इंदौर। कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में प्रबंधन और सैलानियों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. प्राणी संग्रहालय में मौजूद शुतुरमुर्ग के कुनबे में वृद्धि हुई है. कुछ समय पूर्व मादा शुतुरमुर्ग ने करीब 18 अंडे दिए थे, इन अंडो से दो बच्चे बाहर आए हैं. शुतुरमुर्ग के दो बच्चे सामने आने के बाद प्राणी संग्रहालय में खुशी का माहौल है.
प्रदेश का एकमात्र जू, जहां सैलानियों के लिए है शुतुरमुर्ग: कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय प्रदेश का एकमात्र ऐसा जू है, जहां सैलानियों के लिए शुतुरमुर्ग भी मौजूद है. शुतुरमुर्ग दक्षिण अफ्रीका का एक पक्षी है और यह दुनिया के सबसे बड़े पक्षी के रूप में जाना जाता है. हालांकि यह लंबी उड़ान नहीं भर सकता है, परंतु अपनी खूबसूरती के कारण यह दुनिया भर में पसंद किया जाता है. अब प्राणी संग्रहालय में शुतुरमुर्ग के कुनबे में हुई वृद्धि के बाद हर तरफ खुशी है.
शेष अंडों की की जा रही है देखभाल: प्राणी संग्रहालय के प्रभारी डॉ. उत्तम यादव के अनुसार बीते दिनों मादा शुतुरमुर्ग ने करीब 18 अंडे दिए थे. मादा द्वारा लंबे समय से की गई हैचिंग के बाद अंडों से दो बच्चे बाहर आए हैं, वहीं शेष अंडों की अभी भी हैचिंग जारी है. हालांकि प्राणी संग्रहालय प्रबंधन द्वारा लगातार इन अंडों की विशेष देखभाल की जा रही है. आने वाले दिनों में इनसेट अंडों से शुतुरमुर्ग के कुनबे में और भी अधिक वृद्धि होने की संभावनाएं हैं.
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एक्शन प्रोग्राम में रहती है अधिक मांग: कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय के प्रभारी डॉ. उत्तम यादव के बताया कि प्राणी संग्रहालय में एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत रांची से शुतुरमुर्ग लाए गए थे. जिसमें मादा द्वारा दूसरी बार दिए गए अंडों में यह सफलता हासिल हुई है. वहीं प्राणी संग्रहालय के लिए शुतुरमुर्ग के कुनबे में हुई वृद्धि एक अच्छी खबर है. क्योंकि एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत विभिन्न विभिन्न प्राणी संग्रहालय में शुतुरमुर्ग की मांग अधिक होती है, ऐसे में यह प्राणी संग्रहालय के लिए एक अच्छी बात है.
अनुकूल वातावरण के चलते होती है अच्छी ब्रीडिंग: प्राणी संग्रहालय के प्रभारी के अनुसार प्राणी संग्रहालय में अलग-अलग जानवरों के कुनबे में हमेशा से ही वृद्धि होती रही है. प्रबंधन द्वारा जानवरों को उनके अनुसार अनुकूल माहौल देने का प्रयास किया जाता है, अनुकूल माहौल मिलने के चलते यहां लगातार पक्षी व जानवरों के कुनबे में वृद्धि हो रही है. जानवरों को मिलने वाला अच्छा वातावरण और अनुकूल माहौल उनके ब्रीडिंग प्रक्रिया में भी सहायक होता है.