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मालवा का गेहूं बनेगा अब मिस्र का आहार, गेहूं को परखने इंदौर पहुंची इजिप्ट की टीम - Malwa wheat demand

इस बार मालवा का गेहूं सात समंदर पार भी पहुंचेगा. मालवा के गेहूं को परखने के लिए मिस्र का दल इंदौर आया है. दल ने गेहूं की विभिन्न किस्मों की पड़ताल करते हुए जांच की. कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि राज्य सरकार गेहूं के निर्यात के लिए बड़े पैमाने पर प्लानिंग कर रही है. आने वाले वक्त में 20 से 30 प्रतिशत गेहूं का निर्यात इजिप्ट को किया जा सकता है. (Malwa wheat exported to Egypt)

Egyptian team reached Indore
मिस्र का आहार बनेगा मालवा का गेहूं
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Published : Apr 13, 2022, 11:21 AM IST

इंदौर। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का असर विश्व में गेहूं की आपूर्ति पर हुआ है. ऐसे में मिस्र मध्यप्रदेश से गेहूं के आयात की संभावनाएं खंगाल रहा है. मालवी गेहूं की खूबियां और निर्यात की व्यवस्था जानने मिस्र का एक प्रतिनिधिमंडल इंदौर पहुंचा. 3 सदस्यीय इस दल ने 2 दिनों में गेहूं की विभिन्न किस्मों की पड़ताल करते हुए जांच की, साथ ही मंडी बोर्ड, अफसरों और विशेषज्ञों से भी चर्चा की.

मिस्र में निर्यात होगा मालवा का गेहूं

विदेशों में बढ़ी भारतीय गेहूं की मांग: माना जा रहा है कि जल्दी मालवी गेहूं अब इजरायल समेत इंडोनेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, मलेशिया आदि देशों में भी भेजा जा सकता है. इसके अलावा पूर्वी एशिया के कई देशों में भी अब मध्य प्रदेश के गेहूं की मांग की जा रही है. अगर मिस्र में निर्यात शुरू होता है, तो उससे गेहूं का निर्यात बढ़ेगा. कलेक्टर ने दल को मालवी गेहूं की खासियत भी बताई. (Malwa wheat demand)

क्यों खास है मालवा का गेहूं ? : मध्यप्रदेश के सीहोर अथवा मालवा अंचल में होने वाला गेहूं पौष्टिकता की दृष्टि से उत्तम माना जाता है. गेहूं मोटा दलिया बनाने के काम में आता है. इसके अलावा ब्रेड अथवा अन्य खाद्य सामग्री भी इस गेहूं से काफी पौष्टिक बनती है. इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि राज्य सरकार गेहूं के निर्यात के लिए बड़े पैमाने पर प्लानिंग कर रही है. लिहाजा आने वाले दिनों में 20 से 30% गेहूं का निर्यात इजिप्ट को किया जा सकता है. इसके अलावा इजिप्ट देश के दल ने इंदौर का सेंट्रल वेयरहाउस और भंडारण की व्यवस्था देखी, जिसे लेकर वे काफी संतुष्ट नजर आए.

गेहूं खरीदी: सरकार की नीतियों से किसान नाराज, नहीं भा रहा ग्रेडिंग सिस्टम, मंडी की जगह व्यापारियों को बेच रहे हैं अनाज

युद्ध के बीच 46 लाख टन गेहूं का निर्यात: यूक्रेन और रूस के युद्ध के चलते मिस्र देश के अलावा इजरायल, ओमान, नाइजीरिया और दक्षिण अफ्रीका में खाद्यान्न संकट गहरा रहा है. लिहाजा रूसी सप्लाई नहीं हो पाने के कारण इन देशों ने भारत से संपर्क किया है. हालांकि, युद्ध के बीच भारत से अब तक 46 लाख टन गेहूं का निर्यात हो चुका है. यह बीते साल की तुलना में 3 गुना ज्यादा है. मध्य प्रदेश कृषि कर्मण अवॉर्ड लगातार जीतता रहा है और यहां का गेहूं देश-दुनिया में मशहूर भी है. खासकर विदेशियों को मालवा का गेहूं पसंद आता है.

(Malwa wheat to be exported to Egypt) (Egyptian team reached Indore)

इंदौर। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का असर विश्व में गेहूं की आपूर्ति पर हुआ है. ऐसे में मिस्र मध्यप्रदेश से गेहूं के आयात की संभावनाएं खंगाल रहा है. मालवी गेहूं की खूबियां और निर्यात की व्यवस्था जानने मिस्र का एक प्रतिनिधिमंडल इंदौर पहुंचा. 3 सदस्यीय इस दल ने 2 दिनों में गेहूं की विभिन्न किस्मों की पड़ताल करते हुए जांच की, साथ ही मंडी बोर्ड, अफसरों और विशेषज्ञों से भी चर्चा की.

मिस्र में निर्यात होगा मालवा का गेहूं

विदेशों में बढ़ी भारतीय गेहूं की मांग: माना जा रहा है कि जल्दी मालवी गेहूं अब इजरायल समेत इंडोनेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, मलेशिया आदि देशों में भी भेजा जा सकता है. इसके अलावा पूर्वी एशिया के कई देशों में भी अब मध्य प्रदेश के गेहूं की मांग की जा रही है. अगर मिस्र में निर्यात शुरू होता है, तो उससे गेहूं का निर्यात बढ़ेगा. कलेक्टर ने दल को मालवी गेहूं की खासियत भी बताई. (Malwa wheat demand)

क्यों खास है मालवा का गेहूं ? : मध्यप्रदेश के सीहोर अथवा मालवा अंचल में होने वाला गेहूं पौष्टिकता की दृष्टि से उत्तम माना जाता है. गेहूं मोटा दलिया बनाने के काम में आता है. इसके अलावा ब्रेड अथवा अन्य खाद्य सामग्री भी इस गेहूं से काफी पौष्टिक बनती है. इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि राज्य सरकार गेहूं के निर्यात के लिए बड़े पैमाने पर प्लानिंग कर रही है. लिहाजा आने वाले दिनों में 20 से 30% गेहूं का निर्यात इजिप्ट को किया जा सकता है. इसके अलावा इजिप्ट देश के दल ने इंदौर का सेंट्रल वेयरहाउस और भंडारण की व्यवस्था देखी, जिसे लेकर वे काफी संतुष्ट नजर आए.

गेहूं खरीदी: सरकार की नीतियों से किसान नाराज, नहीं भा रहा ग्रेडिंग सिस्टम, मंडी की जगह व्यापारियों को बेच रहे हैं अनाज

युद्ध के बीच 46 लाख टन गेहूं का निर्यात: यूक्रेन और रूस के युद्ध के चलते मिस्र देश के अलावा इजरायल, ओमान, नाइजीरिया और दक्षिण अफ्रीका में खाद्यान्न संकट गहरा रहा है. लिहाजा रूसी सप्लाई नहीं हो पाने के कारण इन देशों ने भारत से संपर्क किया है. हालांकि, युद्ध के बीच भारत से अब तक 46 लाख टन गेहूं का निर्यात हो चुका है. यह बीते साल की तुलना में 3 गुना ज्यादा है. मध्य प्रदेश कृषि कर्मण अवॉर्ड लगातार जीतता रहा है और यहां का गेहूं देश-दुनिया में मशहूर भी है. खासकर विदेशियों को मालवा का गेहूं पसंद आता है.

(Malwa wheat to be exported to Egypt) (Egyptian team reached Indore)

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