इंदौर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इंदौर निगम आयुक्त एवं कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. बता दें कि पिछले दिनों इंदौर हाईकोर्ट में बिना भवन पूर्णता प्रमाणपत्र के भवनों के उपयोग की अनुमति इंदौर नगर निगम द्वारा दिये जाने को लेकर एक याचिका लगाई गई थी, उसी याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई कर नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने 4 हफ्ते में जवाब देने का फरमान भी जारी किए है.
बिना भवन पूर्णता प्रमाणपत्र के उपयोग की अनुमति दिए जाने का मामला: बता दें कि पूर्व पार्षद महेश गर्ग की ओर से एडवोकेट मनीष यादव और एडवोकेट अदिति यादव ने जनहित याचिका दायर कर इंदौर नगर निगम के द्वारा बिना भवन पूर्णता प्रमाणपत्र दिए भवन उपयोग की अनुमति दिए जाने का मुद्दा न्यायालय के सामने रखते हुए मल्हार मेगा माल, C 21 माल समेत कई बिल्डिंग की सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के दस्तावेज बताते हुए न्यायालय को अवगत करवाया की इन सभी बिल्डिंग का कोई भवन पूर्णता प्रमाणपत्र नहीं है. बावजूद इन्हें उपयोग की अनुमति दी गई जिसमें नगर निगम की घोर लापरवाही है. याचिका में जिन भी भवनों का उपयोग बिना भवन पूर्णता प्रमाण पत्र के हो रहा है उन पर कार्यवाही कर उनकी भवन अनुमति निरस्त कर नियमानुसार कार्रवाई की जाए व जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही की भी मांग की गई है.
अवैध निर्माण को बढ़ावा मिल रहा है: वहीं एडवोकेट यादव ने यह भीं तर्क रखते हुए बताया इसी के चलते शहर में अवैध निर्माण को बढ़ावा मिल रहा है और फिर निगम तोड़फोड़ की करवाई करती है. याचिकाकर्ता की ओर से कई भवनों की बिना अनुमति के उपयोग होने की सूची प्रति प्रस्तुत की गई. वहीं, कोर्ट ने एडवोकेट यादव के तर्कों से सहमत होकर प्रशासनिक न्यायमूर्ति विवेक रूसिया और न्यायमूर्ति अमरनाथ केसरवानी की युगलपीठ ने कलेक्टर, इन्दौर नगर निगम कमिश्नर को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है. (Indore High Court News)(MP HC Indore Bench)
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