इंदौर। पौष्टिक गुणों से भरपूर झाबुआ का कड़कनाथ मुर्गा अब मध्यप्रदेश के लिए ब्रांड प्रोडक्ट बनने जा रहा है. दरअसल दुनियाभर में इस खास मुर्गे के चिकन की भारी डिमांड है. उत्पादन कम होने के कारण इसकी सप्लाई फिलहाल शासन स्तर पर ही बनी हुई है. जबकि इसकी लोकप्रियता विदेशों में भी पहुंच रही है. कई देश कड़कनाथ की ब्रीडिंग भी अपने देशों में करना चाहते हैं. यही वजह है कि उद्योग विभाग के साथ पशुपालन विभाग अब इस मुर्गे की ब्रांडिंग कर रहे हैं.
कड़कनाथ का बढ़ाया जा रहा उत्पादन
कड़कनाथ का उत्पादन बढ़ाने के लिए वैज्ञानिकों के साथ कृषि कुंभ के समूह बनाए जा रहे हैं, जिन्हें कड़कनाथ समूह कहा जा रहा है. इनकी पैदावार तेजी से बढ़ाई जा सके, इसके लिए कड़कनाथ पालकों को मुर्गे के आहार प्रबंधन, जल प्रबंधन, टीकाकरण रोग प्रबंधन और विपणन आदि की संपूर्ण जानकारी शासन स्तर पर मुहैया कराई जा रही है. झाबुआ जिले में कई पोल्ट्री फार्म संचालक कड़कनाथ पालन कर आत्मनिर्भर हो रहे हैं. इसके अलावा मध्य प्रदेश के अन्य इलाकों में भी कड़कनाथ फार्म के लिए डिमांड बनी हुई है.
कड़कनाथ मुर्गे को जीआई टैग मिलने के बाद अब कोशिश की जा रही है कि इसका प्रमोशन विदेशों में भी हो. जिससे मध्य प्रदेश के अलावा देश के अन्य हिस्सों समेत विदेशों में भी इस मुर्गे का पालन किया जा सके. इसके लिए पशुपालन विभाग के स्तर पर चूजा वितरण के साथ ही मुर्गी पालक समूहों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं.
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क्या है कड़कनाथ की खासियत ?
कड़कनाथ या काला मासी कहा जाने वाला यह मुर्गा मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले की पहचान है. जिसे अपने काले रंग के कारण जीआई टैग मिला हुआ है. कड़कनाथ मुर्गे के शरीर का हर एक अंग काला होता है, यहां तक की इसका खून भी काला होता है. काला रंग ही कड़कनाथ की विशेषता है. मिलेनिन पिगमेंट की अधिकता के कारण इस मुर्गे का रंग काला होता है. कड़कनाथ के मांस में प्रोटीन की प्रचुर मात्रा होती है, और वसा न्यूनतम मात्रा में होता है. यह हृदय रोगियों और डायबिटीज के मरीजों के लिए उत्तम आहार माना जाता है. क्योंकि इसका मांस स्वादिष्ट वह आसानी से पचने वाला होता है. यही वजह है कि कड़कनाथ की बाजार में काफी मांग है.
तीन प्रजाति के होते हैं कड़कनाथ
कड़कनाथ की आमतौर पर 3 प्रजातियां हैं, जेड ब्लैक, पेंसिल और गोल्डन. जिसमें से जेड ब्लैक प्रजाति सबसे अधिक और गोल्डन प्रजाति सबसे कम मात्रा में पाई जाती है. नर कड़कनाथ का औसत वजन 1 किलो 80 ग्राम से लेकर ढाई किलोग्राम तक होता है. जबकि मादा सवा किलो से लेकर डेढ़ किलो तक की होती है. मादा कड़कनाथ 1 साल में 110 से लेकर 120 अंडे देती है. इसके अंडे छोटे-मध्यम आकार के हल्के भूरे गुलाबी रंग के होते, जिसका वजन 30 से 35 ग्राम होता है.
कड़कनाथ के डिमांड में रहने की वजह
कड़कनाथ के मांस में नमी 17.5 से 73 परसेंट होती है, जबकि प्रोटीन 21 से 24 प्रतिशत तक पाया जाता है. फेट (Fat) की मात्रा 1.94 प्रतिशत है. जबकि अन्य तत्व 1% हैं. कड़कनाथ की अन्य मुर्गियों से तुलना की जाए तो अन्य मुर्गियों में प्रोटीन 18 परसेंट होता है. जबकि फेट (Fat) 13.25% तक पाया जाता है. इसके अलावा लेनोलिक एसिड कड़कनाथ में 24% होता है, जबकि अन्य मुर्गी में 21 परसेंट.