इंदौर। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान और क्रिकेटरों एम.एस धोनी, विराट कोहली और रोहित शर्मा द्वारा ऑनलाइन गेमिंग ऐप के प्रचार पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया है. याचिकाकर्ता ने ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाने और सख्त दंड कानून बनाने की मांग की थी.
कोर्ट ने ऑनलाइन गेमिंग के प्रमोशन की रोक की मांग को खारिज किया: कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता की चिंता जनहित में है. राज्य में ऑनलाइन गेमिंग प्रतिबंधित नहीं है. यह आत्म-प्रतिबंध की बात है, क्योंकि अनियंत्रित तरीके से अधिक मात्रा में किया गया कुछ भी जीवन के लिए हानिकारक हो जाता है. कोर्ट निजी व्यक्तियों के खिलाफ कोई भी विज्ञापन करने से रोकने के लिए कोई रिट जारी नहीं की जा सकती, क्योंकि पैसा कमाना उनका पेशा है. याचिकाकर्ता ने उन्हें प्रतिवादी के रूप में फंसाया और रिट याचिका में इस तरह की कोई दलील और राहत नहीं है.
सेलिब्रिटीज के हित में सुनाया फैसला: 5 सितंबर को पारित जस्टिस विवेक रूस और अमरनाथ केशरवानी की खंडपीठ का आदेश मंगलवार को उपलब्ध हो गया. खंडपीठ ने फैसला सुनाया कि खान, धोनी, कोहली और शर्मा जैसे निजी व्यक्तियों के खिलाफ कोई भी विज्ञापन करने से रोकने के लिए कोई रिट जारी नहीं की जा सकती क्योंकि पैसा कमाना उनका पेशा है. अदालत ने कहा कि याचिका को खारिज किया जा रहा था क्योंकि मोबाइल आधारित ऑनलाइन गेमिंग ऐप के ऑपरेटरों को मुकदमे में पक्षकार नहीं बनाया गया था.
कोर्ट ने कहा सेलिब्रिटीज का है प्रोफेशन: याचिकाकर्ता विनोद कुमार द्विवेदी, एक स्थानीय वकील, ने चार मशहूर हस्तियों को ऑनलाइन गेम को बढ़ावा देने से रोकने के लिए प्रार्थना की थी. जिसमें कहा गया था कि युवा इन खेलों के आदी हो जाते हैं और यह उनके भविष्य को प्रभावित करता है. हालांकि, अदालत ने कहा कि यह "आत्म-प्रतिबंध" का मामला है क्योंकि "अनियंत्रित तरीके से अधिक मात्रा में किया गया कुछ भी जीवन के लिए हानिकारक हो जाता है.
(पीटीआई)