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नोटरी के आधार शादी और तलाक गलत- HC

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने नोटरी के आधार पर शादी व तलाक को गलत माना है. साथ ही इंदौर हाई कोर्ट ने विधि विभाग को इस मामले में तक गाइडलाइन जारी करने के आदेश भी दिए हैं.

Indore High Court
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ
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Published : Jan 3, 2021, 8:39 PM IST

Updated : Jan 3, 2021, 9:09 PM IST

इंदौर। मध्य प्रदेश में नोटरी के आधार पर शादी व तलाक के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जिनमें धोखाधड़ी की आसंका अधिक रहती है. इंदौर हाई कोर्ट में इसी तरह का एक मामला पहुंचा था, जिस पर हाई कोर्ट ने विधि विभाग को आदेश दिया है कि नोटरी पर होने वाली तलाक व शादी को लेकर एक गाइडलाइन जारी की जाए. बता दे इस पूरे मामले में 31 दिसंबर को सुनवाई हुई थी, लेकिन 2 जनवरी को इस पूरे मामले में इंदौर हाई कोर्ट की वेबसाइट पर आदेश अपलोड हुए.

नोटरी के आधार शादी और तलाक गलत

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने नोटरी के आधार पर शादी व तलाक को गलत माना है. साथ ही इंदौर हाई कोर्ट ने विधि विभाग को इस मामले में तक गाइडलाइन जारी करने के आदेश भी दिए हैं.

नोटरी के माध्यम से की गई शादी और तलाक के मामलों में होती है धोखाधड़ी

इंदौर में पिछले काफी दिनों से नोटरी के आधार पर शादी व तलाक के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. कई बार संबंधित पक्षकार के द्वारा धोखाधड़ी की घटनाएं भी सामने आती है.

पिछले दिनों जावरा में व्यक्ति ने नोटरी के आधार पर एक महिला से शादी की थी, जो शादी के बाद वह घर में रखा सोना चांदी लेकर फरार हो गई थी. मामले की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार किया इसके बाद जब पूरा मामला इंदौर हाई कोर्ट में आया.

आरोपी महिला की जमानत के लिए इंदौर हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई जिसमें पाया गया कि महिला ने संबंधित फरियादी से नोटरी के आधार पर शादी की थी. ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हुए जस्टिस विवेक रूसिया ने आदेश जारी किए की नोटरी के माध्यम से तलाक व शादी करना वैध नहीं है.

विधि विभाग को गाइड लाइन जारी करने के आदेश

इंदौर हाई कोर्ट ने विधि विभाग को आदेश दिए है कि नोटरी के संबंध में एक गाइडलाइन जारी की जाए. वहीं यदि कोई गाइडलाइन का पालन कर नोटरी नहीं करता है तो उसके लाइसेंस को टर्मिनेट भी किया जाए. यदि लगातार गाइड लाइनों का उल्लंघन हो रहा हो तो संबंधित नोटरी करने वाले को भी आरोपी बनाया जाए.

दो महीने सुनवाई के बाद दिए आदेश

इस पूरे मामले को इंदौर हाई कोर्ट तकरीबन 2 महीनों तक सुनती रही उसके बाद दोनों पक्षों को सुनने के बाद इंदौर हाईकोर्ट ने विधि विभाग को नोटरी के संबंध में इस तरह के आदेश दिए हैं. इंदौर हाई कोर्ट ने जिस तरह से विधि विभाग को नोटरी के संबंध में गाइडलाइन जारी करने के निर्देश दिए हैं. उसका असर अब आने वाले समय में देखे जा सकते हैं.

इंदौर। मध्य प्रदेश में नोटरी के आधार पर शादी व तलाक के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जिनमें धोखाधड़ी की आसंका अधिक रहती है. इंदौर हाई कोर्ट में इसी तरह का एक मामला पहुंचा था, जिस पर हाई कोर्ट ने विधि विभाग को आदेश दिया है कि नोटरी पर होने वाली तलाक व शादी को लेकर एक गाइडलाइन जारी की जाए. बता दे इस पूरे मामले में 31 दिसंबर को सुनवाई हुई थी, लेकिन 2 जनवरी को इस पूरे मामले में इंदौर हाई कोर्ट की वेबसाइट पर आदेश अपलोड हुए.

नोटरी के आधार शादी और तलाक गलत

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने नोटरी के आधार पर शादी व तलाक को गलत माना है. साथ ही इंदौर हाई कोर्ट ने विधि विभाग को इस मामले में तक गाइडलाइन जारी करने के आदेश भी दिए हैं.

नोटरी के माध्यम से की गई शादी और तलाक के मामलों में होती है धोखाधड़ी

इंदौर में पिछले काफी दिनों से नोटरी के आधार पर शादी व तलाक के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. कई बार संबंधित पक्षकार के द्वारा धोखाधड़ी की घटनाएं भी सामने आती है.

पिछले दिनों जावरा में व्यक्ति ने नोटरी के आधार पर एक महिला से शादी की थी, जो शादी के बाद वह घर में रखा सोना चांदी लेकर फरार हो गई थी. मामले की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार किया इसके बाद जब पूरा मामला इंदौर हाई कोर्ट में आया.

आरोपी महिला की जमानत के लिए इंदौर हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई जिसमें पाया गया कि महिला ने संबंधित फरियादी से नोटरी के आधार पर शादी की थी. ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हुए जस्टिस विवेक रूसिया ने आदेश जारी किए की नोटरी के माध्यम से तलाक व शादी करना वैध नहीं है.

विधि विभाग को गाइड लाइन जारी करने के आदेश

इंदौर हाई कोर्ट ने विधि विभाग को आदेश दिए है कि नोटरी के संबंध में एक गाइडलाइन जारी की जाए. वहीं यदि कोई गाइडलाइन का पालन कर नोटरी नहीं करता है तो उसके लाइसेंस को टर्मिनेट भी किया जाए. यदि लगातार गाइड लाइनों का उल्लंघन हो रहा हो तो संबंधित नोटरी करने वाले को भी आरोपी बनाया जाए.

दो महीने सुनवाई के बाद दिए आदेश

इस पूरे मामले को इंदौर हाई कोर्ट तकरीबन 2 महीनों तक सुनती रही उसके बाद दोनों पक्षों को सुनने के बाद इंदौर हाईकोर्ट ने विधि विभाग को नोटरी के संबंध में इस तरह के आदेश दिए हैं. इंदौर हाई कोर्ट ने जिस तरह से विधि विभाग को नोटरी के संबंध में गाइडलाइन जारी करने के निर्देश दिए हैं. उसका असर अब आने वाले समय में देखे जा सकते हैं.

Last Updated : Jan 3, 2021, 9:09 PM IST
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