इंदौर। कोरोना महामारी की थमती रफ्तार के बीच प्रदेश में अनलॉक की प्रक्रिया जारी है. प्रशासन तमाम कोविड प्रोटोकॉल के साथ धार्मिक स्थलों को भी खोलने की मंजूरी दे दी है. इंदौर के प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर में अब उन श्रद्धालुओं को ही भगवान के दर्शन का लाभ मिल रहा है, जिन्होंने कोरोना के दोनों टीके लगवा रखे हैं.
दरअसल, कोरोना की पहली लहर में खजराना गणेश मंदिर के पुजारी समेत अन्य लोग भी संक्रमित हो गए थे, लिहाजा मंदिर को भी लॉकडाउन में बंद करना पड़ा था. अब जबकि राज्य शासन ने दूसरी लहर के दौरान जनता कर्फ्यू के कारण धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं का प्रवेश पूरी तरह बंद कर दिया था तो देश भर से यहां दर्शन लाभ के लिए आने वाले श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाए अब जबकि मध्य प्रदेश के तमाम शहरों में कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार है तो धीरे-धीरे मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश को अनुमति दी जा रही है.
कई श्रद्धालुओं को लौटना पड़ रहा वापस
इस बीच राज्य शासन ने तय किया है कि मंदिर में अब उन्हीं श्रद्धालुओं को प्रवेश मिल सकेगा, जिन्हें कोरोना वैक्सीन के दोनों टीके लग चुके हैं. खजराना गणेश मंदिर प्रबंध समिति ने मंदिर में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी यही नियम लागू कर दिया है. ऐसी स्थिति में दिन भर में करीब दो हजार श्रद्धालु ऐसे पहुंच रहे हैं, जो वैक्सीन लगने का प्रमाण पत्र दिखाकर भगवान के दर्शन कर रहे हैं. इनमें कई ऐसे भी हैं जिन्हें मौके पर प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण मंदिर के बाहर से ही लौटाया जा रहा है.
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मंदिर प्रशासन ने सरकार के फैसले का किया स्वागत
माना जा रहा है कि मंदिर में प्रवेश के लिए वैक्सीनेशन अभियान की जन जागरूकता से भगवान के वे तमाम भक्त भी जल्द ही वैक्सीन लगाएंगे, जो मंदिर तो आना चाहते हैं लेकिन अब तक वैक्सीन नहीं लगवा पाए. इधर मंदिर प्रशासन ने इस बात को लेकर भी संतोष जताया है कि मंदिर में वैक्सीन लगवाने वाले श्रद्धालुओं को ही प्रवेश मिलने से मंदिर समिति के सदस्यों के अलावा अन्य श्रद्धालुओं भी संक्रमित नहीं हो सकेंगे. इस तमाम कठोर प्रोटोकॉल के बावजूद भी यदि कोई संक्रमित होता है तो वैक्सीन लगे होने के कारण संक्रमण उसे ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा सकेगा.
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संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए उठाया गया कदम
गौरतलब है मंदिर में प्रतिदिन 8 से 10 हजार श्रद्धालु सामान्य दिनों में आते थे, लेकिन अब वैक्सीन के सर्टिफिकेट की बाध्यता के कारण इनकी संख्या करीब 2 हजार बच्ची है. हालांकि बुधवार के दिन आम दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में होती है, लेकिन इस बार इस संख्या के भी सीमित रहने के आसार हैं. राहत की बात यही है कि वैक्सीनेटेड श्रद्धालुओं के आने से मंदिर परिसर अथवा आसपास संक्रमण को हावी होने से रोका जा सकेगा.