इंदौर। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और लोक स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुए लोडिंग और व्यवसायिक वाहनों के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट अनिवार्य रूप से प्राप्त करना होगा. पीयूसी सर्टिफिकेट की चेकिंग के लिए एक फ्लाइंग स्क्वायड टीम गठित की जाएगी. इसमें तहसीलदार, यातायात पुलिस और आरटीओ विभाग के अधिकारी शामिल रहेंगे. टीम पेट्रोल पंप और अन्य स्थानों पर जांच करेगी. जिन गाड़ियों पर पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं पाया जाएगा, उनका फिटनेस सर्टिफिकेट तत्काल रूप से निरस्त किया जाएगा. (Indore PUC Certificate)
पीयूसी सर्टिफिकेट अनिवार्य: इंदौर को छठवीं बार स्वच्छता रैंकिंग में पहले नंबर पर लाने के लिए शहर के एयर क्वालिटी इंडेक्स के सुधार के प्रयास शुरू हो गए हैं. लिहाजा इंदौर में अब प्रदूषण फैलाने वाले वाहन नहीं चल पाएंगे. सोमवार को इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने इस आशय के निर्देश जारी किए हैं. जिले में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और लोक स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुए लोडिंग और व्यवसायिक वाहनों को पीयूसी सर्टिफिकेट अनिवार्य रूप से प्राप्त करना जरूरी होगा. (Indore PUC Certificate Necessary for Vehicles)
पेट्रोल पंप पर चेक किए जाएंगे पीयूसी सर्टिफिकेट: कलेक्टर मनीष सिंह ने कलेक्टर कार्यालय में आयोजित टीएल बैठक में अपर कलेक्टर पवन जैन को इसे लेकर धारा 144 के तहत आदेश जारी करने के निर्देश दिए है. इसमें सभी व्यवसायिक गाड़ियों के पीयूसी सर्टिफिकेट जिले के पेट्रोल पंप पर चेक किए जाएंगे. अगर सात दिन के अंदर सभी व्यवसायिक गाड़ियों ने पीयूसी सर्टिफिकेट प्राप्त नहीं किया, तो उन पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.
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प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए उठाए कदम: इंदौर नगर निगम, जिला प्रशासन की कोशिश है कि सर्वे की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही शहर के प्रदूषण स्तर को नियंत्रित किया जाए. इसके लिए इंदौर में 56 दुकान पर पकवान तैयार करने के लिए उपयोग होने वाली भट्टी को हटाया गया है. वहीं उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषित वायु को नियंत्रित करने के लिए वैकल्पिक उपचार किए गए हैं. अब चौकी औद्योगिक और परिवहन में लगे वाहन बड़े पैमाने पर प्रदूषण का कारण बन रहे हैं, इसलिए जिला प्रशासन को इस दिशा में भी पहल करनी पड़ रही है. (Indore Vehicles Need PUC certificate)