इंदौर। देश और दुनिया में समृद्ध मानी जाने वाली प्रदेश के वनों की पर्यटन विरासत अब लीज पर दी जाएगी. दरअसल, वन विभाग ने नई फॉरेस्ट टूरिज्म पॉलिसी के तहत राज्य के वनों में मौजूद ऐसी टूरिस्ट लोकेशन जहां फॉरेस्ट आधारित पर्यटन की व्यापक संभावनाएं हैं, उन्हें लीज पर देने का फैसला किया है. इससे वनों के पर्यटन आधारित विकास के साथ विभाग को आय का एक स्त्रोत मिल सकेगा.
10 साल की लीज पर मिलेगी जगह
सतपुड़ा समेत मध्य प्रदेश के बड़े हिस्से में फैले जंगल हमेशा से सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे हैं. राज्य के जंगलों में वन पर्यटन, जल पर्यटन और एडवेंचर आदि से जुड़ी विभिन्न टूर लोकेशन हैं, जिनका वन विभाग अब तक पर्यटन आधारित उपयोग नहीं कर सका है. लिहाजा विभाग ने अब राज्य के वनों के जरिए पर्यटन की संभावनाएं तलाशते हुए ऐसी करीब 125 से ज्यादा लोकेशन चिन्हित की है, जिन्हें 10 साल की लीज पर दिया जा सकता है.
सैलानियों को जंगल में घूमने की मिलेगी अनुमति
वन विभाग के अधिकारी का मानना है कि देशभर के अलग-अलग स्थानों से आने वाले सैलानी जंगल, नदी और अन्य लोकेशन पर अगर अस्थाई तौर पर रहना चाहते हैं, तो वे पैसा देकर रह सकते हैं. जो यहां रहेंगे उन्हें संबंधित लोकेशन पर ही एडवेंचर से लेकर बोटिंग और टूरिस्ट की लोकेशन मुहैया कराई जा सकेगी. जो स्थान लीज पर दिए जाएंगे उन स्थानों के आस-पास सैलानियों को जंगल में घूमने और पिकनिक आदि गतिविधियों के लिए अनुमति दी जाएगी. इन स्थानों पर स्थाई निर्माण नहीं किया जा सकेगा, लेकिन अस्थाई निर्माण की अनुमति होगी.
पर्यटकों के लिए तमाम जगह होंगे लॉन्च
इसके अलावा टेंट और तंबू लगाकर सैलानियों के लिए होटल और अन्य व्यावसायिक गतिविधियां भी संचालित की जा सकेंगी. विभागीय मंत्री विजय शाह के मुताबिक वन विभाग की तरफ से जल्द ही इन तमाम लोकेशन को लॉन्च किया जाएगा. इसके बाद लीज के लिए सभी लोकेशन की बोली लगाई जाएगी. नीलामी के आधार पर सर्वाधिक राशि लगाने वाले आवेदकों को संबंधित लोकेशन 10 साल की लीज पर दी जा सकेगी.