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ये हैं खराब शनि के लक्षण, शनि जयंती के दिन 3 शुभ संयोगों पर करें आसान से उपाय - shani jayanti kab hai

ऑफिस में परेशानियों का सामना करना, घर के पालतू काले जानवर (कुत्ता या भैंस) की मौत हो जाना. झूठा आरोप लगना और कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने की स्थिति बनना.शनि के बुरे लक्षण हैं. शनि जयंती (Shani jayanti 30 may 2022) के पावन अवसर पर शनि शांति संबंधी उपाय करने से व्यक्ति को विशेष लाभ की प्राप्ति होगी. (Shomvati amavshya ke upay)

shani jayanti somvati amavsya 30 may 2022
शनि जयंती 30 मई सोमवती अमावस्या के उपाय
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Published : May 28, 2022, 6:37 PM IST

Updated : May 28, 2022, 6:55 PM IST

ईटीवी भारत डेस्क : हिन्दू धर्म में ग्रह नक्षत्रों को महत्वपूर्ण माना जाता है. यदि शनि ग्रह की बात तो शास्त्रों के अनुसार शनिदेव न्याय के देवता हैं. हिंदी मास के ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को इनका जन्म हुआ था. शनि भगवान सूर्य और छाया की सन्तान हैं. सूर्य के अन्य पुत्रों की अपेक्षा शनि प्रारम्भ से ही विपरीत स्वभाव के थे. शनिदेव लोगों के पाप कर्म का फल उनको प्रदान करते हैं. यही नहीं शनिदेव पिछले जन्मों के संचित पाप और पुण्य दोनों ही कर्मों के फल सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों रूप में देते हैं. आमलोग शनि के प्रकोप से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं. न्याय के देवता शनिदेव को प्रसन्न करने और उसके दुष्प्रभावों से बचने के लिये के लिए (May amavshya 2022) अमावस्या, शनिवार और शनि जयंती (Shani jayanti somvati amavsya 30 may 2022 remedies) के दिन बहुत ही महत्वपूर्ण माने जाते हैं.

प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ मास (Jyestha Maas amavshya 2022) की अमावस्या शनि जयंती मनाई जाती है. इस वर्ष शनि जयंती 30 मई (Shani jayanti 30 may 2022) को है. इस वर्ष शनि जयंती के दिन विशेष संयोग भी देखने को मिलेंगे जो अद्भुत है. शनि जयंती के दिन शनिदेव अपनी स्वराशि कुंभ में विराजमान हैं. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, वट सावित्री व्रत व सोमवती अमावस्या (Shomvati amavshya ke upay) भी है. इस प्रकार शनि जयंती के पावन अवसर पर शनि शांति संबंधी उपाय करने से व्यक्ति को विशेष लाभ की प्राप्ति होगी.

इन अचूक मंत्रों से मिलेगा अखंड सौभाग्य, जानिये वट सावित्री व्रत कथा, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

माना जाता है कि इस दिन शनि देव का प्राकट्य हुआ था. अक्सर लोगों की धारणा रहती है कि शनिदेव क्रूर देवता हैं लेकिन ज्योतिष की मानें तो यह एक मिथ्या है. शनि देव न्याय के देवता हैं जो हमेशा न्यायोचित कार्य ही करते हैं.शनिदेव कभी भी किसी भी मनुष्य को बिना किसी कारण दुख या दंड नहीं देते हैं. लेकिन एक बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि शनि देव की उपासना में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें. धुले हुए साफ-सुथरे कपड़े पहनकर शनि देव की आराधना करें.

शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती : ज्योतिष की मानें तो कुछ राशियों के लिए शनिदेव का बड़ा ही अनुकूल फल मिलता है जैसे मकर, कुंभ, वृषभ, तुला, वृश्चिक राशि के लिए शनि को बड़ा ही फलदायक माना गया है. वहीं सिंह, कन्या, धनु राशि के लिए शनि देव उतने फलदायक नहीं होते. ऐसा माना जाता है कि जिनकी कुंडली में शनि बड़ी ही शक्तिशाली होते हैं उन्हें पद-प्रतिष्ठा, मान-सम्मान दिलाने में बहुत मदद करते हैं. पंडित संदीप अत्रेय शास्त्री बताते हैं कि शनि को प्रसन्न करने के लिए न्याय पर चलना सबसे जरूरी है. हालांकि वर्तमान समय में कुंभ राशि में हैं जिससे कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या चल रही है. इस दौरान मकर, कुंभ और मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती होगी.

फेमस बॉलीवुड के एस्ट्रॉलजर खुराना जी से जाने अपना संपूर्ण राशिफल

शनिदेव ऐसे देवता हैं जो व्यक्ति की तरक्की में बहुत महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. शनि जयंती (shani jayanti somvati amavsya 30 may 2022 remedies) के दिन जिन भी जातकों की कुंडली में शनि उच्च स्थान पर होता है उनको तो फायदा होगा ही साथ ही आज के दिन भगवान शनि की पूजा उपासना करने से शनि देव उन लोगों को भी विशेष कृपा देते हैं जिनकी कुंडली में शनि इन दिनों निचले स्थान पर विराजमान हैं. इस दिन पीपल के पेड़ के पास सरसों के तेल का दिया दिया जलाने से कुंडली में शनि देव प्रसन्न होते हैं.

ये हैं शनि के बुरे प्रभाव का इशारा

  • शनि के अशुभ प्रभाव के कारण व्‍यक्ति को पैरों से संबंधित कोई रोग हो सकता है
  • व्यक्ति का क्षमता से अधिक काम करना और उसके बाद भी उसे उस काम का श्रेय ना मिलना.
  • लगातार आर्थिक नुकसान होना या बनते हुए काम बिगड़ जाना.
  • घर के पालतू काले जानवर (जैसे- काला कुत्ता या भैंस) की मौत हो जाना.
  • बहुत मेहनत करने के बाद व्‍यक्ति को उसका ना के बराबर फल मिलना.
  • कोई झूठा आरोप लगना और उसके कारण कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने की स्थिति बनना.
  • शनि के अशुभ प्रभाव के कारण नौकरीपेशा लोगों को ऑफिस में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
  • किसी महंगी चीज का खो जाना या चोरी होना.
  • घर की दीवारों पर बार-बार पीपल के पौधे उगना.
  • घर के कोनों में मकड़ियां बार-बार जाल बनाएं तो भी समझ लें कि भगवान शनि देव की आपके ऊपर काली छाया पड़ने वाली है.
  • चींटियों का आना भी शनि के अशुभ प्रभाव का संकेत देता है.
  • काली बिल्लियों का आपके घर के आस-पास रहना भी शनि के अशुभ छाया का संकेत होता है.

वर्ष 2022 शनि का प्रभाव रहेगा सभी राशि वालों पर, 3 राशियों पर है शनि की साढ़ेसाती 2 पर ढैय्या

गरीबों की करें मदद : हमारे बड़े कहते आए हैं कि परोपकार से बड़ा कोई धर्म नहीं, और अगर ये उपकार किसी गरीब पर किया जाए तो उसका फल बेहतरीन ही होगा. शनिदेव को मनाने का एक अहम उपाय है हमेशा नि:स्वार्थ मन से किसी गरीब की मदद करें. ऐसा करने से शनिदेव जल्द ही प्रसन्न होकर आपका कल्याण करेंगे. इसके अलावा पीपल की जड़ में केसर, चंदन, चावल, फूल मिला हुआ जल अर्पित करें. शनिवार के दिन तिल का तेल का दीप जलाएं और पूजा करें. तेल में बनी खाद्य सामग्री गाय, कुत्ता और भिखारी को खिलाएं. यदि शनि का बुरा प्रभाव हो तो मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप भी खराब शनि के लक्षण से (kharaab shani ke lakshan) काफी राहत देगा.

शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय : शनिदेव को प्रसन्न करना बड़ा ही आसान है. शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. साथ ही दशरथकृत शनि स्त्रोत का पाठ करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं. अगर आप के आसपास कोई भी शनि मंदिर नहीं है तो आप शिव या भैरव मंदिर जाकर भी भगवान शनि की उपासना कर सकते हैं. आज के दिन भैरव मंदिर में शुद्ध मन से सरसों के तेल का दीया जलाने से शनिदेव सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. शनि देव ने हनुमान जी को वचन दिया था कि आपकी भक्ति करने वाले सभी भक्तों पर विशेष कृपा रखेंगे. इसीलिए मंगलवार और शनिवार को बजरंग बाण और हनुमान चालीसा करने से शनि देव प्रसन्न रहते हैं. रोजाना नियमानुसार हनुमान चालीसा का पाठ करें. कौवे को रोटी खिलाएं. भिखारी, लाचार व्यक्ति, सेवकों और सफाई कर्मियों को दान देना भी आपके पक्ष में जा सकता है. तिल, उड़द, भैंस, लोहा, तेल, काला वस्त्र, काली गौ और जूता दान देने से शनि का प्रकोप कम होता है. ज्योतिर्विदों के अनुसार शनिवार के दिन एक कटोरी में तिल का तेल लेकर उसमें अपना मुंह देखने के बाद उसे शनि मंदिर में रखने से भी दोष दूर होता है. शनि देव को तिल का तेल चढ़ाएं. इससे शनि देव शीघ्र ही प्रसन्न होते है. काली चीजें जैसे काले चने, काले तिल, उड़द की दाल, काले कपड़े आदि का जितना हो सके दान करें.

शनि-राहु के प्रकोप बचना है तो आज जरूर करें ये काम, ये शानदार मौका छूट न जाए

भूल कर भी ना करें ये काम : न्याय के देवता शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए ये अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण है. इस दिन कुछ चीजें वर्जित हैं. जानकारों के मुताबिक शनि जयंती पर बाल नहीं कटवाने चाहिए, न ही नाखून काटा जाना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि इससे आर्थिक तरक्की रुक जाती है. एक और खास बात, शनि जयंती के दिन कांच की वस्तुएं खरीदना भी वर्जित माना गया है.

आंखें नीची कर होती है शनि पूजा : जानकार कहते हैं कि शनिदेव की पूजा करते समय उपासक को भूलकर भी उनसे अपनी दृष्टि नहीं मिलानी चाहिए. अन्यथा उपासक के जीवन में अनिष्ट हो सकता है. ऐसे में आंख मिलाकर उनकी पूजा करने से उपासक के जीवन में अनिष्ट हो सकता है. इसलिए शनिदेव के सामने कभी भी एकदम खड़े होकर उनकी आंखों में आँख डालकर पूजा या दर्शन नहीं करनी चाहिए. दरअसल मान्यता के अनुसार शनिदेव को परम तेजस्विनी पत्नी के श्राप के कारण उनकी दृष्टि वक्र हो गई. इसलिए कहा जाता है कि पूजा करते समय उनसे आंख मिलाने पर उपासक के जीवन में अशुभता आ सकती है.

आज शनि जयंती अमावस्या के दुर्लभ संयोग पर आसान उपायों से दूर होंगे सब के शनि जन्य कष्ट

ईटीवी भारत डेस्क : हिन्दू धर्म में ग्रह नक्षत्रों को महत्वपूर्ण माना जाता है. यदि शनि ग्रह की बात तो शास्त्रों के अनुसार शनिदेव न्याय के देवता हैं. हिंदी मास के ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को इनका जन्म हुआ था. शनि भगवान सूर्य और छाया की सन्तान हैं. सूर्य के अन्य पुत्रों की अपेक्षा शनि प्रारम्भ से ही विपरीत स्वभाव के थे. शनिदेव लोगों के पाप कर्म का फल उनको प्रदान करते हैं. यही नहीं शनिदेव पिछले जन्मों के संचित पाप और पुण्य दोनों ही कर्मों के फल सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों रूप में देते हैं. आमलोग शनि के प्रकोप से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं. न्याय के देवता शनिदेव को प्रसन्न करने और उसके दुष्प्रभावों से बचने के लिये के लिए (May amavshya 2022) अमावस्या, शनिवार और शनि जयंती (Shani jayanti somvati amavsya 30 may 2022 remedies) के दिन बहुत ही महत्वपूर्ण माने जाते हैं.

प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ मास (Jyestha Maas amavshya 2022) की अमावस्या शनि जयंती मनाई जाती है. इस वर्ष शनि जयंती 30 मई (Shani jayanti 30 may 2022) को है. इस वर्ष शनि जयंती के दिन विशेष संयोग भी देखने को मिलेंगे जो अद्भुत है. शनि जयंती के दिन शनिदेव अपनी स्वराशि कुंभ में विराजमान हैं. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, वट सावित्री व्रत व सोमवती अमावस्या (Shomvati amavshya ke upay) भी है. इस प्रकार शनि जयंती के पावन अवसर पर शनि शांति संबंधी उपाय करने से व्यक्ति को विशेष लाभ की प्राप्ति होगी.

इन अचूक मंत्रों से मिलेगा अखंड सौभाग्य, जानिये वट सावित्री व्रत कथा, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

माना जाता है कि इस दिन शनि देव का प्राकट्य हुआ था. अक्सर लोगों की धारणा रहती है कि शनिदेव क्रूर देवता हैं लेकिन ज्योतिष की मानें तो यह एक मिथ्या है. शनि देव न्याय के देवता हैं जो हमेशा न्यायोचित कार्य ही करते हैं.शनिदेव कभी भी किसी भी मनुष्य को बिना किसी कारण दुख या दंड नहीं देते हैं. लेकिन एक बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि शनि देव की उपासना में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें. धुले हुए साफ-सुथरे कपड़े पहनकर शनि देव की आराधना करें.

शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती : ज्योतिष की मानें तो कुछ राशियों के लिए शनिदेव का बड़ा ही अनुकूल फल मिलता है जैसे मकर, कुंभ, वृषभ, तुला, वृश्चिक राशि के लिए शनि को बड़ा ही फलदायक माना गया है. वहीं सिंह, कन्या, धनु राशि के लिए शनि देव उतने फलदायक नहीं होते. ऐसा माना जाता है कि जिनकी कुंडली में शनि बड़ी ही शक्तिशाली होते हैं उन्हें पद-प्रतिष्ठा, मान-सम्मान दिलाने में बहुत मदद करते हैं. पंडित संदीप अत्रेय शास्त्री बताते हैं कि शनि को प्रसन्न करने के लिए न्याय पर चलना सबसे जरूरी है. हालांकि वर्तमान समय में कुंभ राशि में हैं जिससे कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या चल रही है. इस दौरान मकर, कुंभ और मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती होगी.

फेमस बॉलीवुड के एस्ट्रॉलजर खुराना जी से जाने अपना संपूर्ण राशिफल

शनिदेव ऐसे देवता हैं जो व्यक्ति की तरक्की में बहुत महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. शनि जयंती (shani jayanti somvati amavsya 30 may 2022 remedies) के दिन जिन भी जातकों की कुंडली में शनि उच्च स्थान पर होता है उनको तो फायदा होगा ही साथ ही आज के दिन भगवान शनि की पूजा उपासना करने से शनि देव उन लोगों को भी विशेष कृपा देते हैं जिनकी कुंडली में शनि इन दिनों निचले स्थान पर विराजमान हैं. इस दिन पीपल के पेड़ के पास सरसों के तेल का दिया दिया जलाने से कुंडली में शनि देव प्रसन्न होते हैं.

ये हैं शनि के बुरे प्रभाव का इशारा

  • शनि के अशुभ प्रभाव के कारण व्‍यक्ति को पैरों से संबंधित कोई रोग हो सकता है
  • व्यक्ति का क्षमता से अधिक काम करना और उसके बाद भी उसे उस काम का श्रेय ना मिलना.
  • लगातार आर्थिक नुकसान होना या बनते हुए काम बिगड़ जाना.
  • घर के पालतू काले जानवर (जैसे- काला कुत्ता या भैंस) की मौत हो जाना.
  • बहुत मेहनत करने के बाद व्‍यक्ति को उसका ना के बराबर फल मिलना.
  • कोई झूठा आरोप लगना और उसके कारण कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने की स्थिति बनना.
  • शनि के अशुभ प्रभाव के कारण नौकरीपेशा लोगों को ऑफिस में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
  • किसी महंगी चीज का खो जाना या चोरी होना.
  • घर की दीवारों पर बार-बार पीपल के पौधे उगना.
  • घर के कोनों में मकड़ियां बार-बार जाल बनाएं तो भी समझ लें कि भगवान शनि देव की आपके ऊपर काली छाया पड़ने वाली है.
  • चींटियों का आना भी शनि के अशुभ प्रभाव का संकेत देता है.
  • काली बिल्लियों का आपके घर के आस-पास रहना भी शनि के अशुभ छाया का संकेत होता है.

वर्ष 2022 शनि का प्रभाव रहेगा सभी राशि वालों पर, 3 राशियों पर है शनि की साढ़ेसाती 2 पर ढैय्या

गरीबों की करें मदद : हमारे बड़े कहते आए हैं कि परोपकार से बड़ा कोई धर्म नहीं, और अगर ये उपकार किसी गरीब पर किया जाए तो उसका फल बेहतरीन ही होगा. शनिदेव को मनाने का एक अहम उपाय है हमेशा नि:स्वार्थ मन से किसी गरीब की मदद करें. ऐसा करने से शनिदेव जल्द ही प्रसन्न होकर आपका कल्याण करेंगे. इसके अलावा पीपल की जड़ में केसर, चंदन, चावल, फूल मिला हुआ जल अर्पित करें. शनिवार के दिन तिल का तेल का दीप जलाएं और पूजा करें. तेल में बनी खाद्य सामग्री गाय, कुत्ता और भिखारी को खिलाएं. यदि शनि का बुरा प्रभाव हो तो मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप भी खराब शनि के लक्षण से (kharaab shani ke lakshan) काफी राहत देगा.

शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय : शनिदेव को प्रसन्न करना बड़ा ही आसान है. शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. साथ ही दशरथकृत शनि स्त्रोत का पाठ करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं. अगर आप के आसपास कोई भी शनि मंदिर नहीं है तो आप शिव या भैरव मंदिर जाकर भी भगवान शनि की उपासना कर सकते हैं. आज के दिन भैरव मंदिर में शुद्ध मन से सरसों के तेल का दीया जलाने से शनिदेव सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. शनि देव ने हनुमान जी को वचन दिया था कि आपकी भक्ति करने वाले सभी भक्तों पर विशेष कृपा रखेंगे. इसीलिए मंगलवार और शनिवार को बजरंग बाण और हनुमान चालीसा करने से शनि देव प्रसन्न रहते हैं. रोजाना नियमानुसार हनुमान चालीसा का पाठ करें. कौवे को रोटी खिलाएं. भिखारी, लाचार व्यक्ति, सेवकों और सफाई कर्मियों को दान देना भी आपके पक्ष में जा सकता है. तिल, उड़द, भैंस, लोहा, तेल, काला वस्त्र, काली गौ और जूता दान देने से शनि का प्रकोप कम होता है. ज्योतिर्विदों के अनुसार शनिवार के दिन एक कटोरी में तिल का तेल लेकर उसमें अपना मुंह देखने के बाद उसे शनि मंदिर में रखने से भी दोष दूर होता है. शनि देव को तिल का तेल चढ़ाएं. इससे शनि देव शीघ्र ही प्रसन्न होते है. काली चीजें जैसे काले चने, काले तिल, उड़द की दाल, काले कपड़े आदि का जितना हो सके दान करें.

शनि-राहु के प्रकोप बचना है तो आज जरूर करें ये काम, ये शानदार मौका छूट न जाए

भूल कर भी ना करें ये काम : न्याय के देवता शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए ये अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण है. इस दिन कुछ चीजें वर्जित हैं. जानकारों के मुताबिक शनि जयंती पर बाल नहीं कटवाने चाहिए, न ही नाखून काटा जाना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि इससे आर्थिक तरक्की रुक जाती है. एक और खास बात, शनि जयंती के दिन कांच की वस्तुएं खरीदना भी वर्जित माना गया है.

आंखें नीची कर होती है शनि पूजा : जानकार कहते हैं कि शनिदेव की पूजा करते समय उपासक को भूलकर भी उनसे अपनी दृष्टि नहीं मिलानी चाहिए. अन्यथा उपासक के जीवन में अनिष्ट हो सकता है. ऐसे में आंख मिलाकर उनकी पूजा करने से उपासक के जीवन में अनिष्ट हो सकता है. इसलिए शनिदेव के सामने कभी भी एकदम खड़े होकर उनकी आंखों में आँख डालकर पूजा या दर्शन नहीं करनी चाहिए. दरअसल मान्यता के अनुसार शनिदेव को परम तेजस्विनी पत्नी के श्राप के कारण उनकी दृष्टि वक्र हो गई. इसलिए कहा जाता है कि पूजा करते समय उनसे आंख मिलाने पर उपासक के जीवन में अशुभता आ सकती है.

आज शनि जयंती अमावस्या के दुर्लभ संयोग पर आसान उपायों से दूर होंगे सब के शनि जन्य कष्ट

Last Updated : May 28, 2022, 6:55 PM IST
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