इंदौर। मध्य प्रदेश की आर्थिक नगरी इंदौर में नदियों को साफ-सुथरा रखने के मकसद से गंदे पानी को उन तक रोकने के लिए और उस गंदे पानी का शुद्धिकरण करने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) स्थापित किए गए है. इन प्लांट में जमा होने वाली गाद से अब खाद बनाई जाएगी, इसके लिए नगर निगम ने करार किया है. नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि, इंदौर नगर निगम ने आनंद एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, गुजरात के साथ बायो एन.पी. के साथ करार किया है. इस करार के अंतर्गत आनंद एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, गुजरात के सहयोग से एस.टी.पी. से निकलने वाली गाद से खाद बनाने हेतु बायो फर्टिलाइजर यूनिट की स्थापना कबीट खेड़ी में करेंगे. इसमें आनंद यूनिवर्सिटी द्वारा लिक्विड बायो एन.पी. केमिकल्स लेब में बनाने की तकनीक दी जाएगी, जिससे एस.टी.पी. से निकलने वाली गाद को रेडिएशन से ट्रीट कर पेकिंग के उपरांत बायो एन.पी. का छिड़काव कर उच्च गुणवत्ता की खाद निर्माण की जाएगी.
टेरेस व बालकनी गार्डन में किया जा सकेगा उपयोग
नगर निगम आयुक्त ने बताया कि एसपीटी की गाद से बनने वाली खाद का उपयोग किसान कृषि में एवं रहवासी द्वारा खाद का उपयोग टेरेस व बालकनी गार्डन में किया जा सकेगा. शहर की नदियों में साफ पानी बहाने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में सीवेज स्थापित किए गए है, इन संयंत्रों से उपचारित पानी निकलता है और नदियों में पहुंचकर उसका अन्य कार्यों में उपयोग किया जा रहा है. सीवेज के गंदे पानी को उपचारित किए जाने से एसटीपी में नीचे गाद जमा हो जाती है, इस गाद से ही खाद बनाई जाएगी. आम तौर पर ग्रामीण इलाकों में किसान तालाबों की जमीन में जमा गाद का उपयोग खाद के तौर पर करते हैं.
इनपुट - आईएएनएस