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चूल्हा-चौका छोड़ महिलाओं ने थामे 'स्टेयरिंग', पिंक बस चलाएंगी महिलाएं, ड्राइवर से लेकर कंडक्टर तक की निभाएंगी जिम्मेदारी

सोमवार (Monday) को इंदौर (Indore) में महिलाओं द्वारा संचालित पिंक बसों (Pink Bus) का शुभारंभ किया गया है. प्रदेश की संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर (Minister Usha Thakur) ने पिंक बसों को हरी झंडी (Flagged Off) दिखाकर रवाना किया.

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Published : Sep 6, 2021, 11:06 PM IST

चूल्हा-चौका छोड़ महिलाओं ने थामे 'स्टेयरिंग', पिंक बस चलाएंगी महिलाएं
चूल्हा-चौका छोड़ महिलाओं ने थामे 'स्टेयरिंग', पिंक बस चलाएंगी महिलाएं

इंदौर(Indore)। इंदौर में सोमवार (Monday) को महिलाओं द्वारा संचालित पिंक बसों (Pink Bus) का शुभारंभ किया गया है. पहली बार शहर की महिला बस ड्राइवर और कंडक्टर (Woman Bus Driver and Conductor) ने बसों के स्टेयरिंग को थामा है. इस पहल से शहर में महिलाएं अपने लिए निर्धारित बसों में सुविधाजनक सफर कर सकेंगी. एआईसीटीएसएल (AICTSL) द्वारा महिला सशक्तिकरण एवं स्वावलंबन हेतु इन बसों का शुभारंभ किया गया है. जिसमें पहली बार ड्राइवर और कंडक्टर की ट्रेनिंग देने के बाद दो महिला चालकों समेत दो परिचालकों को शहर के बीआरटीएस पर पिंक बसें चलाने की जिम्मेदारी दी गई है.

चूल्हा-चौका छोड़ महिलाओं ने थामे 'स्टेयरिंग', पिंक बस चलाएंगी महिलाएं

सोमवार को औपचारिक रूप से बसों के संचालन के अवसर पर प्रदेश की संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर (Minister Usha Thakur) ने पिंक बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल भी मौजूद रहीं. यह पिक बसें सीसीटीवी कैमरे, ऑनबोर्ड यूनिट, सेंसर डोर के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण संबंधी विचारों से सुसज्जित है.

ड्राइवर से लेकर कंडक्टर तक की निभाएंगी जिम्मेदारी

बस का यह रूट रहेगा

महिलाओं की पिंक बस सुबह 8.00 बजे से दोपहर 3.00 बजे तक और इसके बाद शाम 5.00 बजे से रात्रि 10.15 बजे तक किया जाएगा. जिसमें प्रतिदिन दोनों पिंक बसों में लगभग 2000 महिला यात्री सफर कर सकेंगी. प्रदेश में इस खास प्रयास के बाद एआईसीटीएसएल द्वारा अब बीआरटीएस कॉरिडोर पर महिला टिकट इश्यूर नियुक्त करने की तैयारी है. इसके अलावा शहर में पहली बार संचालित किए जा रहा है, महिला ई-रिक्शा की ट्रेनिंग और अब महिला चालकों के साथ महिला सशक्तिकरण की दिशा में विभिन्न परियोजनाओं पर भी कार्य किया जा रहा है.

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ऐसी हैं बसों की पहली ड्राइवर

अर्चना कटारे पहले इंदौर के एक निजी होटल में भी कार चला चुकी हैं. इसके अलावा उन्हें 14 चक्के का ट्रक कंटेनर चलाने का भी अच्छा अनुभव है. लेकिन जब महिला सशक्तिकरण की दिशा में पिंक बस चलाने का अवसर मिला तो उन्होंने सब काम छोड़कर पिंक बस को चलाने की ट्रेनिंग ली. इस दौरान घर का चूल्हा चौका और सभी जिम्मेदारियां निभाते हुए उन्होंने महिलाओं के लिए बसें चलाने और महिला सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ने का फैसला किया.

सोमवार से अर्चना कटारे अपनी बस में ही महिला स्वावलंबन का संदेश देते हुए महिलाओं की बसों का संचालन कर रही हैं. अर्चना के अलावा रितु नरवाडे ने भी बस चलाने की ट्रेनिंग ली है, और अन्य पुरुष ड्राइवरों की तरह ही बसों को बस स्टैंड पर सुविधाजनक तरीके से खड़े करना, इसके अलावा यात्रियों को बसों में बैठाने से लेकर गंतव्य स्थान तक पहुंचाने को प्राथमिकता दी है.

इंदौर(Indore)। इंदौर में सोमवार (Monday) को महिलाओं द्वारा संचालित पिंक बसों (Pink Bus) का शुभारंभ किया गया है. पहली बार शहर की महिला बस ड्राइवर और कंडक्टर (Woman Bus Driver and Conductor) ने बसों के स्टेयरिंग को थामा है. इस पहल से शहर में महिलाएं अपने लिए निर्धारित बसों में सुविधाजनक सफर कर सकेंगी. एआईसीटीएसएल (AICTSL) द्वारा महिला सशक्तिकरण एवं स्वावलंबन हेतु इन बसों का शुभारंभ किया गया है. जिसमें पहली बार ड्राइवर और कंडक्टर की ट्रेनिंग देने के बाद दो महिला चालकों समेत दो परिचालकों को शहर के बीआरटीएस पर पिंक बसें चलाने की जिम्मेदारी दी गई है.

चूल्हा-चौका छोड़ महिलाओं ने थामे 'स्टेयरिंग', पिंक बस चलाएंगी महिलाएं

सोमवार को औपचारिक रूप से बसों के संचालन के अवसर पर प्रदेश की संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर (Minister Usha Thakur) ने पिंक बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल भी मौजूद रहीं. यह पिक बसें सीसीटीवी कैमरे, ऑनबोर्ड यूनिट, सेंसर डोर के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण संबंधी विचारों से सुसज्जित है.

ड्राइवर से लेकर कंडक्टर तक की निभाएंगी जिम्मेदारी

बस का यह रूट रहेगा

महिलाओं की पिंक बस सुबह 8.00 बजे से दोपहर 3.00 बजे तक और इसके बाद शाम 5.00 बजे से रात्रि 10.15 बजे तक किया जाएगा. जिसमें प्रतिदिन दोनों पिंक बसों में लगभग 2000 महिला यात्री सफर कर सकेंगी. प्रदेश में इस खास प्रयास के बाद एआईसीटीएसएल द्वारा अब बीआरटीएस कॉरिडोर पर महिला टिकट इश्यूर नियुक्त करने की तैयारी है. इसके अलावा शहर में पहली बार संचालित किए जा रहा है, महिला ई-रिक्शा की ट्रेनिंग और अब महिला चालकों के साथ महिला सशक्तिकरण की दिशा में विभिन्न परियोजनाओं पर भी कार्य किया जा रहा है.

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ऐसी हैं बसों की पहली ड्राइवर

अर्चना कटारे पहले इंदौर के एक निजी होटल में भी कार चला चुकी हैं. इसके अलावा उन्हें 14 चक्के का ट्रक कंटेनर चलाने का भी अच्छा अनुभव है. लेकिन जब महिला सशक्तिकरण की दिशा में पिंक बस चलाने का अवसर मिला तो उन्होंने सब काम छोड़कर पिंक बस को चलाने की ट्रेनिंग ली. इस दौरान घर का चूल्हा चौका और सभी जिम्मेदारियां निभाते हुए उन्होंने महिलाओं के लिए बसें चलाने और महिला सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ने का फैसला किया.

सोमवार से अर्चना कटारे अपनी बस में ही महिला स्वावलंबन का संदेश देते हुए महिलाओं की बसों का संचालन कर रही हैं. अर्चना के अलावा रितु नरवाडे ने भी बस चलाने की ट्रेनिंग ली है, और अन्य पुरुष ड्राइवरों की तरह ही बसों को बस स्टैंड पर सुविधाजनक तरीके से खड़े करना, इसके अलावा यात्रियों को बसों में बैठाने से लेकर गंतव्य स्थान तक पहुंचाने को प्राथमिकता दी है.

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