इंदौर। देश के स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर लगातार नंबर वन शहर बना हुआ है. वर्ष 2017 में इंदौर ने जो खिताब जीता था उसे कायम रखना इंदौर के लिए बड़ी चुनौती थी. जिले के जिम्मेदार अधिकारियों, कर्मचारियों ने इंदौर को देश का सबसे साफ-स्वच्छ शहर बनाए रखने के लिए अपना प्रयास लगातार जारी रखा. विशेषकर इंदौर नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों ने पूरे जी-जान से एक लक्ष्य, एक मिशन (mission mode) के तहत दिन-रात काम किया.
सन 2014 में गांधी जयंती 2 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन (swachh bharat mission) के तहत भारत में गंदगी पर काबू पाने की चुनौतियां पेश की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को साफ-सफाई के प्रति और अधिक जागरूक होने के लिए प्रेरित किया. शहरों की राष्ट्रीय स्तर की एक प्रतियोगिता में स्वच्छता के मामले में इंदौर शहर ने 25वीं रैंक हासिल की. उसके बाद देश के स्वच्छता सर्वेक्षण (swachh survekshan 2021) में इंदौर लगातार 5 बार से नंबर वन शहर (indore cleanest city for 5th time) बना हुआ है.
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इंदौर शहर की इस कामयाबी का राज (The Road to Glory) जानने के लिए ईटीवी भारत (ETV Bharat) की टीम ने वर्तमान और तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारियों से इस बारे में बात की. सबसे पहले हमारी टीम ने इस बारे में इंदौर के पूर्व कलेक्टर और वर्तमान में सचिव, MSME विभाग (IAS P Narhari, Secretary, MSME Dept & Commissioner Industries. MD, MP Markfed) वरिष्ठ IAS पी नरहरि से बात की उन्होंने अपने शुरुआती अनुभवों और योजनाओं के बारे में बताया.
शुरुआत में दिया ODF पर जोर, जनता ने भी उठाई जिम्मेदारी
वरिष्ठ IAS पी नरहरि ने बताया कि "हमने एक कार्य नीति बनाई है और हमने तय किया है कि हम अपने जिले को देश में नंबर 1 (Indore number 1 city) बनाएंगे. हमने एक योजना बनाई और पिछले 6 महीनों में हमने कुछ रणनीतियों को अपनाया. जिसमें विशेष रूप से जिला पंचायत अध्यक्ष, जिला पंचायत सीईओ, कलेक्टर सुबह चार बजे गाँव जाते थे. वह समय था जब लोग खुले में शौच करने जाते थे. इसलिए उनसे बातचीत करने और परामर्श देने के लिए सबसे महत्वपूर्ण समय था. इसलिए हमने 6 महीनों में लोगों के व्यवहार में बदलाव पर जोर दिया. और हमने जो भी रणनीति बनाई, उसमें हमने बच्चों के एक समूह को 'वानर सेना' के नाम से तैयार किया. 'वानर सेना' ने भी बुजुर्गों को समझाने की कोशिश की और 6 महीने में हमने इंदौर के ग्रामीण क्षेत्र को 'ओडीएफ' (Open defecation free) कर दिया। और हमारा जिला दूसरा जिला था जिसने देश में 100% ओडीएफ (ODF - खुले में शौच मुक्त) किया".
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लगातार Mission Mode में नगर निगम, शहर के लोग प्रगतिशील
ईटीवी भारत की टीम (ETV Bharat) ने जब वर्तमान कलेक्टर मनीष सिंह इंदौर की उपलब्धि (cleanest city of india indore) के (The Road to Glory) बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि "जैसे ही नगर निगम ने 2015-16 में अपनी स्थिति में सुधार किया उसके बाद जनता में भी जागरूकता आई और वो हमारे साथ खड़ी हो गई. नगर निगम और वाल्मीकि समाज के कर्मचारियों ने कड़ी मेहनत की, उन्होंने अपना समय निर्धारित किया, जनता भी हमारी मदद के लिए वहां थी. जागरूकता के बाद जनता ने भी शहर को स्वच्छ रखने के लिए अपनी जिम्मेदारी उठाई. पूरा श्रेय शहर की जनता को जाता है, क्योंकि उनकी कड़ी मेहनत, मानसिकता, शहर को साफ रखने का जुनून लगातार नंबर एक आने (number 1 city Indore) का मुख्य कारण है.
इंदौर नगर निगम आयुक्त, प्रतिभा पाल ने हमारी टीम (ETV Bharat) से नगर निगम की कार्यप्रणाली और योजनाओं के बारे में विस्तार से बात की. नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल (IMC Commissioner Pratibha Pal) ने बताया कि "लगातार सर्वे में इंदौर नंबर वन (number 1 city Indore) है. हर साल हम कुछ नया करते हैं. इंदौर ने स्वच्छता में लगातार नए प्रतिमान स्थापित किए हैं. इंदौर शहर के लोग प्रगतिशील चीजों को बढ़ावा देते हैं. इंदौर के नंबर वन (Indore city number 1) बनने की यात्रा लगातार चल रही है. लोगों के उत्साह के कारण यह यात्रा जारी रहेगी".
हर साल किया कुछ नया, लगातार नए प्रतिमान
नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने आगे बताया कि (Indore Municipal Corporation Commissioner Pratibha Pal) "हर साल हम कुछ नया करते हैं. पहले साल हमने डोर टू डोर कवरेज पर ध्यान दिया फिर segregation (पृथक्करण) पर ध्यान दिया गया. फिर bioremediation (जैविक उपचार) किया गया. अब जीरो वेस्ट (zero waste) जैसी परिकल्पना है और वाटर प्लस की परिकल्पना है. इस तरीके से इंदौर ने स्वच्छता में लगातार नए प्रतिमान स्थापित किए हैं. Ministry (मंत्रालय) अपने टूलकिट में जो भी नए पैरामीटर इंट्रोड्यूस करती है इंदौर पहला शहर होता है जो उसको लागू करता है. इंदौर शहर के लोग इन सब बातों को समझते हैं, प्रोग्रेसिव चीजों को बढ़ावा देते हैं. यहां के नागरिक इस बात को बेहतर समझते हैं कि हमें हर साल कुछ नया करना है, इस रैंक नंबर 1 को बचाए रखने के लिए. इस तरीके से इंदौर की जो जर्नी है स्वच्छता में नंबर नंबर वन की लगातार चलती जा रही है. जिस जील (zeal) उत्साह के साथ पूरा शहर पूरी टीम काम करती है यह जर्नी (यात्रा) अनवरत रूप से लगातार जारी रहेगी"