इंदौर । पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में उछाल को देखते हुए बस ऑनर्स एसोसिएशन बसों का किराया बढ़ाने जा रहा है. बसों का किराया 30 परसेंट तक बढ़ सकता है. हालांकि यह कितना होगा इसका फैसला एसोसिएशन के किराया बोर्ड की बैठक में लिया जाएगा. बस ऑनर्स एसोसिएशन की मानें तो फैसले से सरकार को अवगत करा दिया गया है. बस मालिकों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप भी लगाया. बस ऑनर्स का कहना है कि सरकार ने वादा किया था कि उन्हें 3 महीने की टैक्स छूट दी जाएगी, लेकिन बस ऑपरेटरों को यह छूट अब तक नहीं मिली है. . (Effect of petrol-diesel prices on public transport)
बस ऑनर्स एसोसिएशन की चेतावनी : बस ऑनर्स एसोसिएशन ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है. जिसका सीधे तौर पर असर बस के किराए पर पड़ रहा है. पिछली बार किराया बोर्ड की बैठक में जो किराया तय किया गया था उससे बसों को चलाना अब मुश्किल हो रहा है. यही वजह है कि बस ऑपरेटरों ने जल्द किराया बोर्ड की बैठक आयोजित करने का किराया बढ़ाने का फैसला किया है.
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लॉक डाउन में चुकानी पड़ी भारी कीमत : कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण प्रदेशभर का लोक परिवहन बाधित रहा है. इस दौरान बस ऑपरेटरों को भी टैक्स भरने और तमाम तरह के खर्चों को लेकर लॉक डाउन की भारी कीमत चुकानी पड़ी है. संक्रमण कम होने पर 2 साल बाद प्रदेश के विभिन्न रूटों पर बसों का आना-जाना तो शुरू हुआ, लेकिन पेट्रोल-डीजल की महंगाई के चलते बसों का संचालन मुश्किल हो रहा है.
अब तक नहीं हुई टैक्स की माफी : लॉकडाउन के बाद बस ऑपरेटरों ने सरकार से टैक्स माफ किए जाने की मांग की थी. हालांकि शासन स्तर पर बस मालिकों की यह मांग मान ली गई थी. लेकिन टैक्स में 3 महीने की छूट बस ऑपरेटरों को अब तक नहीं मिली है.