इंदौर. मध्यप्रदेश सरकार पर कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा छुपाने का आरोप लग चुका है. इसे लेकर काफी हो-हल्ला भी मच चुका है, लेकिन अब श्मशान में ठंडी हो चुकी चिताओँ की राख अब भी कोरोना संक्रमण से रोजाना होने वाली मौतों का राज उगल रही है. इंदौर शहर के ही एक श्मशान में बीते अप्रैल माह में 1500 से ज्यादा लोगों का अंतिम संस्कार किया गया है. अंतिम संस्कार का रिकॉर्ड श्मशान के रजिस्टर में दर्ज है, लेकिन शहर के स्वास्थ्य महकमें के पास रोजाना होने वाली मौतों का आंकड़ा बताने की फुर्सत ही नहीं है. देखिए एक रिपोर्ट
30 अप्रैल को आए थे 35 शव
इंदौर स्वास्थ्य विभाग रोजाना कोरोना बुलेटिन जारी करता है. जिसमें मृतकों की संख्या भी दिखाई जाती है. स्वास्थय विभाग की आंकड़े जानने के बाद जब शहर के श्मशान घाटों का रुख किया जाए तो कहानी कुछ और ही नजर आती है. ईटीवी भारत की टीम जब शहर के पंचकुइया मुक्तिधाम पहुंची तो वहां कई साल से काम कर रहे कर्मचारी पूनम बाबा ने बताया कि वे यहां पर रोजाना कई शवों का दाह संस्कार करते हैं. 1 मई को यहां केवल 7 शव आए जबकि 30 अप्रैल के दिन 35 शव आये थे, जिनमें से 20 पॉजिटिव थे. जबकि कोरोना बुलेटिन में सिर्फ 7 ही मौते कोरोना से होना बताया गया था. पूनम बताते हैं कि अप्रैल महीने यहां लगभग 15 सौ शवो का अंतिम संस्कार किया गया है. श्मशान के रजिस्टर में भी अंतिम संस्कार की संख्या कुछ इसके आसपास ही दर्ज है. श्मशान के रजिस्टर में 30 अप्रैल तक 1028 अंतिम संस्कार दर्ज हैं. जबकि कुछ लोगों की स्वाभाविक मृत्यु हुई थी जिन्हें उनके परिजन घरों से ही यहां लेकर आए थे.
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आंकड़ों में फर्क, स्वास्थ्य विभाग की आनाकानी
शहर में करीब 9 मुक्तिधाम हैं. ऐसे में यह केवल एक मुक्तिधाम के आंकड़े हैं. कई मुक्तिधाम ऐसे है जहां पर रोजाना सैकड़ों की संख्या में शव पहुंच रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम ने जब स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी से रोजाना कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा जानने की कोशिश तो सीएमएचओ सवालों को टालते नजर आए, लेकिन कोरोना से होने वाली मौतों की हकीकत श्मशानों के रजिस्टर में दर्ज हैं. ऐसे में इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि इंदौर ने इस महामारी के दौर में किस भयावहता का सामना किया है. ऐसे में शहर में कोरोना संक्रमण से रोजाना हो रही मौतों के आंकड़े जारी करने में प्रशासन की लापरवाही नजर आती है.