इंदौर। मध्यप्रदेश सरकार में नई आबकारी नीति को मंजूरी मिलने के बाद से ही कांग्रेस इसका विरोध कर रही है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (uma bharti against wine policy) भी शिवराज सरकार को घेर रही हैं. उन्होंने शराबबंदी को लेकर 14 फरवरी के बाद से इस मुद्दे को उठाने की घोषणा कर दी है. जिसके बाद से कांग्रेस अब उमा भारती से गुहार लगाते नजर आ रही है. राज्य की महिला कांग्रेस ने भी शराबबंदी को लेकर भाजपा नेत्री उमा भारती से ही मदद लेने का फैसला किया है. (congress letter to uma bharti)
उमा भारती को कांग्रेस का साथ
उमा भारती ने शराबबंदी की मांग को लेकर सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है, जिसके बाद से कांग्रेस ने पूर्व सीएम से मोर्चा संभालने की मांग करना शुरू कर दिया है. महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अर्चना जायसवाल ने बताया कि सरकार कांग्रेस की नहीं सुन रही है, इसलिए उमा भारती के साथ मिलकर शराब नीति का विरोध करेगी. महिला कांग्रेस की ओर से उनको एक पत्र भी भेजा गया है जिसमें शिवराज सरकार के खिलाफ शराबबंदी में अगुवाई करने की मांग की गई है.
14 फरवरी के बाद होगा विरोध
उमा भारती ने फिर 14 फरवरी के बाद शराबबंदी की मांग को (Liquor Ban In MP) लेकर सड़कों पर उतरने का ऐलान किया है. इसके अलावा नशा मुक्ति के अगले चरण को शुरू करने की भी बात की है. उमा भारती के मुताबिक शराबबंदी, नशाबंदी का बयान सरकार के खिलाफ नहीं है बल्कि शराब और नशे के खिलाफ है. उन्होंने कहा है कि इस मामले में उनकी प्रथम चरण की बातचीत संघ के वरिष्ठ प्रतिनिधियों, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से हो चुकी है. उमा भारती ने स्पष्ट किया है कि इस अभियान में राजनीतिक से परे होकर लोक भागीदारी करें.
कांग्रेस ने इंदौर में लगाए थे गुमशुदगी के पोस्टर
इंदौर में पूर्व सीएम भारती के गायब होने के पोस्टर कांग्रेस ने जगह-जगह लगाए थे. उमा भारती ने 15 जनवरी 2022 से शराबबंदी को लेकर आंदोलन करने की बात कही थी. जिसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके गायब होने के आरोप लगाते हुए जगह-जगह उनकी गुमशुदगी के पोस्टर लगा दिए थे. कांग्रेस का आरोप था कि उमा भारती ने घोषणा पर अमल नहीं किया.