इंदौर। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में कार्यरत इंटर्न डॉ. दीपक सिंह की कोरोना संक्रमण से हुई मौत के बाद जीतू पटवारी ने कोरोना वारियर्स की मौतों पर शिवराज सरकार की नीयत पर सवाल उठाया है. इंदौर के गुर्जर अस्पताल में सोमवार को ऑक्सीजन खत्म होने पर हो रही मौतों के चलते परिजनों को दिलासा देने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने मीडिया से भी चर्चा की.
'फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स थे दीपक'
पटवारी ने मीडिया से चर्चा में कहा दीपक सिंह एक होनहार डॉक्टर थे. सरकार कोरोना मरीजों के लिए की गई उनकी सेवा और शहादत को कभी नकार नहीं सकती. उन्होंने कहा शिवराज सरकार को दीपक सिंह की शहादत की भरपाई करनी पड़ेगी. वह फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स थे. उन्होंने कहा कि दीपक के परिजनों के हित में कांग्रेस पार्टी को किसी भी हद तक जाना पड़े, वह पीछे नहीं हटेगी.
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गौरतलब है डॉक्टर दीपक सिंह एमवाय अस्पताल में इंटर्न मेडिकल ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे. दीपक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कोविड मरीजों का उपचार कर रहे थे. कोरोना मरीजों के उपचार के दौरान ही वे संक्रमण का शिकार हो गए थे. हालांकि उन्हें भी संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन फेफड़ों में 80% संक्रमण होने के कारण उन्हें बचाया नहीं जा सका. शनिवार को उनकी मौत हो गई. उनकी मौत के बाद अन्य डॉक्टरों एवं जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने डॉक्टरों के उपचार को लेकर प्रदेश सरकार पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर रोष व्यक्त किया जा रहा है.