इंदौर। चुनाव में प्रत्याशियों से लेकर कार्यकर्ताओं को मतदाताओं को रिझाने के लिए क्या कुछ नहीं करना पड़ता है, ऐसे ही इंदौर में एक ऐसा शख्स जो निर्वाचन की घोषणा से लेकर मतदान होने तक अपनी पार्टी की एक खास तरह की ड्रेस पहनता है. खास तरह की जैकेट पैंट शर्ट और दूल्हे जैसी टोपी वाली यह ड्रेस यह शख्स तभी उतारता है जब प्रचार थम जाता है, लिहाजा आज यह ड्रेस उतर जाएगी.
गली मोहल्ले में गूंजे श्यामलाल जाटव के गीत: इंदौर के श्यामलाल जाटव वन विभाग की नौकरी में बतौर उप कार्यालय अधीक्षक के पद पर पदस्थ थे, लेकिन नौकरी से रिटायर होते ही उन पर राजनीति का ऐसा रंग चढ़ा कि वह भाजपा पार्टी के रंग में रंग गए. इसके बाद एक कार्यकर्ता के बतौर उन्होंने हर चुनाव में अपनी पार्टी के प्रचार का अनूठा तरीका अपनाया, हाथ में पार्टी का झंडा, सिर पर पार्टी के निशान वाली पगड़ी और जैकेट और खास तरह के शर्ट पैंट से सजी उनकी ड्रेस उनकी चुनावी वेशभूषा बन गई. इतना ही नहीं शिक्षित अधिकारी होने के कारण उन्होंने अपनी पार्टी की विचारधारा से ओतप्रोत होकर पार्टी के लिए तरह-तरह के गीत लिखना शुरू कर दिए, नतीजतन क्षेत्र में स्थिति यह हो गई कि उनके वार्ड से जो भी चुनाव लड़ता वह जाटव जी की मेहनत और पार्टी के प्रति समर्पण का मुरीद हो जाता है. लिहाजा हर चुनाव में मोहल्ले के घर-घर और ग्राउंड लेवल पर प्रचार की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी जाने लगी. देखते ही देखते जाटव जी बीते 15 सालों में क्षेत्र के सक्रिय कार्यकर्ता बन गए, इसके बाद उनके लिखे गीत प्रचार के दौरान सभी जगह गूंजने लगे हैं.
जाटव जी की हंसी देख रहवासी होते हैं खुश: भाजपा की ड्रेस वाले जाटव जी इंदौर के क्षेत्र क्रमांक 2 में वरिष्ठ विधायक रमेश मेंदोला के कर्मठ कार्यकर्ता माने जाते हैं, जाटव जी की लगन और मेहनत को देखकर पार्टी के कार्यकर्ता भी उनकी दुख तकलीफ में उनके साथ खड़े रहते हैं. ऐसी स्थिति में जाटव जी का परिवार भी अब भाजपा पार्टी का हिस्सा बन गया है, नतीजतन पति और पत्नी मिलकर अब घर बाहर के सारे काम छोड़ कर अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए पार्टी के रंग में रखे हुए हैं. खास बात यह है कि चुनावी ड्रेस के अलावा अब जाटव जी ने हैंडी माइक थाम रखा है, जिस पर वे अपने ही गाने गाते हुए पार्टी का प्रचार करते हैं.
आज उतरेगी ड्रेस: प्रचार करते समय उन्हें जो भी रहवासी देखता है वह हंसे बिना नहीं रह पाता, लेकिन खुद जाटव जी हंसी का जवाब हंसी से ही देते हैं और बड़ी बेबाकी से पार्टी की विचारधारा और अपनी बात कार्यकर्ताओं के बीच गाने के रूप में रखते हैं. इस दौरान उनकी पत्नी भी उनका हौसला बढ़ाना नहीं भूलतीं, अब जबकि आज प्रचार का अंतिम दिन है तो उनकी यह ड्रेस हर चुनाव की तरह ही उतर कर अगले चुनाव के लिए तैयारी से रख दी जाएगी.
इस बार प्रत्याशी ने दिलवाई दो ड्रेस: वार्ड से जो भी प्रत्याशी चुनाव में खड़ा होता है वह प्रचार के लिए सबसे पहले जाटव जी को याद करता है, इस दौरान जाटव जी की भी एक ही शर्त होती है कि प्रचार के दौरान उन्हें अपने मुताबिक ड्रेस चाहिए रहेगी. लिहाजा चुनाव प्रचार शुरू होते ही जाटव जी के लिए पहले पूरे प्रचार के दौरान लगने वाली ड्रेस सिलाई जाती है, इसके बाद उन्हें माइक देकर और झंडा देकर मैदान में उतार दिया जाता है.