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'परीक्षा की पाठशाला' में डॉ. अनुरुद्ध सिंह ने स्टूडेंट्स को दिए तनाव कम करने के टिप्स

परीक्षा का वक्त शुरु हो गया है, छात्र भी परीक्षा की तैयारियों में जुट गए हैं. आज ईटीवी भारत की खास प्रस्तुति परीक्षा की पाठशाला में राष्ट्रीय ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट विंग के सदस्य डॉ. अनुरुद्ध सिंह सिसोदिया ने छात्रों को परीक्षा के वक्त तनाव से दूर रहने के उपाय बताए.

dr anurudh singh sisodia
डॉ. अनुरुद्ध सिंह
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Published : Feb 15, 2020, 8:07 AM IST

Updated : Feb 15, 2020, 9:16 AM IST

ग्वालियर। बोर्ड परीक्षा शुरू होने में अब एक महीने से भी कम का समय बचा है, ऐसे में छात्र अब परीक्षाओं की तैयारियों में जुट गए हैं. ईटीवी भारत छात्रों को परीक्षा से संबंधित हर समस्या का समाधान दिलाने के लिए परीक्षा की पाठशाला कार्यक्रम चला रहा है. इसी के तहत राष्ट्रीय ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट विंग के सदस्य डॉ अनुरुद्ध सिंह सिसोदिया ने ईटीवी भारत से बातचीत में छात्रों को तनाव से दूर रहने के उपाय बताए.

डॉ. अनुरुद्ध सिंह ने दिए एग्जाम के टिप्स

तनाव के वक्त घबराएं न छात्र
परीक्षा के समय तनाव को किस तरह कम किया जाए. डॉ. अनुरुद्ध सिसोदिया ने बताया कि तनाव एक ऐसी परिस्थिति है, जो किसी भी काम को करने में परेशान करती है, लेकिन दुनिया का हर बड़ा काम तनाव में ही होता है. इसलिए तनाव से घबराने की जरुरत नहीं है क्योंकि तनाव में इंसान की बॉडी में कई प्रकार के बदलाव आते हैं, इसलिए तनाव में छात्र ज्यादा से ज्यादा पॉजिटिव सोचने की कोशिश करें, इससे तनाव कम होता है.

तनाव में छात्रों पर ध्यान दें पैरेंट्स
डॉ. अनुरुद्ध सिंह सिसोदिया ने कहा कि तनाव को कभी खत्म नहीं किया जा सकता, इसे मैनेज किया जा सकता है. छात्रों के तनाव को खत्म करने में उनकी मदद सबसे ज्यादा उनके पैरेंट्स कर सकते हैं, अगर पैरेंट्स छात्रों को मोटिवेट करते रहते हैं तो उनका तनाव कम हो जाता है. अगर छात्र अच्छे नंबर भी नहीं ला पाते हैं तो भी उसे डांटने की बजाय मोटिवेट किया जाए. इससे छात्रों को काफी मदद मिलती है.

एग्जाम के समय पर्याप्त नींद लें छात्र
डॉ अनुरुद्ध सिंह ने छात्रों को बताया कि एग्जाम के समय देखा जाता है कि पढ़ने के चक्कर में छात्र नींद कम कर देंते हैं, लेकिन ऐसा करना ठीक नहीं होता. एग्जाम के समय छात्रों को पर्याप्त नींद लेनी चाहिए, लगातार पढ़ने से मस्तिष्क थक जाता है. जिससे बार-बार याद करने पर भी छात्रों को कुछ याद नहीं होता है, इसलिए एग्जाम के वक्त तय समय से सोना चाहिए और पूरी नींद लेनी चाहिए क्योंकि सोने से दिमाग स्थिर होता है. उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि देर रात तक न पढ़कर सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई करें तो ज्यादा फायदेमंद साबित होता है.

एग्जाम के वक्त हल्का खाना खाएं
एक्जाम के दौरान छात्रों को किस तरह की डाइट लेनी चाहिए, इस बारे में भी डॉ. अनुरुद्ध सिंह छात्रों को टिप्स दिए. उन्होंने बताया कि एग्जाम के समय छात्रों को इस तरह का खाना खाने से बचना चाहिए, जिससे आलस्य आए. एग्जाम के वक्त छात्र अपनी डाइट को पांच हिस्सों में बांट लें. जिनमें फल, जूस ज्यादा से ज्यादा लें, जबकि मैदे से बने खाद्य पदार्थों को खाने से बचें. इसके अलावा बॉडी का टेमप्रेचर बनाए रखने के लिए पानी लगातार पीते रहना चाहिए, जिससे छात्रों को परेशानी नहीं होती. अगर छात्र परीक्षा के वक्त इस तरह की डाइट लेंगे तो उन्हें परेशानी नहीं होगी.

एग्जाम पर सोचे कम फोकस ज्यादा करें
डॉ अनुरुद्ध सिंह ने बताया कि अधिकतर छात्र परीक्षा देने की बजाय परीक्षा के बारे में ज्यादा सोचते हैं, जिससे हर वक्त उनके दिमाग में परीक्षा का फोबिया बना रहता है और छात्रों में तनाव की स्थिति बनने लगती है. इसलिए वे छात्रों से कहना चाहते हैं कि परीक्षा के बारे में सोचना बिल्कुल भी नहीं है. बल्कि छात्रों का फोकस एग्जाम देने पर होना चाहिए. आप कर्म कर सकते हैं, फल आपको आपके कर्म के आधार पर मिलता है. इसलिए अपना एग्जाम अच्छे से देने की कोशिश करें. रिजल्ट के बारे में न सोचें, इससे आपका एग्जाम अच्छा जाएगा.

ग्वालियर। बोर्ड परीक्षा शुरू होने में अब एक महीने से भी कम का समय बचा है, ऐसे में छात्र अब परीक्षाओं की तैयारियों में जुट गए हैं. ईटीवी भारत छात्रों को परीक्षा से संबंधित हर समस्या का समाधान दिलाने के लिए परीक्षा की पाठशाला कार्यक्रम चला रहा है. इसी के तहत राष्ट्रीय ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट विंग के सदस्य डॉ अनुरुद्ध सिंह सिसोदिया ने ईटीवी भारत से बातचीत में छात्रों को तनाव से दूर रहने के उपाय बताए.

डॉ. अनुरुद्ध सिंह ने दिए एग्जाम के टिप्स

तनाव के वक्त घबराएं न छात्र
परीक्षा के समय तनाव को किस तरह कम किया जाए. डॉ. अनुरुद्ध सिसोदिया ने बताया कि तनाव एक ऐसी परिस्थिति है, जो किसी भी काम को करने में परेशान करती है, लेकिन दुनिया का हर बड़ा काम तनाव में ही होता है. इसलिए तनाव से घबराने की जरुरत नहीं है क्योंकि तनाव में इंसान की बॉडी में कई प्रकार के बदलाव आते हैं, इसलिए तनाव में छात्र ज्यादा से ज्यादा पॉजिटिव सोचने की कोशिश करें, इससे तनाव कम होता है.

तनाव में छात्रों पर ध्यान दें पैरेंट्स
डॉ. अनुरुद्ध सिंह सिसोदिया ने कहा कि तनाव को कभी खत्म नहीं किया जा सकता, इसे मैनेज किया जा सकता है. छात्रों के तनाव को खत्म करने में उनकी मदद सबसे ज्यादा उनके पैरेंट्स कर सकते हैं, अगर पैरेंट्स छात्रों को मोटिवेट करते रहते हैं तो उनका तनाव कम हो जाता है. अगर छात्र अच्छे नंबर भी नहीं ला पाते हैं तो भी उसे डांटने की बजाय मोटिवेट किया जाए. इससे छात्रों को काफी मदद मिलती है.

एग्जाम के समय पर्याप्त नींद लें छात्र
डॉ अनुरुद्ध सिंह ने छात्रों को बताया कि एग्जाम के समय देखा जाता है कि पढ़ने के चक्कर में छात्र नींद कम कर देंते हैं, लेकिन ऐसा करना ठीक नहीं होता. एग्जाम के समय छात्रों को पर्याप्त नींद लेनी चाहिए, लगातार पढ़ने से मस्तिष्क थक जाता है. जिससे बार-बार याद करने पर भी छात्रों को कुछ याद नहीं होता है, इसलिए एग्जाम के वक्त तय समय से सोना चाहिए और पूरी नींद लेनी चाहिए क्योंकि सोने से दिमाग स्थिर होता है. उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि देर रात तक न पढ़कर सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई करें तो ज्यादा फायदेमंद साबित होता है.

एग्जाम के वक्त हल्का खाना खाएं
एक्जाम के दौरान छात्रों को किस तरह की डाइट लेनी चाहिए, इस बारे में भी डॉ. अनुरुद्ध सिंह छात्रों को टिप्स दिए. उन्होंने बताया कि एग्जाम के समय छात्रों को इस तरह का खाना खाने से बचना चाहिए, जिससे आलस्य आए. एग्जाम के वक्त छात्र अपनी डाइट को पांच हिस्सों में बांट लें. जिनमें फल, जूस ज्यादा से ज्यादा लें, जबकि मैदे से बने खाद्य पदार्थों को खाने से बचें. इसके अलावा बॉडी का टेमप्रेचर बनाए रखने के लिए पानी लगातार पीते रहना चाहिए, जिससे छात्रों को परेशानी नहीं होती. अगर छात्र परीक्षा के वक्त इस तरह की डाइट लेंगे तो उन्हें परेशानी नहीं होगी.

एग्जाम पर सोचे कम फोकस ज्यादा करें
डॉ अनुरुद्ध सिंह ने बताया कि अधिकतर छात्र परीक्षा देने की बजाय परीक्षा के बारे में ज्यादा सोचते हैं, जिससे हर वक्त उनके दिमाग में परीक्षा का फोबिया बना रहता है और छात्रों में तनाव की स्थिति बनने लगती है. इसलिए वे छात्रों से कहना चाहते हैं कि परीक्षा के बारे में सोचना बिल्कुल भी नहीं है. बल्कि छात्रों का फोकस एग्जाम देने पर होना चाहिए. आप कर्म कर सकते हैं, फल आपको आपके कर्म के आधार पर मिलता है. इसलिए अपना एग्जाम अच्छे से देने की कोशिश करें. रिजल्ट के बारे में न सोचें, इससे आपका एग्जाम अच्छा जाएगा.

Last Updated : Feb 15, 2020, 9:16 AM IST
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