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इंदौर की कान्ह नदी की सूरत बदलने की कवायद, जानिए क्या है नई योजना जिससे निर्मल होगी नदी

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Published : Dec 28, 2021, 3:53 PM IST

MP के इंदौर में कान्ह नदी (Kanha river indore) को दूषित पानी से बचाने के लिए प्रशासन ने तैयारी तेज कर दी है. नदी को साफ रखने के लिए एक टीम गठित की गई है जो उन उधोगों को चिन्हित करके सील कर उनका बिजली कनेक्शन कटवाने की कार्रवाई करेगी जो नदी में इंडस्ट्रियल वेस्ट डिस्चार्ज करेंगे.

Indore attempt to change the face of Kanh river
इंदौर की कान्ह नदी की सूरत बदलने की कवायद

इंदौर। मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर की पहचान देश के सबसे साफ-सुथरे शहर के तौर पर है, यहां की अब कान्ह नदी (Kanha river indore) की तस्वीर बदलने की कवायद शुरू हो गई है. कान्ह नदी में कई उद्योगों का दूषित पानी और कचरा तो मिलता ही है साथ में कुछ नाले भी मिलते हैं. इसके चलते इस नदी में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है, इस नदी को स्वच्छ रखने के लिए प्रशासन स्तर पर प्रयास तेज किए जा रहे हैं.

प्रदूषण मुक्ति के लिए जांच दल गठित

कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि कान्ह नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिये जिला प्रशासन द्वारा युद्ध स्तर पर सतत अभियान चलाया जाएगा. कान्ह नदी में जुड़ने वाले तीन नालों में इंडस्ट्रियल वेस्ट डिस्चार्ज करने वाले उद्योगों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होने कहा कि कार्रवाई करने के लिए संबंधित क्षेत्र के सीईओ जनपद, नायब तहसीलदार, पंचायत सचिव एवं अन्य अधिकारियों का दल गठित किया जाएगा. यह दल गैर-आवासीय गतिविधियों से प्रदूषित होने वाली नालों की समीक्षा करेंगे एवं प्रदूषण के लिए जिम्मेदार उद्योगों को सील कर उनका विद्युत कनेक्शन कटवाने की प्रक्रिया संपन्न कराएंगे. इस संपूर्ण कार्य की मॉनिटरिंग अपर कलेक्टर पवन जैन द्वारा किया जायेगी.

प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों को चिन्हित कर लिया जाएगा एक्शन

प्रशासन ने तय किया है कि फैक्ट्री द्वारा किए जा रहे पानी के उपभोग की मात्रा, एफ्लूएंट के रूप में निकाला जा रहा है इंडस्ट्रियल वेस्ट तथा कॉमन एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट में भेजा जा रहा तरल वेस्ट आदि की समीक्षा की जाएगी. ऐसी सभी फैक्ट्रियां जहां एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट होना अनिवार्य है उनकी भी जांच की जाएगी. जिन फैक्ट्रियों में ईटीपी प्लांट बंद पाया जाएगा उनको भी सील किए जाने की कार्यवाही की जाएगी. वहीं दूसरी ओर नगर निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने कान्ह नदी क्षेत्र का भ्रमण किया और उन्होंने निगम के अधिकारियों से कहा कि फैक्ट्रियों से निकलने वाले दूषित पानी का सर्वे करें. जिन फैक्ट्रियों से अत्याधिक दूषित पानी निकलता है, वे अपने परिसर में ईटीपी (दूषित पानी का उपचार संयत्र) बनाकर निर्धारित पाइप लाइन में पानी छोड़े. पानी को ट्रीट करने के पश्चात लाइन में छोड़े. जिन भी संयंत्रों से दूषित पानी निकल रहा है, उसका निदान करे. जहां भी सीवरेज का गंदा पानी निकल रहा है उसे पाइप लाइन में जोड़ा जाए.

कांग्रेस स्थापना दिवस: 15 लाख-भाजपा का अंतरंग संबंध, फर्जी संतों पर हो कार्रवाई- दिग्विजय सिंह

इनपुट - आईएएनएस

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प्रदूषण मुक्ति के लिए जांच दल गठित

कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि कान्ह नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिये जिला प्रशासन द्वारा युद्ध स्तर पर सतत अभियान चलाया जाएगा. कान्ह नदी में जुड़ने वाले तीन नालों में इंडस्ट्रियल वेस्ट डिस्चार्ज करने वाले उद्योगों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होने कहा कि कार्रवाई करने के लिए संबंधित क्षेत्र के सीईओ जनपद, नायब तहसीलदार, पंचायत सचिव एवं अन्य अधिकारियों का दल गठित किया जाएगा. यह दल गैर-आवासीय गतिविधियों से प्रदूषित होने वाली नालों की समीक्षा करेंगे एवं प्रदूषण के लिए जिम्मेदार उद्योगों को सील कर उनका विद्युत कनेक्शन कटवाने की प्रक्रिया संपन्न कराएंगे. इस संपूर्ण कार्य की मॉनिटरिंग अपर कलेक्टर पवन जैन द्वारा किया जायेगी.

प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों को चिन्हित कर लिया जाएगा एक्शन

प्रशासन ने तय किया है कि फैक्ट्री द्वारा किए जा रहे पानी के उपभोग की मात्रा, एफ्लूएंट के रूप में निकाला जा रहा है इंडस्ट्रियल वेस्ट तथा कॉमन एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट में भेजा जा रहा तरल वेस्ट आदि की समीक्षा की जाएगी. ऐसी सभी फैक्ट्रियां जहां एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट होना अनिवार्य है उनकी भी जांच की जाएगी. जिन फैक्ट्रियों में ईटीपी प्लांट बंद पाया जाएगा उनको भी सील किए जाने की कार्यवाही की जाएगी. वहीं दूसरी ओर नगर निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने कान्ह नदी क्षेत्र का भ्रमण किया और उन्होंने निगम के अधिकारियों से कहा कि फैक्ट्रियों से निकलने वाले दूषित पानी का सर्वे करें. जिन फैक्ट्रियों से अत्याधिक दूषित पानी निकलता है, वे अपने परिसर में ईटीपी (दूषित पानी का उपचार संयत्र) बनाकर निर्धारित पाइप लाइन में पानी छोड़े. पानी को ट्रीट करने के पश्चात लाइन में छोड़े. जिन भी संयंत्रों से दूषित पानी निकल रहा है, उसका निदान करे. जहां भी सीवरेज का गंदा पानी निकल रहा है उसे पाइप लाइन में जोड़ा जाए.

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इनपुट - आईएएनएस

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