मात्र तीन हजार ही मिलते हैं जो पूरी तरह से उनका घाटा होता है.

इंदौर। मार्च से लेकर जून तक की गर्मी अपनी पूरी तेजी में रहती है. गर्मी के मौसम में तापमान लगातार बढ़ रहा है. इसका सबसे ज्यादा इफेक्ट उन लोगों को होता है जिन्हें झुलसा देने वाली गर्मी में ट्रैवल करना है. ऐसे में लोग ओला-ऊबर जैसी कैब कंपनियों की कैब हायर करते हैं, लेकिन यहां भी उनकी परेशानियां कम नहीं होती. तेज गर्मी मे बावजूद कैब में एसी नहीं चलता. अगर आपको एसी चलवाना है तो इसके लिए परमीशन लेनी पड़ती है.

कैब में सफर के दौरान परेशान हो रहे इंदौर के यात्री

कैब से ट्रैवल करने से भी कम नहीं होती परेशानी: इंदौर के लोगों को काम के सिलसिले में कई शहरों में आना जाना लगा रहता है, और ज्यादातर लोग प्राइवेट व्हीकल का उपयोग करते हैं. जिनके पास अपनी गाड़ी नहीं होती है वे इस भीषण गर्मी में ओला और उबर कैब का ही इस्तेमाल करते हैं. ओला और उबर जैसी कंपनियों की सुविधाओं की बात करें तो इंदौर में रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट से बड़ी मात्रा में ओला और उबर कस्टमर को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने का काम करती है, लेकिन गर्मी के दिनों में ओला और उबर में यात्रा करने वाले यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

ओला-उबर कंपनी नहीं देती यात्रियों को कई सुविधाएं: जो भी यात्री इंदौर में ओला और उबर के माध्यम से यात्रा करते हैं उन्हें भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि यह कंपनियां एसी का पैसा तो चार्ज कर रही हैं, लेकिन इसकी सुविधा यात्रियों को नहीं दे रही हैं. जब गाड़ियां बुक की जाती है तो उसमें इस तरह के किसी खर्चे का जिक्र नहीं होता है, क्योंकि गर्मी में एक स्थान से दूसरे स्थान जाने के दौरान एसी की आवश्यकता महसूस होती है तो ड्राइवर से एसी की मांग की जाती है. इसके बाद ड्राइवर के द्वारा दो टूक जवाब दे दिया जाता है कि एसी का उपयोग नहीं किया जा सकता है, जिसके कारण यात्रियों को गर्मी का सामना करना पड़ता है.

यात्रियों से नहीं करते हिडन खर्चों का जिक्र: ईटीवी भारत की टीम ने भीषण गर्मी के दौर में यात्रियों को होने वाली असुविधा को लेकर ओला और उबर के कुछ ड्राइवरों से बात की. ड्राइवरों का कहना है कि ओला और उबर इस तरह के हिडन खर्चों का जिक्र यात्रियों से नहीं करती है, जिसके कारण सफर कर रहे यात्रियों को परेशानी होती है. यह परेशानी कंपनी की वजह से होती है. वहीं जिस तरह से ओला और उबर कुछ किलोमीटर के लिए चार्ज करती है उसमें भी अलग से एसी और नॉन एसी का जिक्र नहीं किया जाता है, जिसके कारण कई बार यात्रा करने वाले यात्री को लगता है कि इसमें ही एसी इंक्लूड होगा, लेकिन आमतौर पर ऐसा नहीं रहता है.

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कैब ड्राइवरों को नहीं मिलता कोई इंसेंटिव: ओला- उबर के ड्राइवरों ने बताया कि अगर कोई यात्री एसी चलाने को लेकर ज्यादा ही विवाद करता है तो ऐसी स्थिति में ड्राइवर उसे यह सुविधा उपलब्ध करवा देते हैं, लेकिन इसके बाद ड्राइवर को इस पूरी यात्रा में किसी तरह का कोई इंसेंटिव नहीं मिलता है. वहीं ड्राइवरों का यह भी कहना है कि यदि आमतौर पर वह किसी यात्री को इंदौर से पीथमपुर ले गए तो कंपनी के द्वारा इसमें तकरीबन 500 रुपये चार्ज किया जाता है, लेकिन अगर उधर से गाड़ी खाली आती है तो उसमें किसी तरह का कोई इंसेंटिव ड्राइवर को नहीं मिलता है. इसकी वजह से उसे आने और जाने में मात्र तीन हजार ही मिलते हैं जो पूरी तरह से उनका घाटा होता है.

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