इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर में तेजी से गिरते भूजल स्तर को सहेजने के लिए शुरू की गई मुहिम के मद्देनजर यहां हजारों घरों में अब रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जा रहे हैं. वहीं पारंपरिक जल स्त्रोतों को भी बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं. इतना ही नहीं आगामी समय में यहां भवन निर्माण के पहले वाटर रिचार्ज सिस्टम की शर्त को अनिवार्य किया जा रहा है. इसके लिए भवन निर्माण की अनुमति के दौरान ही भूस्वामी से वाटर रिचार्ज सिस्टम लगाने का शुल्क निगम द्वारा अग्रिम रूप से जमा कराया जाएगा.
15 जून तक वॉटर हावेस्टिंग सिस्टम लगवाना अनिवार्य: इंदौर नगर निगम ने जिन घरों में अब तक वॉटर हावेस्टिंग सिस्टम नहीं लगा है, उन्हें 15 जून की डेडलाइन दी गई है. इसके बाद 1000 वर्ग फीट से ज्यादा के सभी रहवासी क्षेत्रों और व्यवसायिक समेत धार्मिक इमारतों पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाना आवश्यक किया गया है. शहर के तमाम नागरिकों कोघर/दुकान/संस्थान के अलावा धर्म स्थलों पर भी वॉटर हावेस्टिंग सिस्टम लगवाना जरूरी होगा. 1000 वर्ग फीट के मकान पर 6 से 8000 रुपए का खर्च निर्धारित है. इसे लेकर शहर भर में इन दिनों बैठकर चल रही है. वहीं नगर निगम के 311 एप पर वाटर रिचार्ज लगवाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है.
भू जल की उपलब्धता को सहेजना जरूरी: इंदौर नगर निगम के आयुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि बीते कुछ सालों से इंदौर का जलस्तर रेड जोन की तरफ बढ़ रहा है. यही हालत इंदौर के आसपास के अन्य जिलों की भी है. हर साल नलकूपों के भी सूखने का सिलसिला जारी है. अब जबकि शहर की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है तो भू जल की उपलब्धता को सहेजना जरूरी है. यही वजह है कि इस साल से प्रत्येक घर और व्यवसायिक प्रतिष्ठान में निगम द्वारा हर साल बारिश के सीजन में छत से बह जाने वाले पानी को जमीन में उतारने का अभियान शुरू किया गया है.
वाटर रिचार्ज सिस्टम नहीं लगवाने पर वसूला जाएगा जुर्माना: इंदौर स्वच्छता में नंबर वन है. इसके अलावा यहां के नागरिक शहर के हित में लिए जाने वाले फैसलों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं. इसलिए इंदौर में यह पहल की जा रही है. फिलहाल विभिन्न समाज द्वारा अपने-अपने धार्मिक स्थानों के अलावा आवासीय क्षेत्रों में वाटर रिचार्ज सिस्टम लगवाने की शुरुआत की गई है. बारिश के सीजन के पहले इसे हर घर में लगवाना जरूरी होगा. इसके बाद भी जो घर छूट जाएंगे, उन्हें भी रिचार्ज लगवाने के लिए प्रेरित किया जाएगा. जो लोग वाटर रिचार्ज सिस्टम को नहीं लगाएंगे उनके खिलाफ 500 से 5000 तक का जुर्माना भी नगर निगम लगाएगा.
ट्रीटेड रियूज वॉटर का उपयोग: भू-जल संरक्षण अभियान के तहत पानी के अपव्यय को रोकने के लिये समस्त भवन अधिकारी, भवन निरीक्षक व अन्य अधिकारी अपने-अपने जोन/वार्ड क्षेत्र में चल रहे शासकीय/अशासकीय कंट्रक्शन व रिपेयरिंग कार्य की साईड, शहर में स्थित कार वॉशिंग सेंटर का निरीक्षण करेंगे. यह सुनिश्चित करेगे कि कंट्रक्शन साईड व वॉशिंग सेंटर पर टयूबवेल या नर्मदा पानी का उपयोग नहीं किया जाये. ऐसी कंट्रक्शन साईड व वॉशिंग सेंटर पर ट्रीटेड रीयूज वॉटर का उपयोग किया जाये.
रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से शहर के सभी लोग जुड़े, इसको लेकर बैठक की जा रही है. और लोगों को रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने के लिए प्रेरिक किया जा रहा है. बीते कुछ सालों से इंदौर का जलस्तर रेड जोन की तरफ बढ़ रहा है. यही हालत इंदौर के आसपास के अन्य जिलों की भी है. अब जबकि शहर की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है तो भू जल की उपलब्धता को सहेजना जरूरी हो गया है.
प्रतिभा पाल, आयुक्त नगर निगम
कार्यवाही के निर्देश: आयुक्त ने समस्त भवन अधिकारी/भवन निरीक्षक को निर्देश दिये हैं कि अगर शहर में किसी भी प्रकार के कंट्रक्शन साईड या कार वॉशिंग सेंटर पर टयूबवेल या नर्मदा के पानी का उपयोग करते हुए पाये गए तो ऐसी संस्थान के टयूब वेल को सील करने तथा नर्मदा कनेक्शन को काटने की कार्यवाही की जायेगी. आयुक्त ने वॉशिंग सेंटर पर टयूबवेल व नर्मदा के पानी का उपयोग ना करते हुए, ट्रीटेड रीयूज वॉटर के उपयोग करने के क्रम मे निर्देश दिये कि शहर के ट्रीटेड रीयूज वॉटर नेटवर्क से वॉशिंग सेंटर रीयूज वॉटर हेतु कनेक्शन ले और रीयूज वॉटर का टू व फोर व्हीलर की धुलाई में उपयोग करें.
निःशुल्क मिलेगा रीयूज पानी: आयुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि निगम द्वारा शहर के 65 से अधिक स्थानों पर ट्रीटेड रीयूज वॉटर के हाईडेंड स्थापित किये गये हैं. जिनमें सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक निगम द्वारा निःशुल्क ट्रीटेड रीयूज वॉटर दिया जाता है, ताकि नर्मदा के बहुमुल्य पानी व टयुबवेल के पानी का दुरूपयोग ना हो.
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