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ट्रांसपोर्ट बंद होने से बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था, ग्वालियर-चंबल में हर दिन हो रहा करोड़ों का नुकसान

देश में लॉकडाउन से प्रदेश के ट्रांसपोर्ट व्यावसायियों को भारी नुकसान हो रहा है. ट्रकों के पहिए थमे होने की वजह से ड्राइवरों के सामने भी रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि अगर लॉकडाउन इसी तरह से चलता रहा तो बहुत नुकसान होगा.

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लॉकडाउन में बिजनेस डाउन
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Published : Apr 12, 2020, 2:10 PM IST

ग्वालियर। लॉकडाउन के कारण देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई. कारखाने, उद्योग, मार्केट सब बंद हैं, ट्रांसपोर्ट व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो चुकी, जिसका सीधा असर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है. ग्वालियर-चंबल जोन में बड़े पैमाने पर ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय है, लॉकडाउन से ट्रांसपोर्ट के धंधे में करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ.

ट्रांसपोर्ट बंद होने बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था

चंबल अंचल में लगभग 50 हजार से अधिक ट्रकों की आवाजाही होती थी. लेकिन ट्रांसपोर्ट बंद होने की वजह से न केवल व्यवसायी बल्कि इन ट्रकों को चलाने वाले ड्राइवर भी परेशान है, क्योंकि ट्रकों के पहिए थमने से उनका रोजगार बंद हो गया. ग्वालियर ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर एसोसिएशन के महासचिव पलविंदर सिंह कहते हैं लॉकडाउन की वजह से अकेले ग्वालियर जोन में हर दिन ट्रांसपोर्ट व्यावासियों हर दिन दो से तीन करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है, अगर आगे भी यही स्थिति रही तो करोड़ों रुपए के नुकसान के बावजूद ट्रक ऑपरेटरों के साथ-साथ ड्राइवरों के परिवार भी भुखमरी की कगार पर आ जाएंगे.

देशभर में करीब 95 लाख ट्रक हैं तो वहीं मध्यप्रदेश में करीब 10 लाख ट्रक चलते हैं. लेकिन लॉकडाउन से सब कुछ थम गया. ट्रकों के पहिए थमने से करोड़ों रुपयों का जरूरी सामान भी देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसा है. जिससे देश में जरुरी सामानों की कीमतों में भी उछाल हो रहा है. यानि लॉकडाउन बढ़ा तो समस्या बढ़ेगी.

ग्वालियर। लॉकडाउन के कारण देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई. कारखाने, उद्योग, मार्केट सब बंद हैं, ट्रांसपोर्ट व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो चुकी, जिसका सीधा असर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है. ग्वालियर-चंबल जोन में बड़े पैमाने पर ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय है, लॉकडाउन से ट्रांसपोर्ट के धंधे में करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ.

ट्रांसपोर्ट बंद होने बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था

चंबल अंचल में लगभग 50 हजार से अधिक ट्रकों की आवाजाही होती थी. लेकिन ट्रांसपोर्ट बंद होने की वजह से न केवल व्यवसायी बल्कि इन ट्रकों को चलाने वाले ड्राइवर भी परेशान है, क्योंकि ट्रकों के पहिए थमने से उनका रोजगार बंद हो गया. ग्वालियर ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर एसोसिएशन के महासचिव पलविंदर सिंह कहते हैं लॉकडाउन की वजह से अकेले ग्वालियर जोन में हर दिन ट्रांसपोर्ट व्यावासियों हर दिन दो से तीन करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है, अगर आगे भी यही स्थिति रही तो करोड़ों रुपए के नुकसान के बावजूद ट्रक ऑपरेटरों के साथ-साथ ड्राइवरों के परिवार भी भुखमरी की कगार पर आ जाएंगे.

देशभर में करीब 95 लाख ट्रक हैं तो वहीं मध्यप्रदेश में करीब 10 लाख ट्रक चलते हैं. लेकिन लॉकडाउन से सब कुछ थम गया. ट्रकों के पहिए थमने से करोड़ों रुपयों का जरूरी सामान भी देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसा है. जिससे देश में जरुरी सामानों की कीमतों में भी उछाल हो रहा है. यानि लॉकडाउन बढ़ा तो समस्या बढ़ेगी.

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