भोपाल। जिस तरह से कांग्रेस का आलाकमान देश भर में पार्टी को पुनर्जीवित करने की कवायद और संगठन में परिवर्तन कर रहा है मध्य प्रदेश में भी नेतृत्व परिवर्तन की संभावनाएं बढ़ गई हैं. पंजाब और महाराष्ट्र में हाल ही में पार्टी अध्यक्ष के तौर पर नए चेहरे सामने आए हैं. इसे लेकर यह तय माना जा रहा है कि एमपी कांग्रेस में भी जल्द परिवर्तन होगा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कमलनाथ को कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष भी बनाया जा सकता है, हालांकि वे उम्र का हवाला देकर मध्य प्रदेश में ही बने रहने का बात कह रहे हैं, लेकिन सूत्रों की मानें तो उम्रदराज होती जा रहीं सोनिया गांधी और उनके सिपहसालार चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी और संगठन की बागडोर एक बार फिर पूरी तरह से राहुल गांधी और प्रियंका के हाथ में आ जाए. इसे लेकर पार्टी और संगठन में बड़े बदलाव किए जा रहे हैं.
संकल्प के फेर में फंसे कमलनाथ
राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार सजी थामस का कहना है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी में बदलाव के लिए कमलनाथ का संकल्प आड़े आ रहा है. उनका संकल्प है कि वे अगले विधानसभा चुनाव तक मप्र में ही रहना चाहते हैं. इस बात को प्रदेश कांग्रेस का हर नेता कह चुका है. प्रदेश कांग्रेस के नेता भी चाहते हैं कि 2023 में होने वाला मप्र विधानसभा का चुनाव कमलनाथ के नेतृत्व में ही लड़ा जाए. इसलिए प्रदेश कांग्रेस और संगठन में होने वाला बदलाव फिलहाल भले ही टाल दिया जाए,लेकिन कांग्रेस जिस तरह अपनी अगली रणनीति पर काम कर रही है उसमें प्रदेश कांग्रेस में भी परिवर्तन होना तय माना जा रहा है इसमें कुछ समय जरूर लग सकता है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का बयान: मध्य प्रदेश छोड़कर नहीं जाऊंगा
दिल्ली से लौटकर एमपी में सक्रिय हुए कमलनाथ
जानकारों का कहना है कि पिछले दिनों दिल्ली में कमलनाथ और सोनिया गांधी की बीच जो मुलाकात हुई वह किन मुद्दों को लेकर हुई इसकी जानकारी आने वाले दिनों में सामने आ सकती है. जानकार यह भी कहते हैं कि जिस तरह से दिल्ली से लौटकर आए कमलनाथ प्रदेश संगठन को सक्रिय करने में जुट गए हैं उससे इस बात को बल मिलता है कि उन्हें कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की बात शिगूफा ही साबित हुई है. उनका कार्यशैली को देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे आलाकमान को अपनी मंशा बता चुके हैं. खुद कमलनाथ भी इस बात का एलान कर चुके हैं कि वे मध्य प्रदेश नहीं छोड़ने वाले. इससे साफ हो गया है कि दिल्ली में प्रदेश संगठन में बदलाव को लेकर फिलहाल कोई चर्चा नहीं हुई है.
बदलाव में दिखेगी राहुल-प्रियंका की पसंद
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले समय कांग्रेस संगठन और पार्टी में जिन भी प्रदेशों में बदलाव होगा वह राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा की पसंद से होगा. ऐसे में प्रदेश के युवा नेताओं को तरजीह मिलना स्वाभाविक है. इन हालातों में पीसीसी चीफ के लिए जीतू पटवारी, जयवर्धन सिंह या उमंग सिंघार के लिए रास्ता खुल सकता है. हालांकि कमलनाथ के राष्ट्रीय राजनीति में जाने की खबरों के दौरान पीसीसी चीफ, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद के लिए कई दावेदारों के नाम सामने आए थे. इनमें पीसीसी चीफ के लिए जहां सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी,जयवर्धन सिंह,उमंग सिंघार की दावेदारी बताई गई वहीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए डॉ. गोविंद सिंह, डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ, केपी सिंह के नाम भी सामने आए हैं.
पंजाब,महाराष्ट्र में नए चेहरों को मिली कमान
महाराष्ट्र कांग्रेस में हुई खींचतान के बाद नाना पटोले को पार्टी अध्यक्ष बनाया गया है. वहीं पंजाब में कांग्रेस ने हाल ही में नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. इसके साथ ही चार कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए गए है. इन दोनों राज्यों में हुए बदलाव में राहुल और प्रियंका की पसंद का खास ध्यान रखा गया है.