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इंदौर आरटीओ में बड़ा घोटाला, 6 हजार से अधिक हैवी लाइसेंस की जांच शुरू - heavy licence

इंदौर आरटीओ का एक बड़ा घोटाला सामने आया हैं, मामले को लेकर पुलिस की जांच लगातार जारी हैं.

इंदौर आरटीओ घोटाला
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Published : Mar 4, 2019, 10:44 PM IST

इंदौर। फर्जी मार्कशीट के आधार पर हैवी लाइसेंस बनाने का फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद अब इंदौर आरटीओ में एक बड़ा घोटाला सामने आया है. पुलिस ने खुलासा किया है कि हर महीने आरोपियों के द्वारा 200 से अधिक लाइसेंस बनवाए जाते थे.

दरअसल, पुलिस को शिकायत मिली थी कि फर्जी मार्कशीट के आधार पर आरटीओ दफ्तर में लाइसेंस बनाने का गोरखधंधा चल रहा है, जिसके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन आरटीओ एजेंट को गिरफ्तार भी किया था. पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि यह गोरखधंधा पिछले तीन सालों से चल रहा है, जिसके चलते पुलिस ने लाइसेंस की जांच शुरू कर दी है.

इंदौर आरटीओ घोटाला

बता दें कि आंकड़ों के मुताबिक हर महीने करीब 250 हैवी लाइसेंस के आवेदन आते हैं. आशंका जताई जा रही है कि इनमें से करीब 180 लाइसेंस फर्जी मार्कशीट के आधार पर बनाए गए होंगे. इसके हिसाब से 3 साल में बने 6,480 लाइसेंस संदेह के घेरे में हैं, जिनकी जांच जारी है.

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले को लेकर एक अलग टीम बनाई गई है, जो पिछले 3 सालों के दौरान जारी किए गए लाइसेंस के दस्तावेजों की जांच कर रही है. इस जांच में दस्तावेज फर्जी पाए जाने पर सभी लाइसेंस निरस्त कर दिए जाएंगे. यहीं नहीं, एजेंट के साथ-साथ दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को भी आरोपी बनाया जा सकता है. हालांकि मिलीभगत के बिना इतने लाइसेंस बनाना नामुमकिन नजर आ रहा है.

इंदौर। फर्जी मार्कशीट के आधार पर हैवी लाइसेंस बनाने का फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद अब इंदौर आरटीओ में एक बड़ा घोटाला सामने आया है. पुलिस ने खुलासा किया है कि हर महीने आरोपियों के द्वारा 200 से अधिक लाइसेंस बनवाए जाते थे.

दरअसल, पुलिस को शिकायत मिली थी कि फर्जी मार्कशीट के आधार पर आरटीओ दफ्तर में लाइसेंस बनाने का गोरखधंधा चल रहा है, जिसके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन आरटीओ एजेंट को गिरफ्तार भी किया था. पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि यह गोरखधंधा पिछले तीन सालों से चल रहा है, जिसके चलते पुलिस ने लाइसेंस की जांच शुरू कर दी है.

इंदौर आरटीओ घोटाला

बता दें कि आंकड़ों के मुताबिक हर महीने करीब 250 हैवी लाइसेंस के आवेदन आते हैं. आशंका जताई जा रही है कि इनमें से करीब 180 लाइसेंस फर्जी मार्कशीट के आधार पर बनाए गए होंगे. इसके हिसाब से 3 साल में बने 6,480 लाइसेंस संदेह के घेरे में हैं, जिनकी जांच जारी है.

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले को लेकर एक अलग टीम बनाई गई है, जो पिछले 3 सालों के दौरान जारी किए गए लाइसेंस के दस्तावेजों की जांच कर रही है. इस जांच में दस्तावेज फर्जी पाए जाने पर सभी लाइसेंस निरस्त कर दिए जाएंगे. यहीं नहीं, एजेंट के साथ-साथ दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को भी आरोपी बनाया जा सकता है. हालांकि मिलीभगत के बिना इतने लाइसेंस बनाना नामुमकिन नजर आ रहा है.

Intro:इंदौर में फर्जी मार्कशीट के आधार पर हैवी लाइसेंस बनाने के फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद इंदौर आरटीओ में एक बड़ा घोटाला सामने आया है पुलिस जांच में आरोपियों ने खुलासा किया है कि हर महीने आरोपियों के द्वारा 200 से अधिक लाइसेंस बनवाए जाते थे जिनमें की फर्जी मार्कशीट का उपयोग किया जाता था आरोपियों से मिली जानकारी के बाद इंदौर आरटीओ में छह हजार से अधिक हेवी लाइसेंस की जांच शुरू की गई है


Body:इंदौर में फर्जी मार्कशीट के आधार पर हैवी लाइसेंस बनाने के आरोपियों को कुछ दिन पहले पुलिस ने गिरफ्तार किया था यह फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद पुलिस ने अपनी जांच और तेज कर दी है जिसमें कई लोगों के हेवी लाइसेंस निरस्त करने की तैयारी की जा रही है दरअसल पुलिस को शिकायत मिली थी कि फर्जी मार्कशीट के आधार पर आरटीओ दफ्तर में लाइसेंस बनाने का गोरखधंधा चल रहा है और इसी शिकायत के आधार पर पुलिस ने तीन आरटीओ एजेंट को गिरफ्तार भी किया था इनसे पूछताछ के बाद जानकारी मिली है कि आरटीओ में यह गोरखधंधा पिछले 3 सालों से चल रहा है लिहाजा पुलिस ने लाइसेंस की जांच शुरू कर दी है आकड़ो के मुताबिक हर महीने में करीब 250 आवेदन हेवी लाइसेंस बनवाने के लिए आते हैं इनमें से करीब 180 लाइसेंस फर्जी मार्कशीट के आधार पर बनाए गए होंगे इस लिहाज के हिसाब से 3 साल में बने 6480 लाइसेंस संदेह के घेरे में है इन लाइसेंस की जांच की जा रही है पुलिस अधिकारियों के मुताबिक ये बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा नजर आ रहा है और पूरी जांच के लिए एक अलग टीम बनाई गई है जो कि पिछले 3 सालों के दौरान जारी किए गए लाइसेंस के दस्तावेजों की जांच कर रही है इस जांच में दस्तावेज फर्जी पाए जाने पर सभी लाइसेंस निरस्त कर दिए जाएंगे इसके अलावा एजेंट के अलावा दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को भी आरोपी बनाया जा सकता है हालांकि आरटीओ में चल रहे इस तरह के फर्जीवाड़े में किसी अधिकारी और कर्मचारी की मिलीभगत के बिना इतने लाइसेंस बनाना नामुमकिन नजर आ रहा है।

बाईट - प्रशांत चौबे, एडिशनल एसपी, इंदौर


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