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लॉकडाउन में बिछड़ा मजदूर का परिवार, मां-बाप गांव में, बेटियां गुजरात में फंसी

लॉकडाउन के चलते एक मजदूर की तीन बेटियां गुजरात में फंसी हुई हैं. जिसे वापस लाने के लिए वह सरकार से गुहार लगा रहा है. तीनों लड़कियां मां-बाप के साथ गुजरात में मजदूरी करने गई थीं. जहां बेटे का इलाज कराने मजदूर पत्नी के साथ इंदौर आया हुआ था. जो लॉकडाउन के चलते वापस नहीं जा पाया और उसकी तीनों बेटियां गुजरात में फंस गईं.

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लॉकडाउन में बिछड़ा मजदूर का परिवार
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Published : May 7, 2020, 4:56 PM IST

इंदौर। लॉकडाउन मजदूरों के लिए कितनी परेशानी लेकर आया है. इसकी एक बानगी इंदौर जिले के गौतमपुरा के पास रलायता गांव में देखने को मिली. गांव में रहने वाले मजदूर अम्माराम की तीन बेटियां गुजरात में फंसी हुई हैं. जो अब तक वापस नहीं आ पाई. अम्बाराम लगातार बेटियों की वापसी के लिए सभी से गुहार लगा रहे हैं.

लॉकडाउन में बिछड़ा मजदूर का परिवार

रलायता गांव में रहने वाले मजदूर अम्बाराम पिछले साल अपने परिवार के साथ गुजरात में मजदूरी करने गए थे. उनके साथ उनकी तीन बेटियां भी वहीं मजदूरी करती थीं. पिछले दिनों जब उनके छोटे बेटे की तबियत खराब हुई तो अम्बाराम अपनी तीनों बेटियों को छोड़कर पत्नी के साथ बेटे का इलाज कराने इंदौर आ गए. लेकिन इस बीच लॉकडाउन शुरु हो गया. जिससे अम्बाराम गांव में ही फंस गए और उनकी बेटियां गुजरात में .

बेटियों की हो रही चिंता

बेटियों के दूर होने से मां-बाप की चिंता बढ़ती जा रही है. उनका कहना है तीनों बेटियां गुजरात में अमरेली जिले के साजियावदर गांव फंसी हैं. लॉकडाउन के चलते उनके सामने रोजी-रोटी का संकट भी खड़ा होता जा रहा है. ऐसे में तीनों लड़कियां वहां किस हाल में होंगी इसका कुछ अंदाजा नहीं है.

परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर है कि उनके पास बेटियों से बात करने के लिए मोबाइल भी नहीं है. ऐसे में एक रिपोर्टर ने उनकी बात बेटियों से कराई. मजदूर ने बताया कि फिलहाल बेटियों से बात करने के बाद पता चला है कि वे वहां ठीक हैं. लेकिन मजदूर ने अपनी तीनों बेटियों को वापस लाने की गुहार लगाई है. मामला सामने आने के बाद इसकी जानकारी स्थानीय जिला प्रशासन को भी दे दी गई हैं. लेकिन बेटियों के दूर होने से परिवार की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं.

इंदौर। लॉकडाउन मजदूरों के लिए कितनी परेशानी लेकर आया है. इसकी एक बानगी इंदौर जिले के गौतमपुरा के पास रलायता गांव में देखने को मिली. गांव में रहने वाले मजदूर अम्माराम की तीन बेटियां गुजरात में फंसी हुई हैं. जो अब तक वापस नहीं आ पाई. अम्बाराम लगातार बेटियों की वापसी के लिए सभी से गुहार लगा रहे हैं.

लॉकडाउन में बिछड़ा मजदूर का परिवार

रलायता गांव में रहने वाले मजदूर अम्बाराम पिछले साल अपने परिवार के साथ गुजरात में मजदूरी करने गए थे. उनके साथ उनकी तीन बेटियां भी वहीं मजदूरी करती थीं. पिछले दिनों जब उनके छोटे बेटे की तबियत खराब हुई तो अम्बाराम अपनी तीनों बेटियों को छोड़कर पत्नी के साथ बेटे का इलाज कराने इंदौर आ गए. लेकिन इस बीच लॉकडाउन शुरु हो गया. जिससे अम्बाराम गांव में ही फंस गए और उनकी बेटियां गुजरात में .

बेटियों की हो रही चिंता

बेटियों के दूर होने से मां-बाप की चिंता बढ़ती जा रही है. उनका कहना है तीनों बेटियां गुजरात में अमरेली जिले के साजियावदर गांव फंसी हैं. लॉकडाउन के चलते उनके सामने रोजी-रोटी का संकट भी खड़ा होता जा रहा है. ऐसे में तीनों लड़कियां वहां किस हाल में होंगी इसका कुछ अंदाजा नहीं है.

परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर है कि उनके पास बेटियों से बात करने के लिए मोबाइल भी नहीं है. ऐसे में एक रिपोर्टर ने उनकी बात बेटियों से कराई. मजदूर ने बताया कि फिलहाल बेटियों से बात करने के बाद पता चला है कि वे वहां ठीक हैं. लेकिन मजदूर ने अपनी तीनों बेटियों को वापस लाने की गुहार लगाई है. मामला सामने आने के बाद इसकी जानकारी स्थानीय जिला प्रशासन को भी दे दी गई हैं. लेकिन बेटियों के दूर होने से परिवार की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं.

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