इंदौर। फर्जी मार्कशीट के आधार पर हैवी लाइसेंस बनाने का फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद अब इंदौर आरटीओ में एक बड़ा घोटाला सामने आया है. पुलिस ने खुलासा किया है कि हर महीने आरोपियों के द्वारा 200 से अधिक लाइसेंस बनवाए जाते थे.
दरअसल, पुलिस को शिकायत मिली थी कि फर्जी मार्कशीट के आधार पर आरटीओ दफ्तर में लाइसेंस बनाने का गोरखधंधा चल रहा है, जिसके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन आरटीओ एजेंट को गिरफ्तार भी किया था. पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि यह गोरखधंधा पिछले तीन सालों से चल रहा है, जिसके चलते पुलिस ने लाइसेंस की जांच शुरू कर दी है.
बता दें कि आंकड़ों के मुताबिक हर महीने करीब 250 हैवी लाइसेंस के आवेदन आते हैं. आशंका जताई जा रही है कि इनमें से करीब 180 लाइसेंस फर्जी मार्कशीट के आधार पर बनाए गए होंगे. इसके हिसाब से 3 साल में बने 6,480 लाइसेंस संदेह के घेरे में हैं, जिनकी जांच जारी है.
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले को लेकर एक अलग टीम बनाई गई है, जो पिछले 3 सालों के दौरान जारी किए गए लाइसेंस के दस्तावेजों की जांच कर रही है. इस जांच में दस्तावेज फर्जी पाए जाने पर सभी लाइसेंस निरस्त कर दिए जाएंगे. यहीं नहीं, एजेंट के साथ-साथ दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को भी आरोपी बनाया जा सकता है. हालांकि मिलीभगत के बिना इतने लाइसेंस बनाना नामुमकिन नजर आ रहा है.