इंदौर। इंदौर सहित प्रदेश के लगभग सभी बड़े शहरों में कोरोना कर्फ्यू लागू है. कोरोना गाइड लाइन को लेकर भी सख्ती भी बरती जा रही है. ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी उन्हें हो रही है जिनकी शादी होने वाली है. हिंदू मान्यताओं के मुताबिक शुभ कार्य के लिए सबसे पहले प्रथम पूज्य भगवान गणेश को निमंत्रण दिया जाता है. लेकिन इंदौर का प्रसिद्ध खजराना मंदिर बंद है ऐसे में लोगों को मंदिर के बाहर ही परंपराएं निभानी पड़ रही हैं.
बैंड बाजे के साथ आने की है परंपरा
इंदौर और आसपास के इलाके में भी शादी विवाह जैसे शुभ कार्यो में सबसे पहले खजराना मंदिर के गणेशजी को निमंत्रण भेजा जाता है. इसके लिए बैंड-बाजे के साथ मंदिर में आकर गणेश जी को पीले चावल सौंप कर अपना काम बिना किसी परेशानी के पूरा कराने के लिए विघ्नहर्ता से मन्नत मांगी जाती है और उन्हें बुलावा भेजा जाता है, लेकिन बीते साल में शादियों के सीजन में यह दूसरा मौका है जब कोरोना महामारी के चलते शादियों का जश्न औपचारिकता बन कर रह गया है.बावजूद इसके कोरोना कर्फ्यू के दौरान भी लोग खजराना गणेशजी को निमंत्रण देने यहां बड़ी तादाद में आ रहे हैं.
मंदिर के गेट पर है बनाए जा रहे हैं उल्टे स्वास्तिक
इंदौर में लोग मजबूरी में ही सही लेकिन भगवान गणेश को निमंत्रण देने से लेकर विदाई की रस्म तक के रीति रिवाजों और मान्यताओं को जैसे तैसे पूरा कर रहे हैं. शहर में जिनकी भी शादी होना है वे अपनी शादी का कार्ड, नारियल और हल्दी चावल भगवान श्री खजराना गणेश को अर्पित करने आते हैं. साथ ही उल्टा स्वास्तिक बना कर भगवान से मान्यता मांगते हैं कि उनकी शादी बिना किसी विघ्न के शादी संपन्न हो जाने पर वे यहां वापस आएंगे और स्वास्तिक को सीधा बनाएंगे. लेकिन इस समय जहां मंदिर के गेट के बाहर ही पूजा हो रही है वहीं रोजाना 100 से लेकर 150 तक पत्रिकाएं भी भगवान गणेश के दरबार में पहुंच रही हैं.
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मंदिर के बाहर ही पूजा करा रहे हैं पंडित
मंदिर को चारों तरफ से बेरिकेटिंग कर बंद कर दिया गया है. मंदिर के गेट पर ही खजराना गणेश का एक छोटा चित्र लगा हुआ है. यहीं पर लोग पंडितजी से गणेश पूजन कराते हैं. ऐसे युवक-युवती जिनकी शादी होनी है अपने साथ परंपरा के मुताबिक पूजन सामाग्री लेकर रोजना यहां पहुंच रहे हैं. बाहर पूजा पाठ होने के बाद खजराना मंदिर प्रशासन इन पत्रिकाओं को मंदिर में रखवाता देता है. इस सीजन में अभी तक 1000 से ज्यादा लोग शादी की पत्रिका रख कर जा चुके हैं. इसके अलावा जिनकी शादियां समपन्न हो चुकी हैं वे भी स्वास्तिक को सीधा करके शादी के नारियल,प्रसाद और पूजा सामग्री गेट पर अर्पित करके जा रहे हैं. इसके अलावा अलग-अलग मनोकामनाओं के लिए भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर के गेट पर ही मन्नत का धागा बांधकर जा रहे हैं
50 लोग ही शामिल होंगे शादी में
इस साल शादियों के मुहूर्त 22 अप्रैल से 30 मई तक और जून-जुलाई में करीब 72 दिन विवाह मुहूर्त है. इनमें भी ज्यादातर मुहूर्त रविवार के दिन हैं, प्रदेश में रविवार को सम्पूर्ण कोरोना कर्फ्यू निर्धारित है.इसे लेकर इंदौर में जिला प्रशासन ने शादियों में अधिकतम 50लोगों के शामिल होने की गाइडलाइन जारी की है. जिसका असर शादी समारोहों पर साफ देखा जा रहा है. हालांकि कोरोना महाभारी का संकट बड़ा है लेकिन मंदिर आने वाले लोग भगवान गणेश से यह भी मन्नत मांग रहे हैं कि भगवान देश और दुनिया को इस भयंकर महामारी से मुक्ति दिलाएं.