इंदौर। पुलिस लगातार मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. महू पुलिस ने बड़ी मात्रा में नकली पेट्रोल और डीजल के काले कारोबार का खुलासा किया है. जानकारी के मुताबिक आरोपियों ने प्रदेशभर के पेट्रोल पंपों पर नकली पेट्रोल और डीजल खपाया है. इससे करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है. मामले की गहराई से जांच की जा रही है.
नकली पेट्रोल डीजल के काले कारोबार का खुलासा
पुलिस को देर रात सूचना मिली थी कि एमपी बॉम्बे ऑटो पेट्रोल डीजल पम्प महू के उमरिया रोड पर स्थित है. वहां पर एक टैंकर में मिलावटी पेट्रोल भरा हुआ है . पुलिस ने वहां दबिश दी और मिलावटी पेट्रोल से भरा टैंकर जब्त किया. पुलिस ने पकड़े गए टैंकर ड्राइवर सुरेश कुशवाहा से पूछताछ की. उसने बताया कि पीथमपुर के सेक्टर 3 में मौजूद शिवम इंडस्ट्रीज से वह यह पेट्रोल लेकर इस पेट्रोल पंप पर आया था. ड्राइवर की सूचना के आधार पर पुलिस ने पीथमपुर स्थित शिवम इंडस्ट्रीज पर छापा मारा. वहां पर भारी मात्रा में नकली पेट्रोल और डीजल मिला. इसके बाद पुलिस ने कंपनी को सील कर दिया . मामले की बारीकि से जांच पड़ताल की जा रही है.
मुंबई और गुजरात से आता था कच्चा माल
कंपनी के मैनेजर चंद्र प्रकाश पांडे ने पूछताछ में बताया कि कंपनी मालिक का नाम राकेश अग्रवाल है. 2-3 सालों से कंपनी चल रही है. तभी से नकली पेट्रोल- डीजल को इंदौर के विभिन्न पेट्रोल पंपों के साथ ही मध्य प्रदेश के कई पेट्रोल पंप पर सप्लाई कर रहे हैं. इससे अभी तक करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान सरकार को हो चुका है.
ऐसे बनता था नकली पेट्रोल डीजल
नकली पेट्रोल डीजल बनाने के लिए कच्चा माल मुंबई और गुजरात के हजीरा से मंगवाया जाता था. मुंबई और गुजरात के हजीरा से फ्यूल आयल, मिक्स्ड हेक्जिन ,सी 09, पेंटेन और रबड़ प्रोसेस आयल खरीद कर लाया जाता था. फिर इनसे नकली पेट्रोल और डीजल से मिलता जुलता हाइड्रो कार्बन मिक्सचर तैयार किया जाता था. इसे इंदौर के आस पास के पेट्रोल पंप के साथ ही अन्य जगहों पर सप्लाई कर दिया जाता था. इसके लिए पेट्रोलियम कंपनी के लोकल लोगों से सांठगांठ भी की जाती थी.
भारत पैट्रोलियम के टैंकरों को ही निशाना बनाया
प्राथमिक पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों ने इस बात का खुलासा किया, कि वो मक्सी के भारत पेट्रोलियम के पेट्रोल पंप पर नकली पेट्रोल और डीजल सप्लाई करते थे. साथ ही महू और इंदौर के भी कुछ भारत पेट्रोलियम के ही पेट्रोल पंपों पर मिलावटी नकली पेट्रोल और डीजल सप्लाई करते थे. आरोपियों ने बताया कि ज्यादातर पेट्रोल पंप कंपनियों ने अपने टैंकरों में सुरक्षा उपकरण लगाए हुए थे. इसलिए आसानी से उन टैंकरों में मिलावटी पेट्रोल और डीजल नहीं भरा जा सकता था. भारत पैट्रोलियम के टैंकरों को ही निशाना बनाया जाता था. यहां के टैंकरों में सुरक्षा में काफी पेंच हैं. उन टैंकर के ड्राइवरों के साथ ही पेट्रोल पंप मालिकों के साथ सांठगांठ कर उन्हें नकली पेट्रोल और डीजल सप्लाई किया जाता था.
सरकार को करोड़ों का लगाया चूना
ये बात भी सामने आ रही है कि अभी मक्सी, इंदौर, महू के विभिन्न पेट्रोल पंप पर नकली पेट्रोल और डीजल को सप्लाई किए जाने का पता चला है.आशंका है कि राज्य के बाकी शहरों में भी बड़ी मात्रा में नकली पेट्रोल और डीजल सप्लाई किया गया होगा. पुलिस इसकी भी काफी बारीकी से जांच पड़ताल कर रही है. आने वाले दिनों में इंदौर शहर के विभिन्न पेट्रोल पंपों की जांच भी की जा सकती है.
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पांच टैंकर जब्त
मामले में नकली पेट्रोल और डीजल से भरे हुए 5 टैंकर मौके से जब्त किए गए हैं. अनुमान है कि नकली पेट्रोल और डीजल में करोड़ों रुपए का चूना सरकार को कंपनी ने लगाया है. जिन पेट्रोल पंप पर नकली पेट्रोल और डीजल को खपाया रहा था उनमें से कुछ पेट्रोल पंप से पुलिस की गाड़ियों में भी पेट्रोल भराया जाता था. जानकारी के मुताबिक कम्पनी ने अभी तक करोड़ो लीटर नकली पेट्रोल और डीजल खपा दिया है.
पेट्रोलियम कंपनी के अफसर भी शक के घेरे में
इंदौर की किशनगंज पुलिस और महू पुलिस लगातार जांच पड़ताल करने में जुटी हुई है. आने वाले दिनों में इस रैकेट से जुड़े और भी लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है. जिस तरह से इंदौर शहर में एक कंपनी मिलावटी पेट्रोल और डीजल को शहर में खपा रही थी, वे बिना पेट्रोलियम कंपनी के लोकल अफसरों की मिलीभगत के संभव नहीं है.