इंदौर। सोमवार को लोकायुक्त पुलिस ने 25 हजार की रिश्वत लेने के आरोप में दो निगम कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था. मामले में पुलिस अब आरोपियों के बैंक अकाउंट और जरूरी दस्तावेज खंगाल रही है. जांच-पड़ताल में लगभग 10 करोड़ की संपत्ति का खुलासा हुआ है. लोकायुक्त पुलिस ने निगम के जनकार्य विभाग के अधीक्षक विजय सक्सेना के घर छापा मारा. जहां जांच में 3 करोड़ रुपए के प्लॉट, मकान और फ्लैट के दस्तावेज बरामद हुए. इसके बाद ऑफिस की अलमारी की भी तलाशी ली गई, जिसमें दस लाख रुपए नगद बरामद हुए. विजय सक्सेना के द्वारकापुरी स्थित मकान पर भी छापा मारा गया था. मामले में कई बड़े खुलासे होने की संभावना है.
अलग-अलग शहरों में मिली संपत्ति
जांच में आरोपी अधिकारी की विभिन्न शहरों में संपत्ति होने की जानकारी मिली. विजय सक्सेना की देवास में कई जगह प्रॉपर्टी का खुलासा हुआ. आरोपी का भोपाल चौराहे पर एक फ्लैट, कर्मचारी कॉलोनी में एक फ्लैट, श्रीकृष्ण पैराडाइज कॉलोनी राऊ में दो फ्लैट, सिद्धार्थ कॉलोनी में एक प्लॉट, सिंधी कॉलोनी में एक प्लॉट, द्वारका पुरी कॉलोनी में बड़ा मकान मिला है. आरोपी की कुल 10 से ज्यादा जगहों पर संपत्ति मिली है, जिसकी जांच की जा रही है.
पत्नी के लॉकर लाखों में मिले जेवरात
जांच में आरोपी अधिकारी विजय सक्सेना की पत्नी गिरजा सक्सेना के अकाउंट को भी खंगाला गया है. मंगलवार सुबह पत्नी के बैंक लॉकर में 27 लाख का सोना, डेढ़ लाख की चांदी, एक लाख नगद और बैंक खातों में 14 लाख रुपए मिले. अब लोकायुक्त पुलिस आरोपी के बेटे के बैंक अकाउंट को भी खंगाल रही है. वहीं अभी तक जितनी की प्रॉपर्टी मिली है, सभी आरोपी और उसके बेटे के नाम है.
आरोपी अधिकारी के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
जिस तरह से लोकायुक्त ने नगर निगम के अधिकारी को पकड़ा है, उसके बाद मामले में कई तरह के खुलासे हो रहे हैं. मामले में लोकायुक्त विभाग, इंदौर नगर निगम के साथ ही इनकम टैक्स विभाग, रजिस्टार ऑफिस को भी पत्र लिखकर विनय सक्सेना के बारे में जानकारी मांगेगा. वहीं आने वाले दिनों में नगर निगम को पत्र लिखकर भी विभागीय कार्रवाई करने की मांग की जाएगी.
1997 में इन्दौर नगर निगम में हुआ था पदस्थ
साल 1997 से इन्दौर नगर निगम में विनय सक्सेना पदस्थ हुए थे. उसके बाद से वह इंदौर नगर निगम में ही पदस्थ हथे. इस दौरान उनके विभिन्न विभागों में तबादले हुए हैं और अभी पिछले 7 सालों से वह जनकार्य विभाग में पदस्थ हैं.
निगम के कर्मचारियों के बाद दो अधिकारी भी लोकायुक्त की रडार पर, केबिन से मिले 10 लाख रुपए
क्या है पूरा मामला ?
लोकायुक्त टीम ने सोमवार को निगम के दो अधिकारियों को ट्रेस किया था. लोकायुक्त के अधिकारियों से एक व्यक्ति ने शिकायत की थी कि निगम में पदस्थ दो अधिकारी विजय सक्सेना और हेमाली वेद उससे रिश्वत की डिमांड कर रहे हैं. इसी सूचना के आधार पर लोकायुक्त पुलिस ने योजना बनाई और उसके बाद निगम के दो अधिकारियों को ट्रैप करते हुए उन पर कार्रवाई की. पूरे ही मामले की सोमवार देर शाम तक जांच पड़ताल की गई और जब पकड़े गए निगम के अधिकारी के केबिन की जांच को गई तो उसके केबिन में दस लाख रुपये नकद मिले जिसकी जांच की जा रही है.