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इंदौरः धड़ल्ले से हो रहा तंबाकू और मादक पदार्थों का विक्रय, 2003 में SC ने लगाया था प्रतिबंध - sc

शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पाद और मादक पदार्थ बेचने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया था. इसके बावजूद ऐसे पदार्थों की बिक्री तो आम बात है. जिससे बच्चों के भविष्य पर गहरा दुष्प्रभाव पड़ता है. दुसरी तरफ शासन और प्रशासन चुप्पी साधे हुए हैं

तंबाकू और मादक पदार्थों
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Published : Feb 27, 2019, 9:55 PM IST

इंदौर। शैक्षणिक संस्थानों के आसपास तंबाकू और नशे पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार कई नियम बना चुकी है. वहीं न्यायालय ने भी उसके लिए एक प्रतिबंधात्मक नियम बनाया है. इसके बावजूद स्कूल और कॉलेजों के आसपास धड़ल्ले से तंबाकू उत्पाद और मादक पदार्थों को बेचा जा रहा है. वहीं जिम्मेदार इस पर कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं.


दरअसल, साल 2003 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक स्कूल कॉलेज और शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पाद और मादक पदार्थ बेचने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया था. साथ ही ऐसा करने पर सजा का प्रावधान भी था. इसके बावजूद ना तो शहरवासियों ने इसका पालन किया, ना ही इसके विक्रेताओं पर प्रशासन ने किसी तरह की कार्रवाई की है. वहीं जिम्मेदारों का कहना है कि कुछ समय तक कार्रवाई नहीं किये जाने के कारण ये स्थिति निर्मित हुई है.

तंबाकू और मादक पदार्थों


होलकर, अटल बिहारी वाजपेई जैसे बड़े महाविद्यालयों से महज 50 किलोमीटर की दूरी पर ऐसे पदार्थों की बिक्री तो आम बात है. वहीं कई जगहों पर शिक्षा संस्थानों से सटकर भी मादक पदार्थों को बेचा जाता है, जिससे बच्चों के भविष्य पर गहरा दुष्प्रभाव पड़ता है. दूसरी तरफ शासन और प्रशासन चुप्पी साधे हुए हैं और समीक्षा कर कार्रवाई की बात कर रहे हैं.

इंदौर। शैक्षणिक संस्थानों के आसपास तंबाकू और नशे पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार कई नियम बना चुकी है. वहीं न्यायालय ने भी उसके लिए एक प्रतिबंधात्मक नियम बनाया है. इसके बावजूद स्कूल और कॉलेजों के आसपास धड़ल्ले से तंबाकू उत्पाद और मादक पदार्थों को बेचा जा रहा है. वहीं जिम्मेदार इस पर कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं.


दरअसल, साल 2003 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक स्कूल कॉलेज और शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पाद और मादक पदार्थ बेचने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया था. साथ ही ऐसा करने पर सजा का प्रावधान भी था. इसके बावजूद ना तो शहरवासियों ने इसका पालन किया, ना ही इसके विक्रेताओं पर प्रशासन ने किसी तरह की कार्रवाई की है. वहीं जिम्मेदारों का कहना है कि कुछ समय तक कार्रवाई नहीं किये जाने के कारण ये स्थिति निर्मित हुई है.

तंबाकू और मादक पदार्थों


होलकर, अटल बिहारी वाजपेई जैसे बड़े महाविद्यालयों से महज 50 किलोमीटर की दूरी पर ऐसे पदार्थों की बिक्री तो आम बात है. वहीं कई जगहों पर शिक्षा संस्थानों से सटकर भी मादक पदार्थों को बेचा जाता है, जिससे बच्चों के भविष्य पर गहरा दुष्प्रभाव पड़ता है. दूसरी तरफ शासन और प्रशासन चुप्पी साधे हुए हैं और समीक्षा कर कार्रवाई की बात कर रहे हैं.

Intro:एंकर - शैक्षणिक संस्थानों के आसपास सरकार तंबाकू और नशे पर प्रतिबंध लगाने के लिए कई नियम बना चुकी है वहीं न्यायालय द्वारा भी उसके लिए एक प्रतिबंधात्मक नियम बनाया गया इन नियमों को लागू करने और मानने वालों की जमीनी हकीकत कुछ और ही है वर्ष 2003 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार स्कूल कॉलेज और शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पाद व मादक पदार्थ बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था लेकिन इस नियम का पालन इंदौर शहर में ना किया जा कर इसका कारोबार करने वाले लोग सरकार को ठेंगा दिखा रहे हैं ना ही इस तरह के कारोबार करने वाले लोगों पर प्रशासन द्वारा किसी तरह की कार्यवाही की जा रही है नियम की अनदेखी की जमीनी हकीकत देखी जाए तो नियम के अनुसार 100 मीटर तक किसी भी तरह के धूम्रपान तंबाकू उत्पाद वह मादक पदार्थ बेचे नहीं जा सकते हैं परंतु 50 मीटर के दायरे में ही इस तरह के उत्पाद का विक्रय धड़ल्ले से किया जा रहा है


Body:नियम के अनुसार 100 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार के तंबाकू उत्पाद और मादक पदार्थ बेचने पर अर्थदंड और सजा दोनों का ही प्रावधान है वहीं एक नियम के अनुसार 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को इस तरह के उत्पाद बेचना भी गैरकानूनी है लेकिन शहर में इस तरह के उत्पाद शैक्षणिक संस्थानों के आसपास धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं जिसको लेकर शासन और प्रशासन चुप्पी साधे हुए हैं वही समीक्षा कर कार्यवाही की बात कर रहे हैं पूरे मामलों में चौंकाने वाली बात यह भी है कि कहीं जगह पर स्कूल की सुरक्षा दीवार से सटाकर बनी दुकानों में भी इस तरह के उत्पाद बेचे जा रहे हैं


Conclusion:इंदौर शहर के सबसे बड़े महाविद्यालय होलकर महाविद्यालय और शासकीय अटल बिहारी वाजपेई कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय के 50 मीटर के दायरे में इस तरह के उत्पाद बेची जाना आमबात हैओर आसपास कहीं जगह इस तरह के उत्पाद बेचते देखे जा सकते हैं वही सबसे बड़ी बात यह भी है कि होलकर कॉलेज की दीवार से लगभग 20 मीटर दूरी पर शराब परोसने वाला एक बार भी बना है जिस के आसपास कई कोचिंग व शैक्षणिक संस्थान है वहीं इन दोनों कालेजों और बाहर से लगभग 50 मीटर की दूरी पर ही भवर कुआं थाना बना हुआ है इस तरह के मादक पदार्थों और तंबाकू उत्पादों की बिक्री से बच्चों पर उनके भविष्य पर गहरा दुष्प्रभाव पड़ता है जिम्मेदारों के अनुसार कुछ समय कार्यवाही न किए जाने के कारण यह स्थिति बनी है जल्द ही कार्यवाही कर इन्हें हटाया जाएगा पर सवाल यह खड़ा होता है कि अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है

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बाइट -- लोकेश जाटव कलेक्टर
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