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डिजिटल ऐप वार! भाजपा के बाद कांग्रेस भी जुटा रही फंड, 5 रुपये जमा कर बन सकते हैं सदस्य

देशभर में ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को अपने पक्ष में लाने के साथ दान और चंदे के जरिए आर्थिक संपन्नता में जुटे राजनीतिक दल अब सदस्यता में भी डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे हैं. इतना ही नहीं, सदस्यता राशि से लेकर अन्य तमाम निधियों के लिए भी अब मोबाइल से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन हो रहा है.

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भाजपा-कांग्रेस का डिजिटल वार!
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Published : Feb 14, 2022, 5:11 PM IST

इंदौर। देशभर में ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को अपने पक्ष में लाने के साथ दान और चंदे के जरिए आर्थिक संपन्नता में जुटे राजनीतिक दल अब सदस्यता में भी डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे हैं. इतना ही नहीं, सदस्यता राशि से लेकर अन्य तमाम निधियों के लिए भी अब मोबाइल से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन हो रहा है. भाजपा द्वारा मिस कॉल के जरिए सदस्यता लेने के अभियान के बाद अब कांग्रेस भी मोबाइल के जरिए डिजिटल सदस्यता अभियान चला रही है.

भाजपा-कांग्रेस का डिजिटल वार!

यह है खास
दरअसल, हाल ही में कांग्रेस ने पांच चरणों में जो सदस्यता अभियान शुरू किया था. उसे पहली बार मैनुअल के अलावा डिजिटल रूप में तैयार किया गया है. इसकी शुरुआत इंदौर से हुई है, जिसमें किसी भी कांग्रेस पदाधिकारी द्वारा सदस्य बनने के इच्छुक व्यक्ति का मोबाइल से ही फोटो लेकर डिजिटल पेमेंट के जरिए पहचान पत्र का नंबर डालकर सदस्यता देने की सुविधा है. खास बात यह है कि, इस डिजिटल प्रक्रिया में ही पार्टी को सदस्यता शुल्क की राशि ऑनलाइन मिलने का भी प्रावधान है इसके अलावा सदस्यता की रसीद भी मोबाइल के जरिए मेल भेजकर उसका प्रिंट आउट लेने की भी व्यवस्था है.

विधानसभा में हिजाब पहनकर पहुंचीं कांग्रेस विधायक कनीज फातिमा

मोबाइल के जरिए सदस्यता
बीते दिनों जब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य की विभिन्न इकाइयों को घर-घर चलो अभियान की शुरुआत कर सदस्यता अभियान शुरू किया तो प्रदेश भर के मोर्चा संगठनों एवं पार्टी के तमाम पदाधिकारियों को स्वच्छता अभियान में शामिल होने के निर्देश दिए गए थे. इंदौर में सदस्यता अभियान के लिए भी यही प्रक्रिया अपनाई जा रही है, जिसमें सदस्यता लेने वालों को मोबाइल से डेमो देने के साथ मोबाइल के जरिए ही सदस्यता दी जा रही है.

5 रुपये में मिल रही सदस्यता
यह पहला मौका है, जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा डिजिटल सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान में सदस्यता दिलाने वाला पदाधिकारी संबंधित व्यक्ति को सदस्यता के लिए तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के बाद पूरी जानकारी एक व्हाट्सएप नंबर पर भेजता है, उसी नंबर पर या सदस्य दिलाने वाले के नंबर पर पेटीएम या अन्य भुगतान ऐप के जरिए ₹5 जमा करने पर सदस्यता क्रमांक जारी हो जाता है, इसके बाद संबंधित व्यक्ति के मोबाइल पर या हार्ड कॉपी के रूप में सदस्यता रसीद भी प्रदान करने की सुविधा एप में दी गई है.

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डिजिटल इनोवेशन में भाजपा आगे
कांग्रेस के सदस्यता अभियान को लेकर भाजपा का कहना है कि, कांग्रेस खुद ही अस्तित्व के संकट से जूझ रही है ऐसे में उनके डिजिटल सदस्यता अभियान का कोई मतलब नहीं है. पार्टी के नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे कहते हैं कि, जिस दौर में भारतीय जनता पार्टी ने दुनिया का सबसे बड़ा सदस्यता अभियान मोबाइल पर मिस कॉल देने के माध्यम से चलाया था, तब इसी तरह की पार्टियों ने हंसी उड़ाई थी. आज भाजपा के पद चिन्हों पर विरोधी पार्टियां अब डिजिटल ऐप के जरिए सदस्यता देने की बात कर रही है. उन्होंने कहा कि, भाजपा में डिजिटल इनोवेशन सदैव होते रहते हैं, इसीलिए वह पार्टी विद डिफरेंस है.

डिजिटल सदस्यता अभियान में विवाद
इंदौर में कांग्रेस के सदस्यता अभियान प्रभारी राकेश सिंह यादव ने पार्टी के तमाम प्रतिनिधियों से विगत दिनों सदस्यता के लिए नामों की सूची मांग ली थी, इसके बाद सदस्यता संबंधी बैठकों में भी पार्टी के अन्य समानांतर संगठनों के प्रतिनिधि नहीं पहुंचे तो मामला गरमा गया था. इसके बाद सदस्यता प्रभारी नहीं पत्र जारी कर संबंधित संगठनों के प्रमुखों से सूची नहीं देने का कारण पूछ लिया था, जिसपर विवाद की स्थिति बन गई थी, हालांकि पूरा मामला पार्टी के प्रदेश संगठन के संज्ञान में है, जिसमें अब दोनों पक्षों की ओर से मिलजुल कर काम करने की दलील दी जा रही है.

इंदौर। देशभर में ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को अपने पक्ष में लाने के साथ दान और चंदे के जरिए आर्थिक संपन्नता में जुटे राजनीतिक दल अब सदस्यता में भी डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे हैं. इतना ही नहीं, सदस्यता राशि से लेकर अन्य तमाम निधियों के लिए भी अब मोबाइल से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन हो रहा है. भाजपा द्वारा मिस कॉल के जरिए सदस्यता लेने के अभियान के बाद अब कांग्रेस भी मोबाइल के जरिए डिजिटल सदस्यता अभियान चला रही है.

भाजपा-कांग्रेस का डिजिटल वार!

यह है खास
दरअसल, हाल ही में कांग्रेस ने पांच चरणों में जो सदस्यता अभियान शुरू किया था. उसे पहली बार मैनुअल के अलावा डिजिटल रूप में तैयार किया गया है. इसकी शुरुआत इंदौर से हुई है, जिसमें किसी भी कांग्रेस पदाधिकारी द्वारा सदस्य बनने के इच्छुक व्यक्ति का मोबाइल से ही फोटो लेकर डिजिटल पेमेंट के जरिए पहचान पत्र का नंबर डालकर सदस्यता देने की सुविधा है. खास बात यह है कि, इस डिजिटल प्रक्रिया में ही पार्टी को सदस्यता शुल्क की राशि ऑनलाइन मिलने का भी प्रावधान है इसके अलावा सदस्यता की रसीद भी मोबाइल के जरिए मेल भेजकर उसका प्रिंट आउट लेने की भी व्यवस्था है.

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मोबाइल के जरिए सदस्यता
बीते दिनों जब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य की विभिन्न इकाइयों को घर-घर चलो अभियान की शुरुआत कर सदस्यता अभियान शुरू किया तो प्रदेश भर के मोर्चा संगठनों एवं पार्टी के तमाम पदाधिकारियों को स्वच्छता अभियान में शामिल होने के निर्देश दिए गए थे. इंदौर में सदस्यता अभियान के लिए भी यही प्रक्रिया अपनाई जा रही है, जिसमें सदस्यता लेने वालों को मोबाइल से डेमो देने के साथ मोबाइल के जरिए ही सदस्यता दी जा रही है.

5 रुपये में मिल रही सदस्यता
यह पहला मौका है, जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा डिजिटल सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान में सदस्यता दिलाने वाला पदाधिकारी संबंधित व्यक्ति को सदस्यता के लिए तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के बाद पूरी जानकारी एक व्हाट्सएप नंबर पर भेजता है, उसी नंबर पर या सदस्य दिलाने वाले के नंबर पर पेटीएम या अन्य भुगतान ऐप के जरिए ₹5 जमा करने पर सदस्यता क्रमांक जारी हो जाता है, इसके बाद संबंधित व्यक्ति के मोबाइल पर या हार्ड कॉपी के रूप में सदस्यता रसीद भी प्रदान करने की सुविधा एप में दी गई है.

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कांग्रेस के सदस्यता अभियान को लेकर भाजपा का कहना है कि, कांग्रेस खुद ही अस्तित्व के संकट से जूझ रही है ऐसे में उनके डिजिटल सदस्यता अभियान का कोई मतलब नहीं है. पार्टी के नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे कहते हैं कि, जिस दौर में भारतीय जनता पार्टी ने दुनिया का सबसे बड़ा सदस्यता अभियान मोबाइल पर मिस कॉल देने के माध्यम से चलाया था, तब इसी तरह की पार्टियों ने हंसी उड़ाई थी. आज भाजपा के पद चिन्हों पर विरोधी पार्टियां अब डिजिटल ऐप के जरिए सदस्यता देने की बात कर रही है. उन्होंने कहा कि, भाजपा में डिजिटल इनोवेशन सदैव होते रहते हैं, इसीलिए वह पार्टी विद डिफरेंस है.

डिजिटल सदस्यता अभियान में विवाद
इंदौर में कांग्रेस के सदस्यता अभियान प्रभारी राकेश सिंह यादव ने पार्टी के तमाम प्रतिनिधियों से विगत दिनों सदस्यता के लिए नामों की सूची मांग ली थी, इसके बाद सदस्यता संबंधी बैठकों में भी पार्टी के अन्य समानांतर संगठनों के प्रतिनिधि नहीं पहुंचे तो मामला गरमा गया था. इसके बाद सदस्यता प्रभारी नहीं पत्र जारी कर संबंधित संगठनों के प्रमुखों से सूची नहीं देने का कारण पूछ लिया था, जिसपर विवाद की स्थिति बन गई थी, हालांकि पूरा मामला पार्टी के प्रदेश संगठन के संज्ञान में है, जिसमें अब दोनों पक्षों की ओर से मिलजुल कर काम करने की दलील दी जा रही है.

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