इंदौर। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति को प्रदेश में लागू कर दिया गया है. प्रदेश में उच्च शिक्षा के स्तर को और अधिक सरल बनाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा लगातार कवायद की जा रही है. इंदौर संभाग के विभिन्न महाविद्यालयों को नैक में पंजीयन कराने, नैक की ग्रेड को अपडेट करने को लेकर आज देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, इसमें करीब 278 महाविद्यालयों को आमंत्रित किया गया. इस कार्यशाला के माध्यम से महाविद्यालयों की सुविधा और नवाचार की भी जानकारी ली गई.
15% महाविद्यालयों को प्राप्त है नैक ग्रेड
कार्यशाला के दौरान जब उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव द्वारा महाविद्यालय संचालकों से नैक पंजीयन और ग्रेड की जानकारी एकत्र की गई, तो सामने आया कि केवल 15% महाविद्यालयों के पास ही नैक का पंजीयन और ग्रेड हासिल है. शामिल होने वाले 278 महाविद्यालयों में से केवल 37 महाविद्यालयों के पास ही नैक द्वारा दी जाने वाली ए से लेकर सी तक की ग्रेड प्रदान की गई है. मंत्री मोहन यादव ने कहा कि आज का समय हमारा सामाजिक उत्तरदायित्व पूरा करने का है. हम स्वयं का मूल्यांकन करें कि हम किस तरह से अपने उत्तरदायित्व को निभा रहे हैं और शिक्षा जगत को कहां ले जा रहे हैं.
भारत की विश्व गुरु के रूप में है पहचान
मंत्री डॉ मोहन यादव ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की पहचान एक विश्व गुरु के रूप में है. शिक्षा के स्तर को लेकर पूरे विश्व में भारत की एक अलग पहचान है. नई शिक्षा नीति के माध्यम से हम शिक्षा के क्षेत्र को और अधिक सरल एवं सुदृढ़ बनाने की कोशिश कर रहे हैं. जिसमें हर संस्था को अपना बेहतर सहयोग देना होगा, ताकि हम शिक्षा को एक अलग और नए मुकाम तक ले जा सकें.
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