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अब बहनों ने किया चीन का बायकॉट, व्यापारी घाटे के बाद भी खुश

चीनी उत्पाद का बहिष्कार और 'लोकल के लिये वोकल' होने की दिशा में अब आम लोग भी चल पड़े हैं और इसका असर अब रक्षाबंधन की शॉपिंग के दौरान मार्केट में भी देखने को मिल रहा है, राखी खरीदने निकलीं बहनों इस बार चीनी राखियों का बायकाट कर दिया है.

Boycott of Chinese rakhi in Gwalior
चीनी राखी का बायकॉट
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Published : Jul 30, 2020, 4:57 PM IST

ग्वालियर। रक्षाबंधन के लिए अब सिर्फ तीन दिन बचे हैं, ऐसे में लॉकडाउन से उबरे बाजार में रौनक देखने को मिल रही है. लेकिन इस बार महिलाएं भारत और चीन के बीच तनाव के चलते चाइनीस आइटम से तौबा कर रही हैं. बाजार आ रही महिलाएं चाइनीज आइटम से इतनी नफरत करने लगी हैं कि वे चाइना मेड राखी को किसी भी सूरत में खरीदना नहीं चाहती हैं.

बहनों ने किया चीन का बायकॉट

दुकानदारों ने भी दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव के बाद चीन में बनी राखियों को इस बार नहीं मंगाया है. शहर के महाराज बाड़ा, दौलतगंज, सराफा बाजार, थाटीपुर, सुभाष मार्केट, गोरखी हजीरा, किला गेट सहित सभी बड़े बाजारों में रक्षाबंधन के लिए दुकानें सज गई हैं और वहां राखियों की जमकर खरीदारी हो रही है, लेकिन महिलाएं और लड़कियां चाइनीस राखी नहीं खरीद रही हैं.

भाई के लिए राखी खरीदने आई एक बहन का कहना है, 'चीन ने पूरी दुनिया को परेशान करके रख दिया है और उसने कोरोना के रुप में ऐसी महामारी दे दी है, जिससे पूरा विश्व परेशान हो रहा है, ऐसे में वहां के सामान से दूरी बनाना ही सही हैं. ऐसे में चीन में बने किसी भी सामान को खरीदना ही नहीं चाहिए.'

Boycott of Chinese rakhi in Gwalior
चीनी राखी का बायकॉट

इस बार बाजार में स्वदेशी चीजों की खपत बढ़ी है, लेकिन कोरोना काल और लॉकडाउन के कारण रक्षाबंधन का बाजार दूसरे सालों के मुकाबले इस बार 25 से 30 फीसदी ही रहने की उम्मीद है. लंबे लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे बाजार खुलने लगे हैं, लेकिन लोगों की जेब में फिलहाल पैसा नहीं है, जिस कारण कुछ दुकानदार पुराना और पिछले साल का माल इस बार बेच रहे हैं, जिन्होंने नया माल मंगाया है, वो भी काफी कम मात्रा में.

ग्वालियर। रक्षाबंधन के लिए अब सिर्फ तीन दिन बचे हैं, ऐसे में लॉकडाउन से उबरे बाजार में रौनक देखने को मिल रही है. लेकिन इस बार महिलाएं भारत और चीन के बीच तनाव के चलते चाइनीस आइटम से तौबा कर रही हैं. बाजार आ रही महिलाएं चाइनीज आइटम से इतनी नफरत करने लगी हैं कि वे चाइना मेड राखी को किसी भी सूरत में खरीदना नहीं चाहती हैं.

बहनों ने किया चीन का बायकॉट

दुकानदारों ने भी दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव के बाद चीन में बनी राखियों को इस बार नहीं मंगाया है. शहर के महाराज बाड़ा, दौलतगंज, सराफा बाजार, थाटीपुर, सुभाष मार्केट, गोरखी हजीरा, किला गेट सहित सभी बड़े बाजारों में रक्षाबंधन के लिए दुकानें सज गई हैं और वहां राखियों की जमकर खरीदारी हो रही है, लेकिन महिलाएं और लड़कियां चाइनीस राखी नहीं खरीद रही हैं.

भाई के लिए राखी खरीदने आई एक बहन का कहना है, 'चीन ने पूरी दुनिया को परेशान करके रख दिया है और उसने कोरोना के रुप में ऐसी महामारी दे दी है, जिससे पूरा विश्व परेशान हो रहा है, ऐसे में वहां के सामान से दूरी बनाना ही सही हैं. ऐसे में चीन में बने किसी भी सामान को खरीदना ही नहीं चाहिए.'

Boycott of Chinese rakhi in Gwalior
चीनी राखी का बायकॉट

इस बार बाजार में स्वदेशी चीजों की खपत बढ़ी है, लेकिन कोरोना काल और लॉकडाउन के कारण रक्षाबंधन का बाजार दूसरे सालों के मुकाबले इस बार 25 से 30 फीसदी ही रहने की उम्मीद है. लंबे लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे बाजार खुलने लगे हैं, लेकिन लोगों की जेब में फिलहाल पैसा नहीं है, जिस कारण कुछ दुकानदार पुराना और पिछले साल का माल इस बार बेच रहे हैं, जिन्होंने नया माल मंगाया है, वो भी काफी कम मात्रा में.

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