ग्वालियर। एक ओर जहां देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है वहीं, बढ़ती महंगाई को देखते हुए आम आदमी केंद्र सरकार से बजट में राहत की उम्मीद कर रहा है. फरवरी महीने की शुरुआत में हर साल केंद्र सरकार का आम बजट पेश होता है. इस साल भी आम बजट को लेकर लोगों को काफी उम्मीद दिखाई दे रही है. खासकर युवाओं को इस बजट को लेकर कई उम्मीदें हैं. इसी कड़ी में मध्यप्रदेश के युवाओं से ईटीवी भारत ने बात की.
युवाओं की मांग रोजगार
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2022 को आम बजट पेश करेंगी. युवाओं को इस बार केंद्र सरकार के इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. ग्वालियर के युवाओं का कहना है कि, इस बार केंद्र सरकार अपने बजट में छात्रों के लिए कुछ ऐसा करे जिससे उनको भी फायदा हो. उनका कहना है कि आम बजट से सबसे बड़ी उम्मीद रोजगार को लेकर है, क्योंकि जिस तरीके से पूरे देशभर में लगातार बेरोजगारी का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में शिक्षित युवा काफी परेशान हैं और यही वजह है कि लगातार देश में युवा बेरोजगारी को लेकर आत्महत्या कर रहे हैं. इसलिए केंद्र सरकार के इस बजट से सबसे ज्यादा उम्मीद रोजगार को लेकर है. युवाओं का यह भी कहना है कि सरकार इस बजट के जरिए अलग-अलग क्षेत्र में सरकारी नौकरियों की वैकेंसी का प्रावधान करे ताकि जो शिक्षित पढ़े-लिखे युवा हैं उन्हें रोजगार मिल सके.
खेल एजुकेशन के लिए अलग से आए बजट
कुछ युवाओं का यह भी कहना है कि सरकार लगातार खेलों को लेकर युवाओं को प्रोत्साहित कर रही है, लेकिन उनके लिए रोजगार उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. ऐसे में सरकार को इस बार के बजट में खिलाड़ियों के लिए अलग से रोजगार का विकल्प होना चाहिए. इसके साथ ही युवाओं का कहना है कि केंद्र सरकार को इस बजट में खेल एजुकेशन के लिए भी एक अलग से बजट का प्रावधान पेश करना चाहिए. ताकि इस नियम के अनुसार खिलाड़ियों को आसानी से रोजगार उपलब्ध हो सके.
ग्वालियर के एक युवा ने कहा कि हमारे देश के युवा विभिन्न खेलों के जरिए देश और प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं, लेकिन उसे आगे चलकर रोजगार उपलब्ध नहीं हो पाता है. इसलिए सरकार को फिजिकल एजुकेशन और खिलाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराने की कोशिश करें.
इको फ्रेंडली उद्योग को लेकर आए बजट
वहीं कुछ युवाओं का यह भी कहना है कि बजट में रोजगार के साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार के साधन को लेकर बातचीत होनी चाहिए. इसके साथ ही युवाओं के लिए इको फ्रेंडली उद्योग को लेकर बजट होना चाहिए . युवाओं का कहना है कि केंद्र सरकार हमेशा कहती है कि वह लोन मुहैया कराएगी, लेकिन ऐसा होता नहीं है. युवा जब अपना उद्योग स्थापित करना चाहता है, तो उसके लिए उसे सालों लोन के लिए बैंक के चक्कर काटने पड़ते हैं. इसके बाद भी बैंक युवाओं को लोन नहीं देता है. इसलिए केंद्र सरकार को इस बजट में यह भी प्रावधान करना चाहिए, जिससे युवाओं के लिए आसानी से इको फ्रेंडली लोन उपलब्ध हो जाए.
(Gwalior youth hope for budget)(Youth want eco friendly industry)(union budget 2022)