इंदौर। प्रदेश में विभिन्न मुद्दों पर अपनी ही सरकार को घेरने वाले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने फिर आगामी 7 दिनों तक इंदौर समेत अन्य जिलों में सख्त लॉकडाउन पर आपत्ति जताई है. कैलाश विजयवर्गीय अपने ट्वीट के जरिए प्रतिक्रिया देते हुए कहा है इंदौर जैसे अनुशासित शहर पर अलोकतांत्रिक और तानाशाही 12 निर्णय ठोकने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा इस निर्णय से लोग खासे दुखी हैं जिसके कारण उसकी सर्वत्र निंदा हो रही है. कैलाश विजयवर्गीय ने कहा ऐसे निर्णय को लेकर जिला प्रशासन और राज्य शासन को पुनर्विचार करना चाहिए.
-
आखिर क्या ज़रूरत है एक अलोकतांत्रिक और तानाशाही भरे निर्णय को इंदौर जैसे अनुशासित शहर पर थोपने की, जिस निर्णय की सर्वत्र निंदा हो रही हो उस पर पुनर्विचार होना ही चाहिये प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को मिलकर विचार करना चाहिये।
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) May 21, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">आखिर क्या ज़रूरत है एक अलोकतांत्रिक और तानाशाही भरे निर्णय को इंदौर जैसे अनुशासित शहर पर थोपने की, जिस निर्णय की सर्वत्र निंदा हो रही हो उस पर पुनर्विचार होना ही चाहिये प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को मिलकर विचार करना चाहिये।
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) May 21, 2021आखिर क्या ज़रूरत है एक अलोकतांत्रिक और तानाशाही भरे निर्णय को इंदौर जैसे अनुशासित शहर पर थोपने की, जिस निर्णय की सर्वत्र निंदा हो रही हो उस पर पुनर्विचार होना ही चाहिये प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को मिलकर विचार करना चाहिये।
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) May 21, 2021
7 दिनों तक रहेगा सख्त लॉकडाउन
इस मामले की शिकायत लोगों ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कैलाश विजयवर्गीय से की थी. वहीं कई व्यापारी भी जिला प्रशासन के लगातार बदले जाने वाले निर्णय से परेशान हैं. ऐसी स्थिति में लागू किए गए नए आदेश के तहत इंदौर में आगामी 7 दिनों तक सख्त लॉकडाउन रहेगा.
कैलाश विजयवर्गीय ने इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा आखिर क्या जरूरत है एक अलोकतांत्रिक और तानाशाही भरे निर्णय को इंदौर जैसे अनुशासित शहर पर थोपने की, जिस निर्णय की सर्वत्र निंदा हो रही हो उस पर पुनर्विचार होना ही चाहिये. प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को मिलकर विचार करना चाहिये.
कमलनाथ का दावा- कोरोना से प्रदेश में डेढ़ लाख मौत, गृहमंत्री बोले- सबूत हुआ तो दे दूंगा इस्तीफा
गौरतलब है इसके पहले भी कैलाश विजयवर्गीय ने ऑक्सीजन की कमी समेत अन्य मुद्दों को लेकर जिला प्रशासन के कामकाज पर असहमति जताई थी, हालांकि इसके बाद खुद कैलाश विजयवर्गीय ने ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर जिला प्रशासन की मदद की थी. अब जबकि कोरोना के लॉकडाउन और जनता कर्फ्यू के कारण शहर के लोग त्रस्त हो चुके हैं तो कैलाश विजयवर्गीय नहीं भी जिला प्रशासन के ताजा फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है.