इंदौर। देवी देवताओं के नाम में पॉजिटिव एनर्जी समाहित होने की अटूट मान्यता है. यही वजह है कि, देश के जिन हजारों लोगों ने बीते कई दशकों में पुस्तिकाओं में 21 करोड़ बार राम नाम का लेखन किया है (Indore 21 crore Ram Naam writing). यह पुस्तकें अब अयोध्या के श्री राम मंदिर को पॉजिटिव एनर्जी से जागृत करेंगी. दरअसल, इंदौर में राम नाम का बैंक चलाने वाले सोनगरा परिवार ने यह पहल की है. इस पहल के जरिए हजारों की संख्या में पुस्तकें अयोध्या भेजें जाने की तैयारी की जा रही है.
नि:शुल्क यात्रा की योजना: राम के नाम से लिखी गई इन कॉपियों की खासियत यह है कि, इन्हें भगवान राम के प्रति आस्था रखने वाले देश के विभिन्न राज्यों के लोगों ने लिखकर भेजा है. पुण्य के इस काम को सदैव रखा जा सके इसके लिए बैंक के संचालन के साथ परिवार ने 50 कॉपी में लिखने वाले के लिए देश के किसी भी तीर्थ स्थल पर निशुल्क यात्रा कराने की योजना भी शुरू की. सैकड़ों लोग अब राम नाम लेखन के अभियान से जुड़ चुके हैं. इतना ही नहीं जरूरतमंद लोगों के बच्चों की फीस, पुस्तकें, स्कूल ड्रेस अथवा खानपान की जरूरत होती है. उन्हें भी राम नाम लेखन की 50 कॉपियां लिखने के बाद उनके लिए हर संभव मदद की यहां सुविधा है. यही वजह है कि, अब राम नाम बैंक के कई खातेदारों की लाइन यहां लगी हुई है.
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मोबाइल पर मिलते हैं आर्डर: सोशल मीडिया पर बैंक का नंबर है. राम नाम लिखने वाले कई लोग इस नंबर पर संपर्क कर रामनाम का जाप लिखने वाली पुस्तिकाएं मंगाते हैं. इन्हें बैंक द्वारा डाक एवं कोरियर से भेजा जाता है. यह पुस्तिकाएं निशुल्क हैं. इसलिए बैंक के स्तर पर ही इन्हें राम नाम लेखन करने वाले श्रद्धालुओं को भेजा जाता है. इनमें कई श्रद्धालु ऐसे होते हैं जो 50-50 पुस्तिकाएं लिख देते हैं इन्हें उनकी इच्छा के मुताबिक या तो तीर्थ यात्रा के टिकट दिए जाते हैं या फिर आवश्यकता के अनुसार चीजें खरीद कर गिफ्ट कर दी जाती है.
राम नाम से जुड़ने की प्रेरणा: इंदौर के अलावा देश में कई ऐसे स्थान हैं जहां राम नाम लिखने का चलन है. इंदौर के बैंक की खासियत यह है कि, यहां बाकायदा किसी प्रोफेशनल बैंक के सेटअप की तरह ही मैनेजर के कक्ष के साथ अन्य कर्मचारियों का कक्ष है. पुस्तक जारी करने से लेकर जमा करने का पूरा काम संभालते हैं. इसके अलावा जिन श्रद्धालुओं के लिए तीर्थ यात्राओं का प्रबंध करना होता है, उनकी टिकट अथवा राशि का प्रबंध भी बैंक के जरिए ही होता है. यह पूरी जिम्मेदारी बैंक के मुखिया लक्ष्मण सिंह सोनगरा खुद देखते हैं.
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बचपन से अपनी मां भंवर भाई सोनगरा के राम नाम लिखने के संघर्ष और जमा करने की उनकी भावना से अभिभूत होकर दूसरी पीढ़ी में राम नाम लेखन की परंपरा को आगे बढ़ाया. अपनी माताजी की परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए परिवार पर भगवान श्रीराम का ऐसा ऐसा आशीर्वाद है कि, सारे संकट दूर हो चुके हैं. पहले परिवार में जो आर्थिक तंगी रहती थी, अब उस परिवार का हर सदस्य आर्थिक रूप से सक्षम और संस्कारित है. इसके अलावा भगवान राम की कृपा से ही परिवार पर आने वाला कोई भी संकट चल जाता है. यह सब भगवान राम नाम लेखन की व्यवस्था और बैंक के संचालन का परिणाम है. - लक्ष्मण सिंह सोनगरा
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पित्रेश्वर धाम पर रखी जा चुकी है पुस्तकें: राम नाम बैंक में करोड़ों बार राम नाम से लिखी गई पुस्तिकाएं इंदौर में चर्चित हनुमान तीर्थ पित्रेश्वर हनुमान धाम में भी रखी जा चुकी हैं. इसके अलावा मान्यता है कि, मंदिरों के गुंबद में स्थाई रूप से इन पुस्तिकाओं को रखा जाता है. इससे मंदिर पॉजिटिव एनर्जी से जागृत रहता है.