इंदौर। विजयनगर के स्वर्ण बाग कॉलोनी की मल्टी में सात लोगों की मौत के मामले में मृतकों के परिजन उन्हें ढूंढते हुए उन्हें एमवाय की मर्चुरी में पहुंच गए हैं. पूरे घटनाक्रम में यह बात सामने आई है, कि मृतकों में दो लोग ही इंदौर के रहने वाले हैं. बाकी सभी लोग इंदौर के बाहर के रहने वाले हैं, सभी अपने-अपने कामकाज के चलते मल्टी में किराए से रह रहे थे, तो कुछ उनसे मुलाकात करने के लिए आए हुए थे. लेकिन इसी दौरान मल्टी में आग लग गई और पूरा घटनाक्रम हो गया.
पुलिस ने की परिजनों की तलाश: आगजनी की घटना सामने आने के बाद पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती गंभीर रूप से जल कर मौत हो चुके व्यक्तियों को उनके परिजनों तक पहुंचाना था. इसके लिए पुलिस ने विभिन्न सूचना तंत्र के माध्यम से सबसे पहले मृतक के परिजनों को ढूंढा और जैसे-तैसे उन्हें पूरे मामले की सूचना दी. इस घटनाक्रम में यह बात सामने आई कि नीतू और ईश्वर इंदौर के स्थानीय निवासी थे, तो वहीं अन्य पांच इंदौर के बाहर के जिलों के रहने वाले थे और सभी अलग-अलग कारणों के चलते इंदौर में आए हुए थे.
बर्थडे की जानकारी देकर घर से निकली थी युवती: आगजनी की घटना में एक युवती की जलकर मौत हो गई. आकांक्षा अग्रवाल मूल रूप से देवास की रहने वाली थी और उसके पिता फेब्रिकेशन का काम करते हैं. आकांक्षा अपने पिता राजेंद्र अग्रवाल को घर से एक दोस्त का जन्मदिन मनाने के लिए इंदौर के एरोड्रम थाना क्षेत्र के लिए बता कर निकली थी. लेकिन जब पिता को आज उसकी मौत की जानकारी मिली, तो उनके पैरों तले की जमीन निकल गई. उनके मन में भी कई तरह की आशंका खड़ी हो चुकी हैं, कि उनकी बेटी आकांक्षा अपनी दोस्त पूजा का जन्मदिन मनाने के लिए घर से एक फोटो फ्रेम लेकर एरोड्रम क्षेत्र के लिए निकली थी, तो अचानक वह विजय नगर क्षेत्र स्थित मल्टी में कैसे पहुंची.
पढ़ने में होशियार थी बेटी: आकांक्षा के पिता ने बताया कि उसने अपने पिता को इस तरह की कोई जानकारी दी थी. फिलहाल अब पिता पुलिस से पूरे मामले की जांच की बात कर रहे हैं. पिता का कहना है कि उनकी बेटी पढ़ने में काफी होशियार थी, आकांक्षा की मां की 4 साल पहले मौत हो चुकी है. आकांक्षा की मां ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, उसके बाद से आकांक्षा के पिता राजेंद्र अग्रवाल ही उसका ध्यान रख रहे थे. यह भी बताया जा रहा है कि मृतक की दादी उज्जैन में डॉक्टर के पद पर पदस्थ है.