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Indore Fraud Case: क्रिप्टो वॉलेट हैकिंग मामले में सामने आया रशियन कनेक्शन, जांच में जुटी क्राइम ब्रांच की टीम - क्रिप्टो वॉलेट हैकिंग में सामने आया रशियन कनेक्शन

इंदौर में धोखाधड़ी का एक मामला सामने आया है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति द्वारा अपने एक क्रिप्टो वॉलेट अकाउंट से दूसरे अकाउंट में दो लाख राशि ट्रांस्फर की गई. लेकिन दूसरे अकाउंट में राशि नहीं पहुंची, जिसकी शिकायत पीड़ित ने क्राइम ब्रांच से की. छानबीन में पता चला कि, एक ट्रोजन वायरस उसके क्रिप्टो वॉलेट में लग चुका है. (Indore Fraud Case)

Indore crypto wallet hacking
इंदौर क्रिप्टो वॉलेट हैकिंग
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Published : Sep 6, 2022, 8:44 PM IST

Updated : Sep 6, 2022, 9:46 PM IST

इंदौर। क्रिप्टोकरेंसी के मामले में धोखाधड़ी की वारदात सामने आई, जिसमें इंदौर क्राइम ब्रांच लगातार जांच पड़ताल करने में जुटी हुई है. जांच पड़ताल में इसका रशियन कनेक्शन सामने आया है और रशियन के किस सॉफ्टवेयर के माध्यम से सिस्टम को हैक कर इस पूरे मामले में धोखाधड़ी वारदात को अंजाम दिया गया है, इस पूरे मामले में काफी बारीकी से जांच पड़ताल की जा रही है.

Indore Fake Advisory Company निवेश के नाम पर ठगा, एडवाइजरी कंपनी के दफ्तर पर पुलिस की दबिश, डायरेक्टर गिरफ्तार

क्रिप्टो करेंसी वॉलेट हैकिंग: पिछले दिनों इंदौर क्राइम ब्रांच को एक फरियादी ने शिकायत की कि, उसने अपने क्रिप्टो वॉलेट से तकरीबन दो लाख की राशि दूसरे अपने क्रिप्टो वॉलेट अकाउंट में ट्रांसफर करने की कोशिश की. लेकिन फरियादी के एकाउंट की राशि उसके दूसरे एकाउंट में नहीं पहुंची, जिसके बाद उसे कुछ शंका हुई तो उसने क्रिप्टो करेंसी के संबंधित कॉल सेंटर पर फोन लगाकर राशि ट्रांसफर नहीं होने की जानकारी दी. इसके बाद वहां से एक सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने की बात कही गई. जैसे ही फरियादी ने उस सॉफ्टवेयर को डाउनलोड किया, तो इस बात की जानकारी सामने आई कि एक ट्रोजन वायरस उसके क्रिप्टो वॉलेट में लग चुका है.

रशियन एक्सचेंज का मामला आया सामने: जब भी फरियादी अपने अकाउंट से दूसरे अकाउंट में कोई राशि ट्रांसफर करता, तो वह संबंधित अकाउंट में रुपये ट्रांसफर न होते हुए किसी दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर हो जाते. फरियादी ने दो लाख की क्रिप्टो करेंसी अपने वॉलेट से दूसरे वालेट में ट्रांसफर करने की कोशिश की, लेकिन इसी दौरान एक वॉलेट से तो राशि ट्रांसफर हो गई लेकिन संबंधित अकाउंट में नहीं पहुंची. जब फरियादी पूरे मामले की शिकायत लेकर इंदौर क्राइम ब्रांच के पास पहुंचा, तो इस बात की जानकारी सामने आई कि कुछ रशियन एक्सचेंज की जगह पर कुछ क्रिप्टो करेंसी इस काम के लिए बने हुए हैं और इसी कारण जब भी फरियादी अपने वॉलेट से दूसरे अकाउंट में राशि ट्रांसफर करता था, तो वह किसी तीसरे अकाउंट पर चली जाती थी.

पुलिस कर रही मामले की जांच: क्रिप्टो वॉलेट मामले में काफी बारीकी से जांच पड़ताल की जा रही है. प्रारंभिक जांच पड़ताल में इस बात की जानकारी इंदौर क्राइम ब्रांच को लगी है कि, रशियन एक्सचेंज के माध्यम से जो वायरस संबंधित व्यक्ति के वॉलेट में डाला गया था, उस वायरस को हैक कर इस पूरी वारदात को अंजाम दिया जा रहा था और इसके कारण जब फरियादी अपने वॉलेट से दूसरी जगह पैसे ट्रांसफर करता, तो वह संबंधित एकाउंट में न ट्रांस्फर होते हुए तीसरे एकाउंट में चले जाते हैं.

इंदौर। क्रिप्टोकरेंसी के मामले में धोखाधड़ी की वारदात सामने आई, जिसमें इंदौर क्राइम ब्रांच लगातार जांच पड़ताल करने में जुटी हुई है. जांच पड़ताल में इसका रशियन कनेक्शन सामने आया है और रशियन के किस सॉफ्टवेयर के माध्यम से सिस्टम को हैक कर इस पूरे मामले में धोखाधड़ी वारदात को अंजाम दिया गया है, इस पूरे मामले में काफी बारीकी से जांच पड़ताल की जा रही है.

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क्रिप्टो करेंसी वॉलेट हैकिंग: पिछले दिनों इंदौर क्राइम ब्रांच को एक फरियादी ने शिकायत की कि, उसने अपने क्रिप्टो वॉलेट से तकरीबन दो लाख की राशि दूसरे अपने क्रिप्टो वॉलेट अकाउंट में ट्रांसफर करने की कोशिश की. लेकिन फरियादी के एकाउंट की राशि उसके दूसरे एकाउंट में नहीं पहुंची, जिसके बाद उसे कुछ शंका हुई तो उसने क्रिप्टो करेंसी के संबंधित कॉल सेंटर पर फोन लगाकर राशि ट्रांसफर नहीं होने की जानकारी दी. इसके बाद वहां से एक सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने की बात कही गई. जैसे ही फरियादी ने उस सॉफ्टवेयर को डाउनलोड किया, तो इस बात की जानकारी सामने आई कि एक ट्रोजन वायरस उसके क्रिप्टो वॉलेट में लग चुका है.

रशियन एक्सचेंज का मामला आया सामने: जब भी फरियादी अपने अकाउंट से दूसरे अकाउंट में कोई राशि ट्रांसफर करता, तो वह संबंधित अकाउंट में रुपये ट्रांसफर न होते हुए किसी दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर हो जाते. फरियादी ने दो लाख की क्रिप्टो करेंसी अपने वॉलेट से दूसरे वालेट में ट्रांसफर करने की कोशिश की, लेकिन इसी दौरान एक वॉलेट से तो राशि ट्रांसफर हो गई लेकिन संबंधित अकाउंट में नहीं पहुंची. जब फरियादी पूरे मामले की शिकायत लेकर इंदौर क्राइम ब्रांच के पास पहुंचा, तो इस बात की जानकारी सामने आई कि कुछ रशियन एक्सचेंज की जगह पर कुछ क्रिप्टो करेंसी इस काम के लिए बने हुए हैं और इसी कारण जब भी फरियादी अपने वॉलेट से दूसरे अकाउंट में राशि ट्रांसफर करता था, तो वह किसी तीसरे अकाउंट पर चली जाती थी.

पुलिस कर रही मामले की जांच: क्रिप्टो वॉलेट मामले में काफी बारीकी से जांच पड़ताल की जा रही है. प्रारंभिक जांच पड़ताल में इस बात की जानकारी इंदौर क्राइम ब्रांच को लगी है कि, रशियन एक्सचेंज के माध्यम से जो वायरस संबंधित व्यक्ति के वॉलेट में डाला गया था, उस वायरस को हैक कर इस पूरी वारदात को अंजाम दिया जा रहा था और इसके कारण जब फरियादी अपने वॉलेट से दूसरी जगह पैसे ट्रांसफर करता, तो वह संबंधित एकाउंट में न ट्रांस्फर होते हुए तीसरे एकाउंट में चले जाते हैं.

Last Updated : Sep 6, 2022, 9:46 PM IST
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