धार। जिले के कारम डैम के ध्वस्त होने को लेकर बनी आशंकाओं के बीच जल संसाधन विभाग अब दो नहर बनाकर डैम में भरे पानी की निकासी करने जा रहा है, जिससे कि डैम की दीवारों का दबाव कम हो सके. फिलहाल डैम में भर रहे पानी के दबाव के कारण जल संसाधन विभाग समेत अन्य तमाम विशेषज्ञों की सलाह पर 5 पोकलेन मशीन के जरिए बीते कई घंटों से जारी खुदाई के बाद दो नहर तैयार की गई हैं, जिनके जरिए डैम में भरे पानी को बायपास करते हुए छोड़ा जाएगा. इसके लिए कारम डैम में दाहिने हिस्से में रॉक कटर मशीनों और पोकलेन की मदद से नहर निकाल कर बांध से पानी सुरक्षित तरीके से निकालने का कार्य किया जा रहा है. Dhar Karam Dam Leakage
आज शाम को छोड़ा जाएगा पानी: आज शाम डेम की साइड में आपात रूप से बनाई गईं नहर से पानी छोड़ा जाएगा. नहर से कम मात्रा में पानी छोड़ने से गावों में कम नुक्सानी की संभावना है. फिलहाल पानी छोड़े जाने के बाद 42 गांव की 10500 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई प्रभावित हो सकती है. मौके पर मंत्री, सेना और संभाग के आला अफसर मौके पर तैनात है और लोगों की सुरक्षा के लिए सेना की टुकड़ी पहुंच चुकी है. कारम डैम का पानी नहरों के जरिए छोड़े जाने के दौरान आशंका जताई जा रही है कि करीब एक दर्जन गांव इससे प्रभावित हो सकते हैं.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम: पानी छोड़े जाने के दौरान बाहर एवं अन्य नुकसान की स्थिति ना बन सके इसके लिए बांध के निचले हिस्से के गांवों को सुरक्षित तरीके से खाली करा लिया गया है. इधर नहर बनाने के लिए सारी रात बांध के बाई तरफ पहाड़ से लगकर पानी निकासी हेतु खुदाई जारी रही, यह कार्य अभी भी चल रहा है. दाहिने तरफ के सलूस गेट ओर बाई तरफ से पानी की निकासी से बांध का अतिरिक्त पानी निकालने की कोशिश की जा रही है. इस दौरान मौके पर आला अधिकारी लगातार कार्य की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. मौके पर तैनात जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने बताया कि, "मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कारम डैम के संबंध में लगातार संपर्क बनाए हुए हैं और सरकार सजगता से कार्य कर रही है. यहां आपदा प्रबंधन के लिए सेना की इकाई भी पहुंच चुकी है और राष्ट्रीय एवं राज्य आपदा प्रबंधन दल भी काम प्रारंभ कर चुका है. उन्होंने सभी ग्रामवासियों को आश्वस्त किया है कि किसी भी प्रकार की जन धन हानि नहीं होने दी जाएगी और इस बाबत सभी इंतजाम सुनिश्चित कर लिए गए हैं."
मुख्यमंत्री ने जारी किए निर्देश: मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सीपीडब्ल्यूडी, सेना के वरिष्ठ अधिकारियों सहित विभिन्न एजेंसियों और विशेषज्ञों से निर्माणाधीन बांध से लोगों की सुरक्षा के संबंध में चर्चा की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने सभी को कहा, "यह हमारे लिए परीक्षा की घड़ी है, इसलिए युद्ध स्तर पर काम किया जाए." जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने तकनीकी जानकारी देते हुए बताया, "निर्माणाधीन बांध के जल भराव क्षेत्र से नियंत्रित ढंग से नहर बनाकर बांध से नदी तक पानी सुरक्षित तरीके से ले जाने का कार्य किया जा रहा है, जिससे कोई हानि न हो और यह कार्य सफल हो, इसके लिए मुस्तैदी से कार्य किया जा रहा है."