इंदौर। देश के बहुचर्चित समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस में पंचकूला की NIA अदालत ने बुधवार को मुख्य आरोपी असीमानंद के साथ सभी चारों आरोपियों को बरी कर दिया है. इनमें तीन आरोपी इंदौर के महू और देपालपुर के रहने वाले है. खबर आने के बाद लोकेश शर्मा के परिजनों में खुशी की लहर है.
अदालत ने सबूतों के आभाव में मुख्य आरोपी असीमानंद के अलावा लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजेन्द्र चौधरी को भी बरी कर दिया है. इनमें लोकेश महू, कमल और राजेंद्र देपालपुर के रहने वाले हैं. अदालत ने पिछले 11 मार्च को इस मामले में सुनवाई पूरी कर ली थी. एनआइए ने मामले में कुल 224 गवाहों को पेश किया. जबकि बचाव पक्ष ने कोई गवाह नहीं पेश किया. मामले में फैसला 14 मार्च को ही आ जाता लेकिन घटना से जुड़ी एक गवाह ने अपने वकील के माध्यम से सुनवाई के अवसर की बात कही थी. जिसके बाद आज पूरे मामले में NIA कोर्ट अपना फैसला सुनाया है.
ये है समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट की घटना
दिल्ली से लाहौर जा रही समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में 18 फरवरी 2007 को पानीपत के दीवाना रेलवे स्टेशन के पास धमाका हुआ था. इस धमाके में दो बोगियों में आग लग गई थी. जिसमें 68 लोग जिंदा जल गए थे. मरने वालों में ज्यादातार पाकिस्तान के रहने वाले थे. पुलिस ने मौके से दो जिंदा बम बरामद किए थे. लोगों के मुताबिक दो लोग ट्रेन में दिल्ली से सवार हुए थे और रास्ते में कहीं उतर गए इसके बाद धमाका हुआ था.
कोर्ट का फैसला आते ही लोकेश शर्मा के परिवारजनों में खुशी की लहर छा गई. लोगों ने लोकेश शर्मा के घर के सामने आतिशबाजी करने लगे और एक दूसरे को मिठाई खिली. साथ ही भारत माता की जय के नारे लगाए, परिवारजनों ने इसे सत्य की जीत बताया है.