इंदौर। दिग्विजय सिंह समेत देश के कुछ चिंतको-विचारकों के साथ होने वाले कार्यक्रम को जिला प्रशासन द्वारा आखिरी मौके पर निरस्त किए जाने से विवाद खड़ा हो गया है. इस कार्यक्रम में दिग्विजय सिंह के अलावा लेखक शमशुल इस्लाम, इतिहासकार अशोक पांडे, जसविंदर सिंह भाटिया आदि हिस्सा लेने वाले थे. इस कार्यक्रम की अनुमति एक दिन पहले ही निरस्त किए जाने से नाराज आयोजकों ने अब उक्त कार्यक्रम को बड़े स्तर पर आयोजित करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर करने का फैसला किया है.
अचानक निरस्त की गई अनुमति: देश के वर्तमान राजनीतिक-आर्थिक हालातों और संविधान विषय पर वैचारिक आदान-प्रदान के लिए वरिष्ठ वकील एहतेशाम हाशमी और कांग्रेस प्रवक्ता अमीनुल खान सूरी आदि रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के मुख्य आतिथ्य में शहर के जल सभागृह में यह कार्यक्रम आयोजित किया था. कार्यक्रम को आयोजित करने के पूर्व इंदौर जिला प्रशासन की अनुमति भी ली गई थी, लेकिन एक दिन पहले ही अनुमति निरस्त कर दी गई.
अनुमति निरस्त होने से नाराज हुए अतिथि: इसका एक पत्र सभागृह संचालित करने वाले टैक्सटाइल डेवलपमेंट ट्रस्ट द्वारा आयोजक एवं विश्व मानवाधिकार परिषद के एहतेशाम हाशमी को भेजा गया था. इस बीच कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आज ही चर्चित लेखक और विचारक प्रोफेसर शमशुल इस्लाम समेत इतिहासकार अशोक कुमार पांडे मोटिवेशनल स्पीकर नासिर खान और कुलसुम लोखंडवाला और मोहम्मद मंजर कुरेशी इंदौर पहुंच गए थे. लेकिन ऐन वक्त पर कार्यक्रम की अनुमति निरस्त होने से आयोजक समेत अतिथि जिला प्रशासन और राज्य शासन के रवैया पर आक्रोशित और दुखी नजर आए.
शमशुल इस्लाम ने इंदौर प्रशासन पर लगाए आरोप: इस पर दिल्ली के चर्चित लेखक शमशुल इस्लाम ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित करके इंदौर जिला प्रशासन पर आरोप लगाया. उन्होनें कहा कि किसी भी कार्यक्रम को हिंदू और मुसलमान के नजरिए से देखना बहुत आपत्तिजनक है. जो प्रशासनिक अधिकारी इस तरह कार्यक्रमों की अनुमति या इस आधार पर निरस्त कर रहे हैं, यही लोग देश को हिंदू-मुस्लिम के नाम पर खत्म करना चाहते हैं. देश की सांप्रदायिक सद्भावना को लोग बिगाड़ रहे हैं, भोपाल में कार्यक्रम हुआ किसी को कोई आपत्ति नहीं आई लेकिन इंदौर जिला प्रशासन को इस कार्यक्रम में भी हिंदू मुसलमान नजर आया.जिसके कारण यह प्रोग्राम निरस्त हो गया.
कार्यक्रम की हाईकोर्ट से ली जाएगी अनुमति: कार्यक्रम के आयोजक एवं एडवोकेट एहतेशाम हाशमी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जिला प्रशासन बीजेपी और आरएसएस के एजेंडे पर काम करते हुए कार्यक्रमों की अनुमति देता है. इसलिए अब इस कार्यक्रम को आयोजित करने की अनुमति हाईकोर्ट से ली जाएगी, जिसमें करीब-करीब 50000 लोग शामिल होंगे. क्योंकि इस देश में हर नागरिक को संविधान सम्मत जीवन जीने का अधिकार है. कोई भी पार्टी अथवा प्रशासन राष्ट्रहित के मुद्दों पर किसी को चर्चा करने से नहीं रोक सकता.
दिग्विजय बोले भाजपा को संविधान पर चर्चा करने पर भी शांति भंग होने का खतरा: आज एक न्यायिक प्रकरण में उपस्थित होने इंदौर पहुंचे दिग्विजय सिंह ने इस मामले में कहा कि संविधान पर चर्चा करने में भी भारतीय जनता पार्टी को अशांति फैलने का खतरा रहता है. कार्यक्रम में संविधान को मजबूत करने संबंधी विचार-विमर्श था, वह भी निरस्त हो गया.