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Water Crisis In Indore: 'नर्मदा लाइन नहीं तो वोट नहीं', कॉलोनी के गेट पर लगाकर स्थानीय लोगों ने नेताओं को दिया मैसेज

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Published : May 23, 2022, 8:25 PM IST

इंदौर में भीषण गर्मी के बीच जल संकट की समस्या लोगों को सताने लगी है. शहर की शिव धाम कॉलोनी में रहवासियों ने नेताओं के लिए गेट पर बैनर लगाए हैं. चुनाव से पहले ही रहवासियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए 'नर्मदा की वॉटर लाइन नहीं तो वोट नहीं' के बैनर कॉलोनी के गेट पर लगा दिया है.(Water Crisis In Indore)

Water Crisis In Indore
इंदौर में जल संकट

इंदौर। नगरी निकाय चुनाव के पहले देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में जल संकट जैसे हालात बनने लगे हैं. शहर की शिव धाम कॉलोनी में आलम यह है कि यहां के रहवासियों ने नेताओं को मैसेज देते हुए कॉलोनी के गेट पर बैनर लगाए हैं. चुनान आने से पहले ही रहवासियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए 'नर्मदा लाइन नहीं तो वोट नहीं' का बैनर गेट पर लटका दिया है. स्थिति यह है कि लोग पानी के अभाव में अब आगामी निकाय चुनाव के मतदान का बहिष्कार करने पर उतारू हैं. (Water Crisis In Indore)

इंदौर शिव धाम कॉलोनी के लोगों ने किया विरोध

कई जगहों पर नहीं है नर्मदा लाइन: इंदौर में नर्मदा के प्रथम चरण का काम होने के बाद कुछ जगहों पर तो पानी आता है, लेकिन आबादी के बढ़ने पर अब जो इलाके बचे हैं वहां भी नर्मदा के पानी की मांग हो रही है. इस वजह से अब नर्मदा के द्वितीय चरण का काम चल रहा है. जबकि कई जगहों पर पुरानी नर्मदा लाइन का मेंटेनेंस नहीं हो पा रहा है. ऐसे में नर्मदा प्रोजेक्ट को वित्तीय सहयोग न मिलने के चलते नगर निगम द्वारा नई लाइनें स्वीकृत नहीं की गई हैं. जिससे कई इलाकों में जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो रही है.(Indore Shiv Dham Colony people protest)

प्रदर्शन करने को मजबूर लोग: शहर के शिव सागर कॉलोनी समेत शिव धाम कॉलोनी जैसे निजी क्षेत्र के रहवासी इलाकों में पानी नहीं आ रहा है. यह स्थिति कई सालों से बन रही है. रहवासियों का कहना है कि उनके घरों पर नगर निगम से पानी के बिल तो आ रहे हैं, लेकिन उन्हें पानी नहीं मिल रहा है. इस वजह से भीषण गर्मी में लोग अपना काम छोड़कर पानी की मांग करने को मजबूर हैं. यह स्थिति शहर में तब है जब खुद नगर निगम द्वारा भू जल संरक्षण के लिए हर घर में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने पर जोर दिया जा रहा है.

जल संकट को लेकर नगर निगम कमिश्नर के अलावा नर्मदा प्रोजेक्ट और भाजपा पार्षद के समक्ष कई बार हमने इसकी गुहार लगाई है. इसके बावजूद जल संकट की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है. सबसे ज्यादा परेशानी इन दिनों गृहणियों को है, जिन्हें घरबार के कामकाज के साथ अन्य जरूरी काम के लिए भी पानी के लिए मोहताज होना पड़ रहा है. यही वजह है कि पानी को लेकर जारी आंदोलन में महिलाएं भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं.

इंदौर में 15 जून तक रूफ वॉटर हावेस्टिंग सिस्टम लगवाना अनिवार्य, भू-जल सहेजने की शर्त पर हो सकेगा भवन निर्माण

4 किलोमीटर दूर से ला रहे पानी: शहर की शिव सागर कॉलोनी के रहवासी 2016 से जल संकट से जूझ रहे हैं, जो 4 किलोमीटर दूर से अपने वाहनों में रोज पीने का पानी लाते हैं. इसके अलावा अन्य जरूरत के लिए टैंकर बुलाया जा रहा है. हर महीने टैंकर से पानी बुलाने में बड़ी राशि खर्च हो रही है. कॉलोनी के अधिकांश बोरिंग भी सुख चुके हैं. बोरिंग से आने वाले पानी में सल्फाइड और अन्य घातक तत्वों की मात्रा अधिक होने से कई लोग दूषित जल से होने वाली बीमारियों का भी सामना कर रहे हैं.(Water Crisis In Indore)

इंदौर। नगरी निकाय चुनाव के पहले देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में जल संकट जैसे हालात बनने लगे हैं. शहर की शिव धाम कॉलोनी में आलम यह है कि यहां के रहवासियों ने नेताओं को मैसेज देते हुए कॉलोनी के गेट पर बैनर लगाए हैं. चुनान आने से पहले ही रहवासियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए 'नर्मदा लाइन नहीं तो वोट नहीं' का बैनर गेट पर लटका दिया है. स्थिति यह है कि लोग पानी के अभाव में अब आगामी निकाय चुनाव के मतदान का बहिष्कार करने पर उतारू हैं. (Water Crisis In Indore)

इंदौर शिव धाम कॉलोनी के लोगों ने किया विरोध

कई जगहों पर नहीं है नर्मदा लाइन: इंदौर में नर्मदा के प्रथम चरण का काम होने के बाद कुछ जगहों पर तो पानी आता है, लेकिन आबादी के बढ़ने पर अब जो इलाके बचे हैं वहां भी नर्मदा के पानी की मांग हो रही है. इस वजह से अब नर्मदा के द्वितीय चरण का काम चल रहा है. जबकि कई जगहों पर पुरानी नर्मदा लाइन का मेंटेनेंस नहीं हो पा रहा है. ऐसे में नर्मदा प्रोजेक्ट को वित्तीय सहयोग न मिलने के चलते नगर निगम द्वारा नई लाइनें स्वीकृत नहीं की गई हैं. जिससे कई इलाकों में जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो रही है.(Indore Shiv Dham Colony people protest)

प्रदर्शन करने को मजबूर लोग: शहर के शिव सागर कॉलोनी समेत शिव धाम कॉलोनी जैसे निजी क्षेत्र के रहवासी इलाकों में पानी नहीं आ रहा है. यह स्थिति कई सालों से बन रही है. रहवासियों का कहना है कि उनके घरों पर नगर निगम से पानी के बिल तो आ रहे हैं, लेकिन उन्हें पानी नहीं मिल रहा है. इस वजह से भीषण गर्मी में लोग अपना काम छोड़कर पानी की मांग करने को मजबूर हैं. यह स्थिति शहर में तब है जब खुद नगर निगम द्वारा भू जल संरक्षण के लिए हर घर में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने पर जोर दिया जा रहा है.

जल संकट को लेकर नगर निगम कमिश्नर के अलावा नर्मदा प्रोजेक्ट और भाजपा पार्षद के समक्ष कई बार हमने इसकी गुहार लगाई है. इसके बावजूद जल संकट की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है. सबसे ज्यादा परेशानी इन दिनों गृहणियों को है, जिन्हें घरबार के कामकाज के साथ अन्य जरूरी काम के लिए भी पानी के लिए मोहताज होना पड़ रहा है. यही वजह है कि पानी को लेकर जारी आंदोलन में महिलाएं भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं.

इंदौर में 15 जून तक रूफ वॉटर हावेस्टिंग सिस्टम लगवाना अनिवार्य, भू-जल सहेजने की शर्त पर हो सकेगा भवन निर्माण

4 किलोमीटर दूर से ला रहे पानी: शहर की शिव सागर कॉलोनी के रहवासी 2016 से जल संकट से जूझ रहे हैं, जो 4 किलोमीटर दूर से अपने वाहनों में रोज पीने का पानी लाते हैं. इसके अलावा अन्य जरूरत के लिए टैंकर बुलाया जा रहा है. हर महीने टैंकर से पानी बुलाने में बड़ी राशि खर्च हो रही है. कॉलोनी के अधिकांश बोरिंग भी सुख चुके हैं. बोरिंग से आने वाले पानी में सल्फाइड और अन्य घातक तत्वों की मात्रा अधिक होने से कई लोग दूषित जल से होने वाली बीमारियों का भी सामना कर रहे हैं.(Water Crisis In Indore)

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